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चेयरमैन की नियुक्ति किए बिना दागी को बना दिया सदस्य, HC ने नोटिस जारी कर अनावेदकों से मांगा जवाब

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Published : Sep 1, 2021, 8:25 PM IST

हाई कोर्ट
हाई कोर्ट

मध्य प्रदेश वाणिज्यिक कर अपील बोर्ड (Madhya Pradesh Commercial Tax Appellate Board) में चेयरमेन की नियुक्ति किए बिना दागी को अकाउंटेंट मेंबर (Accountant Member) बनाए जाने को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट (High Court) में जनहित याचिका दायर की गई थी. मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट (High Court) ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

जबलपुर। मध्य प्रदेश वाणिज्यिक कर अपील बोर्ड (Madhya Pradesh Commercial Tax Appellate Board) में चेयरमेन की नियुक्ति किए बिना दागी को अकाउंटेंट मेंबर (Accountant Member) बनाए जाने को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट (High Court) में जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि चयन समिति में चेयरमेन (Chairman) मुख्य सदस्य रहता है. इसके बावजूद भी ब्यूरोक्रेट सदस्यों (Bureaucrat Members) ने एक दागी व्यक्ति का चयन किया है. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) मोहम्मद रफीक और जस्टिस व्ही.के शुक्ला की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका पर अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को निर्धारित की गई है.

भोपाल निवासी याचिकाकर्ता डॉ.सत्य प्रकाश शर्मा की तरफ से यह जनहित याचिका दायर की गई. जिसमें कहा गया है कि मप्र वैट एक्ट 2002 के अंतर्गत मध्य प्रदेश वाणिज्यिक कर अपील बोर्ड को ट्रिब्यूनल ऑफ सिविल कोर्ट का दर्जा दिया गया है. जिसके कारण इसमें चेयरमेन की नियुक्ति आवश्यक है. बोर्ड में फरवरी 2021 से चेयरमेन का पद रिक्त है. इसके बावजूद भी अकाउंटेंट मेंबर की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए.

नियम अनुसार अकाउंटेंट मेंबर की नियुक्ति के लिए गठित कमेटी में चेयरमेन मुख्य सदस्य रहता है. इसके अलावा प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, विधि और वाणिज्यकर विभाग के प्रमुख सचिव सदस्य रहते हैं. चेयरमेन की नियुक्ति के बिना ही अकाउंटेंट मेंबर की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए. कुल सात सदस्यों ने उक्त पद के लिए आवेदन किए थे.

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याचिका में यह भी कहा गया था कि ब्यूरोक्रेट कमेटी ने सुदीप कुमार गुप्ता का चयन जुलाई 2021 में अकाउंटेंट सदस्य के रूप में किया. जिस व्यक्ति का चयन किया गया था, उनके खिलाफ ईओडब्ल्यू ने प्रकरण दर्ज किया था. आर्थिक अपराध का प्रकरण दर्ज होने पर उसे सेवा से निलंबित किया गया था. चेयरमेन की नियुक्ति किए बिना ब्यूरोक्रेट कमेटी द्वारा दागी व्यक्ति का चयन किए जाने को याचिका में चुनौती दी गई. याचिका में कहा गया कि सर्वोच्च न्यायालय ने हाल में ही एक मामले की सुनवाई के दौरान तल्ख टिप्पणी की थी, कि जिन ट्रिब्यूनल में चेयरमेन की नियुक्ति नहीं की गई है, उन्हें बंद कर देना चाहिए.

याचिका में मुख्य सचिव, सचिव और आयुक्त वाणिज्य कर विभाग और सुदीन कुमार गुप्ता को अनावेदक बनाया गया था. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता समदर्शी तिवारी ने पैरवी की.

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