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किसानों को बागवानी में हो रहा नुकसान तो उठाए इन योजनाओं का लाभ, 750 रुपये में करें जोखिम फ्री खेती

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Published : May 11, 2023, 4:12 PM IST

bhavantar bharpai yojana haryana
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हरियाणा के किसानों का रुझान परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी की ओर बढ़ रहा है. जिसकी मुख्य वजह है लागत कम और मुनाफा ज्यादा. अपनी इस आय को और अच्छा करने के लिए किसान सरकार की दो योजनाओं का लाभ उठाकर जोखिम फ्री खेती कर सकते हैं.

करनाल: हरियाणा सरकार ने सूबे के किसानों के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, ताकि उनकी फसलों को सही दाम मिल सके और किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी हो सके. ऐसी ही दो योजनाएं हैं भावांतर भरपाई योजना और बागवानी बीमा योजना. इन दोनों योजनाओं का लाभ उठाकर किसान प्राकृतिक आपदाओं के नुकसान से बच सकता है. अगर बाजार में उसे फसलों का सही दाम भी नहीं मिलता तब भी उसकी भरपाई सरकार की तरफ से की जाएगी.

सरकार की इस योजना से किसानों को मुनाफा होता है. इस मुद्दे पर करनाल बागवानी विभाग के अधिकारी डॉक्टर सत्यनारायण ने बताया कि किसानों भावांतर भरपाई योजना और बागवानी बीमा योजना किसानों के लिए वरदान से कम नहीं. इन योजनाओं से किसान सब्जियों और फलों की जोखिम मुक्त खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

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इस योजना में आलू, फूल गोभी, गाजर, मटर, टमाटर, प्याज, शिमला मिर्च जैसी सब्जियां शामिल हैं.

क्या है भावांतर भरपाई योजना: भावांतर भरपाई योजना पहले गिनी चुनी सब्जियों के लिए लागू की गई थी, बाद में इसका दायरा बढ़ाकर इसमें और सब्जियों और फलों को जोड़ दिया गया. इस योजना में आलू, फूल गोभी, गाजर, मटर, टमाटर, प्याज, शिमला मिर्च, बैंगन, भिंडी मिर्च, करेला, बंद गोभी, मूली, किन्नू, अमरूद, चीकू, आडू, आलूबुखारा, आम, नाशपाती, लीची, आंवला, बेर, लहसुन और हल्दी को शामिल किया गया है. सरकार ने इस भी फलों और सब्जियों का एमएसपी तय किया है. अगर किसान को बाजार में तय एमएसपी से कम भाव मिलता है तो उसकी भरपाई सरकार करेगी. उदाहरण के लिए सरकार ने आलू का न्यूनतम समर्थन मूल्य 10 रुपये तय किया है और किसान की आलू की सब्जी 8 रुपये के भाव से बिकी है, तो किसान को हुए दो रुपये के नुकसान की भरपाई हरियाणा सरकार करेगी.

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भावंतर भरपाई योजना से किसानों को फसल के सही दाम मिलते हैं.

क्या है बागवानी बीमा योजना: इसके अलावा किसानों के पास बागवानी बीमा योजना का भी ऑप्शन है. इस योजना के जरिए किसान सब्जियों और फलों का बीमा भी करवा सकते हैं. हरियाणा सरकार ने ये योजना खासतौर पर बागवानी लगाने वाले किसानों के लिए चलाई है. इस योजना के तहत किसानों को अपनी बागवानी की फसल का बीमा करवाना होता है. अगर किसान की फसल किसी भी आपदा के चलते खराब हो जाती है, तो उसकी भरपाई सरकार करती है.

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बागवानी बीमा योजना का प्रीमियम: इस योजना के प्रीमियम राशि की बात करें, तो इस योजना के तहत सब्जियों और मसालों का 30 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से बीमा किया जाता है. इसके लिए किसान को 750 रुपये प्रति एकड़ का भुगतान करना होगा. वहीं फलों की खेती पर एक हजार रुपये प्रति एकड़ का प्रीमियम देकर किसान 40 हजार प्रति एकड़ का बीमा करवा सकता है. योजना का लाभ लेने के लिए किसान को मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होगा.

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कितने प्रतिशत नुकसान पर कितना प्रतिशत मुआवजा?

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कितने प्रतिशत नुकसान पर कितना मुआवजा? मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत मुआवजा को चार श्रेणी 25, 50, 75 व 100 में बांटा गया है. 0 से 25% तक नुकसान के लिए सरकार की तरफ से कोई भी मुआवजा नहीं दिया जाता, 26 से 50 प्रतिशत के बीच फसल नुकसान की अवस्था में मुआवजा 50 प्रतिशत की दर से दिया जाता है, ये सब्जियों और मसालों के लिए 15 हजार रुपये वहीं फलों के लिए 20 हजार रुपये प्रति एकड़ होता है.

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वहीं 51 से 75 प्रतिशत के बीच नुकसान की अवस्था में मुआवजा 75 प्रतिशत की दर से सब्जियों, मसालों के लिए 22,500 रुपये, फलों के लिए 30,000 रुपये, 75 प्रतिशत से अधिक नुकसान की अवस्था में मुआवजा 100 प्रतिशत की दर से सब्जियों, मसालों के लिए 30,000 रुपये, फलों के लिए 40,000 रुपये दिया जाता है. इन दोनों योजनाओं का लाभ उठाकर किसान जोखिम फ्री खेती कर सकते हैं, ना तो उन्हें प्राकृतिक आपदा के होने वाले नुकसान का डर होगा और ना ही सही दाम ना मिलने का डर. ऐसे में किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

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