आंकड़े गवाह हैं : हिमाचल में सत्ता की रीत, जिस दल की ऊना जिले में 3-2 से जीत

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Published : Nov 17, 2022, 7:57 PM IST

Una district analysis

हिमाचल में सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों के 412 उम्मीदवारों की किस्मत EVM कैद है. प्रदेश की जनता ने किस पार्टी को अपना आशीर्वाद दिया है ये अब 8 दिसंबर को यानी मतगणना के दिन ही स्पष्ट हो पाएगा. चुनाव को लेकर कई तरह के समीकरण सामने आते हैं. इन्हीं में से एक यह है कि ऊना जिले में 5 विधानसभा सीटों में से जिस पार्टी को 3 सीटें हासिल होती है, प्रदेश में सरकार उसी पार्टी की बनती है. 1998 से प्रदेश में यही होता आ रहा है कि ऊना जिले की जनता ने जिस पार्टी की झोली में तीन सीटें डाली, सूबे में उसी पार्टी ने सत्ता हासिल किया. आंकड़ों के जरिए जानिए अब तक कैसा रहा है ऊना जिले का सियासी समीकरण... (Himachal Pradesh Election 2022) (BJP won 3 seats in Una district in 2017) (political equations of una district )

ऊना: हिमाचल में मतदान संपन्न हो चुका है. सभी राजनीतिक दलों के साथ-साथ जनता को भी अब 8 दिसंबर का इंतजार है. मतगणना के दिन ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि पिछले 38 सालों से जो परंपरा चली आ रही है, इस बार भी उसे दोहराया जा रहा है या इस बार रिवाज बदल रहा है. खैर इस बार रिवाज बदलेगा या ताज बदलेगा ये तो 8 दिसंबर को पता चल पाएगा. हर चुनाव में कुछ आंकड़े दलचस्प होते हैं जो किसी न किसी तरह से जीत और हार से जुड़े होते हैं. ऐसा ही एक आंकड़ा ऊना जिले का भी है. (2017 assembly elections)

ऊना जिले में पांच विधानसभा सीट: ऊना जिले में पांच विधानसभा सीट है. इनमें से हरोली विधानसभा सीट, ऊना विधानसभा सीट, कुटलैहड़ विधानसभा सीट, चिंतपूर्णी विधानसभा सीट और गगरेट विधानसभा सीट है. (5 assembly seats in una district) (political equations of una district) (Una Assembly Seat)

Una district analysis
किस साल किस पार्टी को कितनी सीटें मिलीं.

ऊना जिला 3-2 से जिसका, हिमाचल में ताज उसका: पिछले कुछ विधानसभा चुनाव परिणामों पर नजर डालें तो पाएंगे कि हिमाचल में जिस साल जिस पार्टी की सरकार बनी, उस दल ने ऊना जिले में 3-2 से जीत हासिल की. यानी सत्ताधारी पार्टी को विधानसभा चुनाव में ऊना जिले से 5 में से 3 सीटों पर जीत हासिल होती है. और जो पार्टी सत्ता से बाहर रहती है, उसे 2 सीटें हासिल होती होती है. आइए पिछले कुछ विधानसभा चुनावों के आकड़े पर नजर डालते हैं... (Political analysis of Una district)

2017 विधानसभा चुनाव में ऊना में किस पार्टी को मिली कितनी सीटें: सबसे पहले बात करते हैं, 2017 विधानसभा चुनाव की. इस साल सूबे में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी थी. इस साल ऊने जिले में भाजपा को 3 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस के खाते में 2 सीटें आई थीं. यानी भाजपा ने ऊना जिले में 3-2 से जीत हासिल की थी. (BJP won 3 seats in Una district in 2017)

2012 में किसे कितनी सीटें मिली: साल 2012 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी. इस साल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खाते में 3 सीटें आई थीं, जबकि जिले 2 विधानसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशी को जीत मिली. यानी इस साल भी जिस पार्टी ने ऊने जिले में 3 सीटें हासिल की प्रदेश में उसी की सरकार बनी.

2007 में किस पार्टी को मिलीं कितनी सीटें: साल 2007 में हिमाचल में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी थी. इस साल ऊने जिले में 5 सीटों में से भाजपा को 3 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जबकि कांग्रसे के खाते में 2 सीटें ही आई थीं. यानी कि 2007 में भी ऊना जिले में जिस पार्टी ने 3-2 की बढ़त बनाई सूबे में उसी पार्टी की सरकार बनी. जिस पार्टी के खाते में 2 सीटें आई, उसे विपक्ष में बैठना पड़ा.

2003 में ऊना जिले में किस पार्टी ने 3-2 से जीत हासिल की: हिमाचल में 2003 में कांग्रेस की सरकार बनी थी. इस साल भी ऊना जिले में सत्ताधारी दल ने 3 सीटों पर जीत हासिल की, वहीं विपक्ष में बैठने वाली पार्टी महल 2 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी. यानी कि 2003 में भी ये रिकॉर्ड बरकरार रहा. प्रदेश में सरकार बनाने वाली पार्टी को ऊना जिले से पांच में तीन सीटों पर जीत हासिल हुई, वहीं विपक्ष में बैठने वाली पार्टी महज 2 सीटें हासिल पाई. (Himachal Pradesh elections Exit Polls)

1998 में ऊना जिले में किसी कितनी सीटें मिलीं: साल 1998 में सूबे में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी थी. इस साल ऊने जिले में भारतीय जनता पार्टी के खाते में 5 में से 3 सीटें आईं, जबकि कांग्रेस के खाते में 2 ही सीटें आईं. यानी इस साल भी ऊना जिले में 3 सीटों पर कब्जा करने वाली पार्टी प्रदेश में सरकार बनाने में सफल रही और 2 सीटों पर कब्जा करने वाली पार्टी को विपक्ष में बैठना पड़ा. (Himachal Pradesh poll result)

ऊना जिले का सियासी समीकरण: सबसे बड़ी बात यह है कि ऊना जिले में 1998 से अब तक बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला होता है. इस जिले की जनता ने कभी निर्दलीय या फिर किसी अन्य पार्टी पर अपना भरोसा नहीं जताया है. इससे पहले यानी साल 1993 में चिंतपूर्णी विधानसभा सीट से हरिदत्त ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की थी. इसके बाद से कभी कोई निर्दलीय प्रत्याशी ऊने जिले में जीत हासिल नहीं कर सका है. (Himachal Pradesh elections Exit Polls)

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