मंडी से उम्मीदवारी तय होने के बाद विक्रमादित्य सिंह का पहला इंटरव्यू, कंगना से लेकर राम मंदिर तक क्या बोले ? - Vikramaditya Singh Exclusive

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Apr 16, 2024, 6:44 PM IST

विक्रमादित्य सिंह के साथ खास बातचीत

Vikramaditya Singh on Kangana Ranaut: मंडी लोकसभा सीट पर सियासी जंग बहुत ही दिलचस्प हो गई है. यहां अब सीधा मुकाबला 'क्वीन' बनाम 'किंग' हो चला है. मंडी लोकसभा सीट के मुद्दों से लेकर कंगना रनौत की बयानबाजी और जीत के दावों पर कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह ने ईटीवी के साथ खास बातचीत की है.

विक्रमादित्य सिंह के साथ खास बातचीत

शिमला: हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा उपचुनाव की वोटिंग 1 जून को होनी है. जबकि 4 जून को मतगणना के बाद नतीजे आ जाएंगे. लेकिन इस वक्त हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है. बीजेपी के कंगना रनौत को मैदान में उतारने के साथ ही मंडी लोकसभा सीट सुर्खियों में आ गई थी और फिर कांग्रेस ने कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह को उतारकर मंडी को हॉट सीट बना दिया है. विक्रमादित्य सिंह ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की और आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी रणनीति के बारे में बताया.

'मंडी में मजबूती से उतरेंगे और लड़ेंगे'

विक्रमादित्य सिंह मौजूदा समय में शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट से विधायक हैं और सुक्खू सरकार में मंत्री हैं. कांग्रेस ने उन्हें मंडी लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है जिसके लिए उन्होंने पार्टी का आभार जताया और कहा कि आलाकमान के आदेश पर वो हर चुनौती का सामना करने को तैयार हैं. अपने पिता वीरभद्र सिंह को याद करते हुए वो कहते हैं कि मेरे पिता ने मंडी से सांसद से लेकर केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री के रूप में हिमाचल का प्रतिनिधित्व किया है और उनकी दी हुई सीख पर ही चलेंगे.

"मैं चाहे विपक्ष में रहा या सरकार में हूं, मैंने हमेशा जनता की आवाज उठाई है. मेरे पिता ने मुझे सही का समर्थन और गलत का विरोध करना सिखाया और मैं उसी पथ पर चलता हूं. मैंने आपदा के दौरान बतौर लोकनिर्माण मंत्री मंडी लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले इलाकों का दौरा किया. सड़कें ठीक करवाई, पुल बनवाए, राहत राशि दी औ लोगों के सुख-दुख में खड़ा रहा. अब पार्टी ने मुझे लोकसभा का टिकट दिया है तो मजबूती से उतरेंगे और लड़ेंगे." - विक्रमादित्य सिंह, कांग्रेस उम्मीदवार, मंडी लोकसभा सीट

क्या राम मंदिर इस चुनाव में मुद्दा हैं ?

22 जनवरी 2024 को अयोध्या में हुई राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में विक्रमादित्य सिंह को भी मंदिर कमेटी की ओर से न्योता मिला था और वो शामिल भी हुए थे. जबकि कांग्रेस आलाकमान ने इस कार्यक्रम से किनारा किया था. उस दौरान विक्रमादित्य सिंह सुर्खियों में आ गए थे. इस लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी राम मंदिर को मुद्दा बना रही है. जिस पर विक्रमादित्य सिंह बीजेपी को आड़े हाथ लेते हैं.

"मैं कांग्रेस नेता या मंत्री के रूप में नहीं एक श्रद्धालु के रूप में अयोध्या गया था. भगवान राम का राजनीति से कोई सरोकार नहीं लेकिन बीजेपी धर्म और ध्रुवीकरण की राजनीति करती है. धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश करती है. ऐसे में उनको जवाब देना होगा. हम बीजेपी वालों से ज्यादा बड़े हिंदू हैं."- विक्रमादित्य सिंह, कांग्रेस उम्मीदवार, मंडी लोकसभा सीट

विक्रमादित्य सिंह ने याद दिलाया कि हिमाचल में धर्मांतरण का कानून कांग्रेस सरकार लाई और इसके लिए तब RSS और VHP ने वीरभद्र सिंह का धन्यवाद किया था. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल देवभूमि है, सरकार ने मंदिरों का जीर्णोद्धार करवाया है.

कंगना रनौत के खिलाफ क्या मुद्दे रहेंगे ?

बीते दिनों कंगना रनौत और विक्रमादित्य सिंह के बीच बयानबाजी का एक दौर चला था. जिसमें विक्रमादित्य सिंह ने कंगना रनौत के बीफ खाने पर सवाल उठाए थे जबकि कंगना ने मनाली में एक जनसभा के दौरान उन्हें छोटा पप्पू, राजा बाबू जैसे नाम दे दिए. जिसके बाद विक्रमादित्य सिंह ने उन्हें भाषा की मर्यादा रखने की नसीहत दी थी. ईटीवी से बातचीत के दौरान विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वो कंगना रनौत के खिलाफ कोई बात नहीं करेंगे और सिर्फ मंडी से जुड़े मुद्दों, विकास कार्यों और विज़न को लेकर चुनाव लड़ेंगे. हालांकि उन्होंने एक बार फिर कंगना रनौत से वही सवाल फिर पूछा जो वो लगातार पूछ रहे हैं.

"कंगना रनौत बड़ा नाम हैं, स्टार पावर हैं लेकिन ये चीजें धरातल पर नहीं चलेंगी. आप आपदा के समय कहां थी. आप कहती हैं कि उस समय मैं राजनीति में नहीं थी लेकिन अगर कंगना रनौत खुद को मंडी की बेटी कहती हैं तो क्या वो सिर्फ चुनावों में मंडी की बेटी हैं. मनाली में आपका घर है मंडी जिले में आपका घर है. आपदा के दौरान आपने कितने लोगों से आपने मुलाकात की. मुंबई में कितने लोगों को नौकरी दी या यहां के लोगों का कितना सहयोग किया. मैं भाषा या कॉन्ट्रोवर्सी पर नहीं जाना चाहता. आज सोशल मीडिया का दौर है सबको पता है कि क्या चल रहा है. जनता इसका निर्णय करेगी."- विक्रमादित्य सिंह, कांग्रेस उम्मीदवार, मंडी लोकसभा सीट

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मैं उनके खिलाफ कोई बात नहीं करूंगा. हमने अपने मुद्दों, अपने काम और विजन के आधार पर चुनाव लड़ेंगे. हम एक विजन डॉक्यूमेंट लाएंगे, जिसमें मंडी के विकास का रोडमैप, विजन होगा और मंडी की देश में एक अलग पहचान बनाएंगे.

केंद्र की राजनीति या विधायकी ?

विक्रमादित्य सिंह मौजूदा समय में विधायक हैं और कैबिनेट मंत्री है. हिमाचल में 6 सीटों पर उपचुनाव भी होना है. सदन में संख्या बल को देखते हुए माना जा रहा था कि कांग्रेस विधायकों को लोकसभा का टिकट नहीं देगी लेकिन विक्रमादित्य सिंह को मैदान में उतारा गया है. ऐसे में ये सवाल उठ रहा है कि विक्रमादित्य सिंह केंद्र की राजनीति करेंगे या फिर राज्य की.

"हम जीतने के लिए लड़ेंगे और मंडी में कांग्रेस की जीत होगी. आगामी फैसला पार्टी आलाकमान करेगा. लेकिन जब चुनाव लड़ रहे हैं तो दिल्ली का रुख किया है और वहां हिमाचल की आवाज उठाएंगे. मेरे पिता भी दो दशक तक दिल्ली में रहे और हिमाचल का प्रतिनिधित्व सांसद से लेकर मंत्री के रूप में किया. मैं भी बेबाकी से हिमाचल की आवाज बुलंद करूंगा."- विक्रमादित्य सिंह, कांग्रेस उम्मीदवार, मंडी लोकसभा सीट

रिज पर वीरभद्र सिंह प्रतिमा लगेगी ?

गौरतलब है हिमाचल में राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस विधायकों के क्रॉस वोटिंग प्रकरण के बाद विक्रमादित्य सिंह ने भी मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया था. उस समय विक्रमादित्य सिंह ने शिमला के रिज मैदान पर अपने पिता वीरभद्र सिंह की प्रतिमा ना लगाए जाने पर नाराजगी जाहिर की थी और अपनी ही सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया था. लेकिन इस्तीफे के करीब डेढ महीने बाद कांग्रेस ने उन्हें मंडी से अपना उम्मीदवार बनाया है. सवाल है कि क्या जिस मुद्दे को लेकर उन्होंने फरवरी के अंत में मंत्री की कुर्सी छोड़ी थी वो सुलझ गया है.

"कांग्रेस लोकतांत्रिक पार्टी है और हमने कांग्रेस परिवार के बीच ये मसला उठाया था. हाइकमान ने भी कहा कि आने वाले समय में इस मुद्दे को देखा जाएगा. हर जगह सरकार और संगठन में कमियां रहती हैं. मैं भावुक इंसान हूं, पिता के लिए भावनात्मक विचार रहते हैं. इसलिये मैंने कांग्रेस आलाकमान के सामने भी ये बात रखी और भविष्य में इसपर फैसला होगा." - विक्रमादित्य सिंह, कांग्रेस उम्मीदवार, मंडी लोकसभा सीट

मंडी में बीजेपी की हैट्रिक रोक पाएंगे ?

मंडी लोकसभा सीट में 2014 और 2019 लोकसभा में बीजेपी ने जीत हासिल की थी. 2014 मैं जीत का मार्जिक करीब 40 हजार था जो 2019 में चार लाख के पार पहुंच गया. बीजेपी इस बार भी हिमाचल में 4-0 हैट्रिक के साथ मंडी में बंपर जीत का दावा कर रही हैं. वहीं विक्रमादित्य सिंह के मुताबिक इस बार मंडी की सीट कांग्रेस के हाथ आएगी. गौरतलब है कि इस समय विक्रमादित्य सिंह की मां प्रतिभा सिंह मंडी सीट से लोकसभा सांसद हैं. 2021 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें जीत मिली थी.

"हम हर क्षेत्र में जाएंगे और जनता का आशीर्वाद लेंगे. मंडी के हर क्षेत्र के लोगों के बीच नई सोच के साथ जाएंगे. जो काम मैंने बतौर लोक निर्माण मंत्री किए हैं उनको लोगों के बीच में रखेंगे. कुछ कमियां भी रही होंगी लेकिन हमने कई काम रिकॉर्ड वक्त में पूरे किए हैं. हम अपने किए काम जनता के बीच रखेंगे और फिर जनता जो फैसला करेगी वो स्वीकार होगा." - विक्रमादित्य सिंह, कांग्रेस उम्मीदवार, मंडी लोकसभा सीट

हिमाचल प्रदेश में 6 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं क्योंकि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर बीजेपी उम्मीदवार को वोट दिया था. स्पीकर ने उन्हें अयोग्य करार दिया जिसके बाद वो बीजेपी में शामिल हो गए थे. चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के साथ ही 1 जून को विधानसभा उपचुनाव का भी ऐलान कर दिया है. विक्रमादित्य सिंह के मुताबिक इस प्रकरण का चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा. कांग्रेस का संगठन मिलकर चुनाव लड़ेंगे और जीत हासिल करेंगे.

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