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SPECIAL: कोरोनाकाल में जिंदगी 'सस्ती', अंतिम संस्कार 'महंगा'... मौत के आंकड़े भी छुपा रहे!

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Published : May 7, 2021, 7:50 PM IST

Prices of wood increased during the Corona period
अंतिम संस्कार हुआ महंगा

कोरोना संक्रमण अब हर गांव, गली और घर तक दस्तक दे चुका है. कोरोना मरीजों की मौत की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. श्मशान घाटों में पहले से ज्यादा शव पहुंच रहे हैं. लकड़ियों के दाम बढ़ने से अब अंतिम सफर भी महंगा हो गया है. हालांकि भरतपुर नगर निगम कोरोना पीड़ितों के अंतिम संस्कार के लिए नि:शुल्क लकड़ियां उपलब्ध करा रहा है.

भरतपुर: राजस्थान में कोरोना से हर दिन बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही है. हजारों की संख्या में लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं. कोरोना संक्रमण के इस दौर में अब श्मशान घाट में अंतिम संस्कार करने के लिए लकड़ियों के भी ज्यादा दाम चुकाने पड़ रहे हैं.

श्मशान घाटों पर लकड़ियों के दाम बढ़े

लकड़ी महंगी इसलिए अंतिम संस्कार भी महंगा

कोरोना संक्रमण के इस दौर में श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कराना भी महंगा हो गया है. पिछले साल 700-800 रुपए प्रति क्विंटल लकड़ियां मिल जाती थी. इस बार 900 रुपए प्रति क्विंटल तक लकड़ियां मिल रही है. लिहाजा अंतिम संस्कार करना महंगा हो गया है.

Prices of wood increased during the Corona period
900 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रही लकड़ी

नि:शुल्क लकड़ियां उपलब्ध करा रहा नगर निगम

भरतपुर में कोरोना पीड़ितों का अंतिम संस्कार नगर निगम के कुम्हेर गेट स्थित श्मशान घाट में किया जाता है. यहां कोरोना पीड़ितों के अंतिम संस्कार के लिए नगर निगम की ओर से नि:शुल्क लकड़ियां उपलब्ध कराई जा रही है.

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इलेक्ट्रिक शवदाह में 70% अंतिम संस्कार

कुम्हेर गेट स्थित श्मशान घाट के चौकीदार राकेश ने बताया कि ज्यादातर कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार इलेक्ट्रिक शवदाह गृह (Electric Crematorium) में किया जा रहा है. 50 में से करीब 35 अंतिम संस्कार इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में और करीब 15 अंतिम संस्कार लकड़ियों से किए गए.

Prices of wood increased during the Corona period
अस्थियां रखने की जगह नहीं बची

अस्थि कलश रखने के लिए कम पड़ रहे बॉक्स

नई मंडी श्मशान घाट के चौकीदार विष्णु कुमार ने बताया कि बीते दिनों में आम दिनों की तुलना में अंतिम संस्कार ज्यादा होने लगे हैं. मार्च 2021 में 22 और अप्रेल 2021 में 44 मृतकों के अंतिम संस्कार हुए. ऐसे में श्मशान घाट में सिर्फ 19 अस्थि कलश रखने के लिए बॉक्स उपलब्ध हैं. अब बॉक्स कम पड़ रहे हैं. कई परिजनों को तो अस्थि कलश साथ ही ले जाने को बोल देते हैं. विष्णु कुमार ने बताया कि यदि 10 बॉक्स की सुविधा और मिल जाए तो लोगों की परेशानी काम हो जाएगी.

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मौत के आंकड़े भी छुपा रहे!

भरतपुर में चिकित्सा विभाग और नगर निगम के श्मशान घाट में कोरोना मृतकों के अंतिम संस्कार के आंकड़ों में भी बड़ा अंतर सामने आ रहा है. चिकित्सा विभाग इस सीजन में कोरोना से 33 लोगों की मौत होना बता रहा. जबकि बीते 44 दिन में नगर निगम के श्मशान घाट में करीब 50 लोगों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है.

कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार नगर निगम के कुम्हेर गेट स्थित श्मशान घाट में किया जाता है. यहां के चौकीदार राकेश ने बताया कि 23 मार्च 2021 से 5 मई तक कुल 50 कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है. 1 मई से 5 मई तक सिर्फ 5 दिन में 28 कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया. जबकि चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक इस सीजन में 5 मई तक कोरोना से कुल 33 लोगों की मौत हुई है. 1 से 5 मई तक 11 लोगों की मौत होना बताया गया है. ऐसे में श्मशान घाट की तुलना में विभाग के आंकड़ों में 17 मौत कम दिखा रखी है.

Prices of wood increased during the Corona period
मोक्षधाम तक पीछा नहीं छोड़ रही महंगाई

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कप्तान सिंह का कहना है कि जिन लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत की पुष्टि हो पाती है, उन्हीं को आंकड़ों में शामिल किया जाता है.

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