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निगम के कर्मचारियों के बाद दो अधिकारी भी लोकायुक्त की रडार पर, केबिन से मिले 10 लाख रुपए

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Published : Aug 2, 2021, 9:05 PM IST

इंदौर के लोकायुक्त पुलिस ने 25 हजार की रिश्वत लेते दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था, जांच के दौरान निगम अधिकारी के केबिन से 10 लाख रुपए भी मिले हैं, जिसकी जांच लोकायुक्त की टीम कर रही है.

Corporate officers on the radar of Lokayukta
लोकायुक्त की रडार पर निगम अधिकारी

इंदौर। लोकायुक्त टीम ने आज निगम के दो अधिकारियों को ट्रेस किया है, बता दें कि लोकायुक्त के अधिकारियों को एक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि निगम में पदस्थ दोनों अधिकारी उससे रिश्वत की डिमांड कर रहे हैं. इसी सूचना के आधार पर लोकायुक्त पुलिस ने योजना बनाई और उसके बाद निगम के दो अधिकारियों को ट्रैप करते हुए उन पर कार्रवाई की है, वहीं पूरे ही मामले की देर शाम तक जांच पड़ताल की गई और जब पकड़े गए निगम के अधिकारी के केबिन की जांच को गई तो उसके केबिन में दस लाख रुपये नकद मिले जिसकी जांच की जा रही है.

25 हजार की रिश्वत लेते निगम अधिकारी गिरफ्तार

इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने निगम के दो अधिकारी को 25000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है, इस काम में रिश्वत के रुपए अपने पास रखने वाली महिला क्लर्क को भी पुलिस ने आरोपी बनाया है और रिश्वत के ₹25000 भी आरोपियों के पास से लोकायुक्त पुलिस ने जब्त किया है, वहीं पूरे ही मामले में लोकायुक्त की टीम ने काफी बारीकी से मामले की तफ्तीश में जुटी हुई थी और जांच पडताल करते हुए लोकायुक्त ने अधिकारी के केबिन की भी जांच की, इस दौरान लोकायुक्त को दस लाख रुपये नकद अधिकारी के केबिन में मिले, उसके बाद ही निगम में पदस्थ अधिकारियों पर कार्रवाई की है.

बिजासन टेकरी पर बन रहे उद्यान को लेकर की डिमांड

इंदौर की लोकायुक्त पुलिस ने इंदौर नगर निगम के अधीक्षक विजय सक्सेना और क्लर्क हिमानी वेध को गवर्नमेंट सिविल कांट्रेक्टर से 25000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है, इंदौर की बिजासन टेकरी पर पिछले 3 सालों से उद्यान डेवलपमेंट का काम चल रहा है.

इस काम का ठेका नगर निगम ने रूद्र कंस्ट्रक्शन के धीरेंद्र चौबे को दिया है, उद्यान का काम पूरा हो गया था, जिसमें साढ़े नौ लाख का अंतिम बिल का भुगतान नगर निगम को करना था, जिसमें जनकार्य विभाग के अधीक्षक विजय सक्सेना ने बिल का भुगतान करने के एवज में बिल का 3% मतलब 25000 की रिश्वत मांगी थी. जिसके बाद फरियादी धीरेंद्र ने पूरे मामले की शिकायत लोकायुक्त एसपी को की.

शिकायत के बाद आज फरियादी रिश्वत की राशि नगर निगम में विजय सक्सेना को दी, तो विजय सक्सेना ने यह राशि ऑफिस में ही पदस्थ महिला क्लर्क वेध को दे दी क्लर्क ने रिश्वत की राशि को अलमारी में रखा , उसी दौरान लोकायुक्त की टीम ने वहां पर दबिश दी और दोनों अधिकारियों को रंगे हाथों पकड़े हुए ₹25000 उनके पास से जब्त कर लिया वहीं पूरे ही मामले में पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अधिकारियों पर कार्रवाई की है और पूरे मामले की बारीकी से जांच पड़ताल की जा रही है.

पहले भी हो चुकी निगम के अधिकारियों पर करवाई

जिस तरह से लोकायुक्त के पुलिस ने निगम के दो अधिकारियों को ट्रैप किया है, इस तरह की कार्रवाई पहले भी हुई है पहले भी लोकायुक्त कई बार निगम के ही अधिकारियों को अलग-अलग मामलों में ट्रैप कर चुकी है फिलहाल अब देखना होगा कि इंदौर नगर निगम भ्रष्टाचार के मामले में पकड़े गए दोनों ही अधिकारियों पर किस तरह की कार्रवाई करती है.

देर शाम तक जारी रही जांच

बता दें कि लोकायुक्त ने इस पूरे मामले में निगम के जनकार्य विभाग में पदस्थ विनय सक्सेना को पकड़ा उसके बाद उसके केबिन की भी तलाशी ली गई इस दौरान देर शाम तक विभिन्न फाइलों के साथ ही अलग-अलग दस्तावेजों की भी जांच लोकायुक्त की टीम के द्वारा की गई, इसी दौरान एक अन्य अलमारी में तकरीबन दस लाख नगद लोकायुक्त की टीम को मिले हैं.

इसके बारे में अधिकारी लोकायुक्त को संतुष्ट जवाब नहीं दे पाए और ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि यह भी रिश्वत के रुपए हो सकते हैं जिससे काफी बारीकी से जांच पड़ताल की जा रही है आने वाले दिनों में इस पूरे मामले में लोकायुक्त और भी कार्रवाई को अंजाम दे सकता है.

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फिलहाल जिस तरह से लोकायुक्त ने देर शाम तक निगम अधिकारी के केबिन की जांच पड़ताल की है तो आने वाले समय में लोकायुक्त की टीम अधिकारी के घर पर भी छापे मार कार्रवाई कर विभिन्न तरह की जांच पड़ताल कर सकती है, इंदौर नगर निगम के कई अधिकारियों के खिलाफ पहले भी लोकायुक्त की टीम ने जांच पड़ताल की थी तो कई अधिकारी करोड़ों के आसामी निकले थे इस पूरे मामले में भी लोकायुक्त को अनुमान है कि अधिकारी ने कई बेनामी संपत्ति बनाई होगी जिसका आने वाले दिनों में खुलासा हो सकता है.

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