जबलपुर। सतीश सनपाल ने ये रकम संभवतः दुबई या अन्य ठिकानों पर भेज दी है. इस पूरे मामले में सतीश सनपाल, उसके चाचा समेत कुल 5 आरोपियों पर पुलिस ने अब तक एफआईआर दर्ज कर ली है. एक-एक कर जो खुलासे हो रहे हैं, वह एक बड़े हवाला रैकेट की ओर इशारा करते हैं. पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा द्वारा बनाई गई एसआईटी की टीम ने अब तक जो जांच की है, उसमें 13 शैल कंपनियां सतीश और उनके परिवार जनों के नाम पर दर्ज पाई गईं.
ऐसे खुली फर्जी कंपनियों की पोल : इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन तो पेपरों पर था लेकिन भौतिक सत्यापन पर पता चला कि ऐसी कोई कंपनियां अस्तित्व में थी ही नहीं. जिस प्रकार से जांच में खुलासे हो रहे हैं वह अब ईडी या आयकर विभाग को जांच में शामिल करने की ओर इशारा करते हैं. करीब 3 से 4 सालों के अंतराल में सट्टा और हवाला से जुड़े कई मामलों के तार सतीश सनपाल से जुड़ चुके हैं लेकिन आज तक वो पुलिस रडार से बाहर है. जिला पुलिस द्वारा लुकआउट नोटिस भी जारी कर दिया गया है और जल्द प्रयास किए जा रहे हैं कि सतीश सनपाल की गिरेबां तक जांच एजेंसियां पहुंच सकें.
बढ़ सकता है आंकड़ा : सट्टा का फलता फूलता और पनपता अवैध व्यापार ना केवल जबलपुर बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में फैला हुआ है, जिसका कर्ताधर्ता सतीश सनपाल है. अब तक चर्चा में बने सतीश पाल पुलिस गिरफ्त से कोसों दूर है लेकिन दुबई में बैठे-बैठे भी वह अरबों के बोगस ट्रांजेक्शन को करने में सक्षम है. यह सब करने में सतीश और उसके गुर्गों का एक बड़ा हाथ है, जिसे एक-एक कर पुलिस बेनकाब कर रही है. एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा का कहना है कि आने वाले दिनों में उम्मीद की जा रही है कि बोगस ट्रांजैक्शन का यह आंकड़ा और कई अरब का हो सकता है.