ETV Bharat / state

सलूजा ने फिर साधा सिंधिया पर निशाना, कहा- ऐसा विभाग मिला जो नीलामी की कगार पर है

author img

By

Published : Jul 8, 2021, 4:58 PM IST

मध्य प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने एक बार फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोला है. सलूजा ने कहा कि सिंधिया को मोदी सरकार ने ऐसा विभाग दिया है जो नीलामी की कगार पर है.

सलूजा ने फिर साधा सिंधिया पर निशाना
सलूजा ने फिर साधा सिंधिया पर निशाना

भोपाल। एमपी कांग्रेस ने एक बार फिर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधा है. एमपी कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि सिंधिया घराने ने हमेशा ही अपना फायदा देखा है और वक्त के साथ पाला बदला है. नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि इतिहास गवाह है कि सिंधिया ने अपनी रियासत बचाने के लिए अंग्रेजों से अच्छे रिश्ते बनाए थे.

सिंधिया परिवार का इतिहास देश जानता है

नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद ही बोलते हैं कि मेरी दादी ने सरकार गिराई थी, पिताजी ने अपनी पार्टी बनाई थी. सलूजा ने कहा कि 1857 की क्रांति और रानी लक्ष्मीबाई के मामले में उनके परिवार का इतिहास देश जानता ही है. सलूजा ने कहा कि मंत्री बन जाना कोई बड़ी बात नहीं है, सिंधिया तो यूपीए सरकार में भी मंत्री रहे हैं.

सलूजा ने फिर साधा सिंधिया पर निशाना

सिंधिया को नहीं मिला कोई बड़ा विभाग

नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को कोई बड़ा विभाग नहीं मिला है. मोदी सरकार ने उन्हें ऐसा विभाग दिया है, जो नीलामी की कगार पर है. सलूजा ने कहा कि मोदी सरकार ने सिंधिया के साथ धोखा किया है, उन्हें 15 महीने पहले ही मंत्री बनाना था.

क्यों लगते हैं सिंधिया परिवार पर आरोप ?

सिंधिया परिवार पर कांग्रेस बार-बार धोखेबाजी का आरोप लगाती है. इसके पीछे मुख्य कारण सिंधिया परिवार का पुराना इतिहास है. सिंधिया परिवार पर 1857 की लड़ाई में रानी लक्ष्मीबाई की मदद नहीं करने का आरोप लगते हैं. सिंधिया परिवार पर उस समय अंग्रेजों की मदद के आरोप लगे थे. बताया जाता है कि 1818 में सिंधिया राजघराना अंग्रेजों के अधीन हो गया था. आजादी के बाद कांग्रेस के टिकट पर राजमाता विजयाराजे सिंधिया 1957 में गुना और 1962 में ग्वालियर से सांसद बनी थी.

राजमाता विजयाराजे जनसंघ में हुई शामिल

ग्वालियर में पुलिस गोलीबारी में 2 छात्रों की मौत से दुखी होकर विजयाराजे सिंधिया ने 1967 में जनसंघ ज्वॉइन कर लिया था. 1971 में पूरे देश में कांग्रेस की लहर के बावजूद जनसंघ ने ग्वालियर क्षेत्र में 3 सीटों पर जीत हासिल की थी. भिंड से विजयाराजे, गुना से उनके पुत्र माधवराव और ग्वालियर से अटल बिहारी वाजपेयी सांसद बने थे. कुछ समय के बाद विजयाराजे के बेटे और ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया ने जनसंघ छोड़कर कांग्रेस ज्वॉइन कर ली थी.माधवराव सिंधिया के कांग्रेस में जाने के बाद 1984 के आम चुनाव में बीजेपी के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी को हराया था.

माधवराव जनसंग से कांग्रेस में हुए शामिल

माधवराव सिंधिया ने 1984 के बाद 1998 तक सभी चुनाव ग्वालियर से ही लड़े और जीते भी. 1996 में तो कांग्रेस से अलग होकर भी माधवराव सिंधिया भारी मत से जीते थे. इस दौरान राजमाता लगातार ग्वालियर से बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर जीतती रही. राजमाता की मौत के बाद माधवराव सिंधिया ने ग्वालियर छोड़कर गुना से चुनाव लड़ना शुरू कर दिया. इसलिए माधवराव की मौत के बाद 2002 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना से चुनाव लड़ा था.

ज्योतिरादित्य ने MP में कांग्रेस सरकार गिराई

2018 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सिंधिया को सीएम पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था. लेकिन पार्टी ने एमपी की कमान प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के हाथों सौंप दी. 2019 में गुना से लोकसभा चुनाव हारने के बाद से सिंधिया कांग्रेस में साइड लाइन कर दिए गए थे. राज्यसभा जाने को लेकर हुए तकरार के बाद सिंधिया अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में आ गए और कांग्रेस की सरकार गिरा दी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.