ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक रोप वे इन दिनों राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है. हालात यह है कि पिछले 40 सालों से शहर में रोप-वे के निर्माण की उम्मीद लगाए बैठे शहरवासियों की उम्मीदों को फिर झटका लगा है. नेशनल हाईवे लॉजिस्टिकल मैनेजमेंट कंपनी ने रोप-वे निर्माण कार्य के टेंडर को निरस्त कर दिया है. बताया जा रहा है कि टेंडर निरस्त करने की मुख्य वजह पूर्व में रोप-वे निर्माण का कार्य लेने वाली कंपनी द्वारा न्यायालय में नेशनल हाईवे लॉजिस्टिकल मैनेजमेंट कंपनी को पार्टी बनाया है और किले के ऊपर जमीन नहीं मिलना बताया है. कंपनी के अधिकारियों ने बताया है कि जब तक कोर्ट केस खत्म नहीं होता, तब तक टेंडर जारी नहीं किए जाएंगे.
2 साल में बनकर तैयार होना था रोप-वे: बता दें नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की सहयोगी संस्था नेशनल हाईवे लॉजिस्टिकल मैनेजमेंट कंपनी द्वारा 127 करोड़ की लागत से रोप-वे बनाने का कार्य लिया गया था. इसमें 1.88 किलोमीटर लंबे और लोअर टर्मिनल फूलबाग बारादरी पर और अपर टर्मिनल के लिए किले के ऊपर खड़ा करना था. यह रोप वे 2 साल में बनकर तैयार होना था और सितंबर 2023 से बनाने का कार्य शुरू किया जाना था. वहीं इस बार रोप-वे की लंबाई 300 मीटर रखी गई थी. जबकि पूर्व में कंपनी दामोदर राव द्वारा 556 मीटर में रोप-वे बनाया जा रहा था.
अधर में लटका काम: वहीं अब बताया जा रहा है कि रोप-वे का निर्माण कार्य पूर्व में दामोदर राव कंपनी को दिए जाने का मामला न्यायालय में होने और किले के ऊपर की जमीन नहीं मिलने से फिर टेंडर निरस्त कर दिया है. जब तक कोर्ट में यह केस खत्म नहीं हो जाता, तब तक रोप-वे का टेंडर होना मुश्किल है. मतलब साफ है कि फिर एक बार रोप-वे का काम अधर में लटक गया है. अब इसको लेकर कांग्रेस सवाल खड़े कर रही है.
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कांग्रेस खड़े कर रही सवाल: रोप-वे को लेकर कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष आरपी सिंह का कहना है कि पिछले चार दशक से यहां की जनता रोप-वे इंतजार कर रही है, लेकिन बीजेपी सरकार और यहां के अपने आपको महाराज कहने वाले सिंधिया की वजह से रोप-वे का निर्माण अधर में लटका हुआ है. वह नहीं चाहते कि रोप-वे का अपर टर्मिनल उनके सिंधिया स्कूल के पास से गुजरे. सिंधिया को लग रहा है कि रोप-वे बनने से उनके स्कूल की गोपनीयता भंग हो जाएगी. यही कारण है कि वह लगातार इस मामले में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं.
साल 2022 में केंद्रीय मंत्री ने जल्द निर्माण की कही थी बात: गौरतलब है कि 15 सितंबर 2022 को एलिवेटेड रोड पर भूमि पूजन करने आए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शहर में 150 करोड़ की लागत से जल्द रोप-वे का निर्माण किए जाने की बात कही थी. इसके बाद एनएचएआई की टीम ग्वालियर आई और निगम अधिकारियों से चर्चा कर रोप-वे निर्माण को सैद्धांतिक सहमति देते हुए सर्वे शुरू किया. टीम के सदस्यों ने किले के अपनी टर्मिनल के लिए तलहटी के साथ फूल बाग बारादरी पर मिट्टी का भी परीक्षण किया, उसके बाद जगह चिन्हित की गई.