ETV Bharat / state

शौचालय निर्माण के बाद भी पंचायत ने नहीं किया भुगतान, CM हेल्पलाइन में भी लगा चुका है गुहार

author img

By

Published : Mar 7, 2019, 2:24 PM IST

ग्राम पंचायत द्वारा निजी वेड़रों से शौचालाय निर्माण करा लिया गया लेकिन दो साल बीतने के बाद भी अभी तक पांच लाख रुपये का भुगतान राशि नहीं दी.

राजेश प्रजापति

झाबुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छ भारत योजना के अंतर्गत गांव को निर्मल बनाने के लिए शौचालय विहीन घरों में इज्जत घर बनाए गये. शौचालय निर्माण के लिए ग्राम पंचायतों ने निजी वेंडरों से शौचालय निर्माण का काम तो करवा लिया लेकिन, अभी तक 2 वेंडरों का भुगतान नहीं किया गया.

swachh bharat scheme,mp news
शौचालय निर्माण

दरअसल,मामला मेघनगर जनपद की ग्राम पंचायत पिपलिया का है.स्वच्छ भारत अभियान के तहत ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण के लिए हितग्राहियों के खातों में शासन ने 12 हजार रूपये प्रति शौचालय के मान से भुगतान किया था. पंच पिपलिया ग्राम पंचायत ने वेंडर राजेश प्रजापति से गांव में 42 शौचालय बनवाए लेकिन पिछले दो साल बाद भी भुगतान नहीं किया. जिसके लिए वो ग्राम पंचायत से लेकर कलेक्टर कार्यालय तक के चक्कर काट कर रहा है.

शौचालय निर्माण

राजेश प्रजापति के मुताबिक उसका 5 लाख रुपये अभी भी बकाया है, राशि के भुगतान के लिए पीड़ित ने सीएम हेल्पलाइन से लेकर कलेक्टर की जनसुनवाई में कई आवेदन किए, लेकिन जिला प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया.

Intro:झाबुआ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छ भारत योजना के अंतर्गत गांव को निर्मल बनाने के लिए शौचालय विहीन घरों में इज्जत घर बनाए गए । शौचालय निर्माण के लिए ग्राम पंचायतों ने निजी वेंडरों से शौचालय निर्माण का काम तो करवा लिया किंतु अब 2 वेंडर अपने भुगतान के लिए परेशान हो रहे है ।मामला मेघनगर जनपद की ग्राम पंचायत पिपलिया का है जहां पिछले 2 सालों से ग्राम पंचायत सचिव सरपंच वेंडर को 500000 का भुगतान नहीं कर रही।


Body:स्वच्छ भारत अभियान के तहत ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण के लिए हितग्राहियों के खातों में शासन ने 12000 प्रति शौचालय के मान से भुगतान किया था। पंच पिपलिया ग्राम पंचायत ने वेंडर राजेश प्रजापति से गांव में 42 शौचालय बनवाए किंतु इसकी एवज में हितग्राहियों से वसूले गए रुपए का भुगतान वेंडर को नहीं किया । इस मामले में राजेश प्रजापति ने 2 सालों से ग्राम पंचायत से लेकर कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काट कर रहे हैं ।


Conclusion:अपने 500000 के भुगतान के लिए राजेश प्रजापत ने सीएम हेल्पलाइन से लेकर कलेक्टर की जनसुनवाई में कई आवेदन दिए किंतु आज तक इन आवेदनों का कोई निराकरण नहीं निकाला गया। हैरानी तो इस बात की है कि सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजना में शामिल सीएम हेल्पलाइन में शिकायत 2 सालों से लंबित है । समस्याओं का हल समय रहते ना होने से आम लोगों का प्रशासन से विश्वास उठने लगता है जो असफल सरकार का प्रतीक भी माना जाता है ऐसे मामलों में सरकार की छवि धूमिल होती है, ओर ऐसा ही इस मामले में हो रहा है ।
बाइट राजेश प्रजापत वेंडर ।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.