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पितृ मोक्ष और शनिश्चरी अमावस्या पर लगा भक्तों का मेला, 20 साल बाद बना ऐसा संयोग

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Published : Sep 27, 2019, 3:05 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 3:23 PM IST

शनि मंदिर

मुरैना जिले के ऐंती गांव के पास स्थित शनि पर्वत पर पितृ मोक्ष और शनिश्चरी अमावस्या एक साथ होने के चलते भक्तों का मेला लगा हुआ है.

मुरैना। सौर मंडल के सबसे सुन्दर ग्रह शनि की धार्मिक तौर पर पहचान लोगों के बीच भले ही गर्म मिजाज की हो, बावजूद इसके इनके दर पर भक्तों की लंबी कतारें लगती हैं. पितृ मोक्ष और शनिश्चरी अमावस्या एक साथ होने के चलते ऐसा ही नजारा जिले के ऐंती गांव के पास स्थित शनि पर्वत का है, जहां मंदिर में शनि देव की पूजा-अर्चना करने लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है.

शनि मंदिर में लगा भक्तों का मेला

कहा जा रहा है कि ऐसा दुर्लभ संयोग 20 साल बाद बना है. इससे पहले 1999 में दोनों अमावस्याएं एक साथ पड़ी थीं. इस मंदिर के बारे में एक लोक कथा प्रचलित है कि ये त्रेतायुग में बनाया गया था.

वहीं भक्तों की भीड़ को देखते हुए 28 सितंबर को लगने वाले मेले से पहले ही जिला प्रशासन ने कमर कस ली है और सुरक्षा के सभी इंतजाम कर लिए हैं. मुरैना कलेक्टर प्रियंका दास ने बताया कि जिला प्रशासन को अंदाजा था कि दोनों अमावस्याएं साथ होने के चलते यहां पिछले सालों की अपेक्षा ज्यादा भीड़ होगी, इसलिए प्रशासन ने पहले से ही सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं.

Intro:एंकर - सौर मंडल के सबसे महत्वपूर्ण, चमकीले एवं सुन्दर ग्रह को क्रूर ग्रह मानकर लोग भयभीत रहते है जबकि यह ग्रह व्यक्ति के कर्म अनुसार अच्छे बुरे कर्म फल का निर्णायक है, शनिदेव कर्म फल का भुगतान करवा कर व्यक्ति की आत्मा को शुद्व बनाने तथा आत्मोन्नति में सहायक होता है। भगवान शनि को मृत्युलोक का न्यायाधीश माना गया है ,मुरैना जिले के ऐंती गाँव के पास शनि पर्वत पर कल शानि मंदिर पर सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या के साथ इस बार शनिश्चरी अमावस्या का अद्भुभुत योग बन रहा है। यह संयोग 20 साल बाद बन रहा है , इससे पहले वर्ष 1999 में दोनों अमावस्या एक साथ पड़ी थीं , शनिश्चरी अमावस्या यानि 28 सितंबर को जिले के गाँव ऐंती स्थित त्रेतायुगीन शनि मंदिर पर विशाल मेला लगेगा, जिसकी तैयारियां जिला प्रशासन ने लगभग पूरी कर ली हैं। कलेक्टर प्रियंका दास ने मेले में लगने वाली डियूटी पर तैनात सभी अधिकारीयों को उनकी जिम्मेदारियां सौंप दी है। Body:वीओ - जानकारी के आनुसार बता दें कि शनिश्चरी अमावस्या भले ही 28 सितंबर को है लेकिन 27 सितंबर की रात से ही जिला मुख्यालय सहित आसपास के राज्यों व दूर-दराज से श्रद्धालुओं का आगमन शनि मंदिर पर होने लगता है, श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए कलेक्टर ने अफसरों की अलग-अलग ड्यूटी लगाई है। मेला में दूर-दराज से लाखों की संख्‍या में श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए मंदिर जाने वाले रास्तों पर भारी वाहनों का आवागमन पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। पुलिस की तरफ़ से भी सुरक्षा व्यवस्था भी की गई है शनिमेला में अलग अलग पॉइंटों पर पुलिस जवान तैनात किए जायेंगे। मेले की वजह से कुछ रूटों पर भारी वाहनों का प्रतिबंध भी किया गया है। Conclusion:बाइट - प्रियंका दास  --------- कलेक्टर मुरैना।  
Last Updated :Sep 27, 2019, 3:23 PM IST
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