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Gwalior Jiwaji University की अनोखी पहल! कैदी बनेंगे डॉक्टर, फैशन डिजाइनर, सेंट्रल में ही होगी पढ़ाई और परीक्षाएं

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Published : Nov 17, 2022, 4:13 PM IST

Updated : Nov 17, 2022, 7:18 PM IST

मध्य प्रदेश में पहली बार जीवाजी विश्वविद्यालय एक अनोखी पहल की शुरुआत करने जा रहा है. सेंट्रल जेल में बंद कैदियों को आत्म निर्भर बनाने के लिए स्किल डेवलपमेंट कोर्स कराने का प्रस्ताव तैयार किया है. जीवाजी विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षण संस्थान द्वारा केंद्रीय जेल में बंद कैदियों को स्किल डेवलपमेंट पाठ्यक्रम में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स कराया जाएगा. इसको लेकर जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन और जेल प्रबंधन से मौखिक की सहमति मिल गई है. जल्द ही इस संबंध में पत्राचार की प्रक्रिया जल्द पूरी होने की उम्मीद है. जीवाजी विश्वविद्यालय ने बताया है कि उम्मीद है कि आगामी सत्र से सेंट्रल जेल में बंद कैदियों को पाठ्यक्रम, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स कराए जाएंगे.

Gwalior Jiwaji University Unique initiative
ग्वालियर जीवाजी विश्वविद्यालय की अनोखी पहल

ग्वालियर। प्रशासन जेल में बंद कैदी को सुधारने के लिए तरह-तरह की कोशिशें करता है. हाल ही में ग्वालियर से एक नया मामला सामने आया है जिसे जानकर हर कोई हैरान है. दरअसल, ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय (Gwalior Jiwaji University) ने कैदियों को पढ़ाने का जिम्मा उठाया है. मध्य प्रदेश में पहली बार जेल में बंद कैदियों (Skill Development Course In Central Jai) के लिए जीवाजी विश्वविद्यालय स्किल डेवलपमेंट कोर्स पाठ्यक्रम में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने जा रहा है. इसको लेकर दूरस्थ शिक्षण संस्थान के हेड हेमंत शर्मा ने बताया कि ''ग्वालियर सेंट्रल जेल में बंद कैदियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जीवाजी विश्वविद्यालय डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स कराने जा रहा है. स्किल डेवलपमेंट कोर्स का प्रशिक्षण विशेषज्ञों द्वारा दिलवाया जाएगा और इनकी परीक्षाएं आयोजित करवाकर सर्टिफिकेट और डिप्लोमा दिया जाएगा. ताकि बंदी बाहर निकलने के बाद जेल में सीखी गई शिक्षा का उपयोग कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें, साथ ही रोजगार जुटा सकें''.

ग्वालियर के सेंट्रल जेल में होगी पढ़ाई और परीक्षाएं

सेंट्रल जेल में बंद कैदियों के लिए ये कोर्स होंगे शुरू

Gwalior Jiwaji University Unique initiative
कैदियों के लिए ये कोर्स होंगे शुरू

कैदियों को मुफ्त में शिक्षा देगा जीवाजी विश्वविद्यालय: इसके अलावा औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती, फैशन डिजाइनिंग, ग्रामीण पत्रकारिता एवं संचार, वैदिक गणित ज्योतिष संबंधित सर्टिफिकेट कोर्स भी कराए जाएंगे. जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने बताया है कि "सेंट्रल जेल के अधिकारियों से मौखिक सहमति बन गई है और इसका प्रस्ताव तैयार हो गया है. आगामी समय में होने वाली कार्य परिषद में प्रस्ताव रखा जाएगा और उसके बाद उम्मीद जताई जा रही है कि अगले सत्र से कैदी भाइयों के लिए पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा. यह सभी कोर्स दूरस्थ शिक्षण संस्थान (डिस्टेंस एजुकेशन) के जरिए कराए जाएंगे और जीवाजी विश्वविद्यालय मुफ्त में पढ़ाई कराएगा, मतलब कैदियों से इन डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स का पैसा नहीं लिया जाएगा''.

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कैदियों को पढ़ाने जेल जाएंगे विशेषज्ञ टीचर: जीवाजी प्रबंधक ने बताया है कि ''बाकायदा इन पाठ्यक्रमों के विशेषज्ञ सेंट्रल जेल में कैदी भाइयों को पढ़ाने के लिए जाएंगे. इसके लिए प्लान तैयार हो चुका है साथ ही कोर्स से संबंधित सभी किताबें कैदी भाइयों तक पहुंचाई जाएंगी. सप्ताह में दो दिन संबंधित कोर्स के शिक्षक सेंट्रल जेल में कैदी भाइयों को पढ़ाएंगे, इसके साथ ही जब परीक्षा आयोजित होगी तो परीक्षा सेंटर भी सेंट्रल जेल में बनाए जाएंगे, सभी कैदी परीक्षा में शामिल होंगे''. जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलसचिव राजेंद्र बघेल का कहना है कि ''यह मध्य प्रदेश में जीवाजी विश्वविद्यालय की पहली योजना है ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि सजा पूरी करने के बाद यह सभी लोग समाज की मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं और अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए रोजगार जुटा सकें''.

Last Updated :Nov 17, 2022, 7:18 PM IST
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