खेती में ड्रोन पद्धति को बढ़ावा देने के लिए करनाल में ड्रोन ट्रेनिंग सेंटर, युवा ऐसे उठा सकते हैं लाभ

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Published : Mar 31, 2023, 5:43 PM IST

Drone Training Center in Karnal

दुनियाभर में ड्रोन का इस्तेमाल कई क्षेत्रों में होने लगा है. बड़े-बड़े शहरों में फूड डिलीवरी से लेकर मेडिसिन तक की डिलीवरी ड्रोन के माध्यम से की जा रही है. वहीं, खेती में समय और पैसे की बचत हो सके इसके लिए किसान ड्रोन की मदद लेने लगे हैं. इसी कड़ी में युवाओं में स्किल डेवलपमेंट हो और किसानों को मदद मिल सके इसके लिए महाराणा प्रताप हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी करनाल में ड्रोन ट्रेनिंग सेंटर खोला जा रहा है. किसान और युवा इसका लाभ कैसे उठा सकते हैं, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (Karnal Drone Training Center for farming)

करनाल में हरियाणा का पहला ड्रोन ट्रेनिंग सेंटर.

करनाल: खेती में ड्रोन पद्धति को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार और भारत सरकार दोनों ही प्रयास कर रही हैं, जिसके चलते अब हरियाणा में खेती में ड्रोन के इस्तेमाल के लिए करनाल में ड्रोन ट्रेनिंग के लिए ट्रेनिंग सेंटर खोला जा रहा है. इस ड्रोन के जरिए जितने भी प्रकार की फसलें होती हैं उन पर स्प्रे किया जाता है. पूरे भारत में ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को ड्रोन की खूबियां बताने का एक शिविर लगाए गए था, जिसमें पूरे भारत में एक करनाल का सेंटर प्रथम आया था. वहीं, इसका और परिचालन करने के लिए ड्रोन पायलट तैयार किए जाएंगे जिनके लिए ट्रेनिंग सेंटर खोले जा रहे हैं. करनाल में तीन ड्रोन ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएंगे. इसमें से 2 सरकारी सेंटर होंगे, जबकि एक सीएससी संचालक के द्वारा खोला जाएगा.

Drone Training Center in Karnal
महाराणा प्रताप हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी करनाल.

महाराणा प्रताप हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी में ड्रोन ट्रेनिंग सेंटर: महाराणा प्रताप हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. सत्येंद्र यादव यादव ने बताया कि हरियाणा में सबसे पहला ड्रोन ट्रेनिंग सेंटर करनाल के महाराणा प्रताप हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी में बनने जा रहा है जहां पर बहुत ही जल्द दाखिले होकर क्लास शुरू हो जाएगी. वहीं, अगर प्राइवेट सेंटर की बात करें प्राइवेट सेंटर पर ड्रोन ट्रेनिंग के लिए ₹65000 का दाखिला फीस रखी गई है. वहीं, सरकारी सेंटर की फीस उससे लगभग आधी होगी. डॉ. सत्येंद्र यादव यादव ने बताया कि पूरे भारत में ड्रोन ट्रेनर तैयार करने के लिए एक लाख का लक्ष्य रखा गया है.

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खेती में ड्रोन पद्धति को बढ़ावा देने के लिए करनाल में ड्रोन की ट्रेनिंग.

ड्रोन पायलट का भविष्य उज्ज्वल: वहीं, हरियाणा और पूरे भारत में इसको बढ़ावा देने के लिए अब कृषि विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है. आने वाले दो-तीन सालों तक सभी फसलों पर सभी प्रकार की स्प्रे ड्रोन के द्वारा ही की जाएगी, जिससे समय और पैसे दोनों की बचत होगी. ऐसे में जो हरियाणा के युवा बेरोजगार हैं, उनको ड्रोन पायलट बनने के लिए अच्छे अवसर प्राप्त होंगे. सरकार अपने स्तर पर भी नौकरी निकाल सकती है तो वही प्राइवेट स्तर पर भी प्राइवेट कंपनियां ड्रोन पायलट को हायर किया करेंगे. ऐसे में ड्रोन पायलट का भविष्य उज्ज्वल है.

Drone Training Center in Karnal
महाराणा प्रताप हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी में ड्रोन ट्रेनिंग सेंटर.

12वीं पास युवाओं को ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण: युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए हरियाणा स्किल डेवलपमेंट मिशन की ओर से बारहवीं पास युवाओं को ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण दिया जाएगा. किसान ड्रोन पायलट योजना के अंतर्गत सरकार ने पीपीपी मोड में युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए पहल की है. हरियाणा स्किल डेवलपमेंट मिशन के तहत सरकार युवाओं को स्किल की ट्रेनिंग देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना चाहती है. इसके लिए सरकार ने बारहवीं पास युवाओं को ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है.

Drone Training Center in Karnal
करनाल में ड्रोन की ट्रेनिंग.

390 घंटे की ड्रोन ट्रेनिंग: इस प्रशिक्षण के लिए 120 सीटें निर्धारित की गई है, चयनित युवाओं को 390 घंटे की ट्रेनिंग दी जाएगी. उन्होंने कहा कि कोई भी हरियाणा निवासी युवा इसके लिए आवेदन कर सकता है. प्रशिक्षण पूरी तरह निशुल्क रहेगा. इसके लिए आवश्यक योग्यता 12वीं पास है. किसान ड्रोन पायलट के प्रशिक्षण के लिए आवेदन देने की अंतिम तिथि 5 अप्रैल है. 10 अप्रैल से प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ कर दिया जाएगा. प्रशिक्षण के बाद सरकार द्वारा उन युवाओं को सर्टिफिकेट दिया जाएगा, जिसके बाद वह आधिकारिक रूप से ड्रोन उड़ा सकेंगे.

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खेती में ड्रोन के इस्तेमाल से समय और पैसों की बचत.

ऐसे कर सकते हैं ड्रोन ट्रेनिंग के लिए आवेदन: उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि भारत में हर किसी के पास स्मार्टफोन और हर खेत में ड्रोन हो. उन्होंने कहा कि ड्रोन प्रशिक्षण देने के लिए 2025 तक देशभर में 150 ट्रेनिंग स्कूलों की स्थापना की जाएगी. ड्रोन के रूप में, हमारे पास एक स्मार्ट टूल है जो आगे जाकर लोगों के जीवन का हिस्सा बनने जा रहा है. ड्रोन का प्रशिक्षण लेने के लिए युवा अटल सेवा केंद्र पर आकर अपना आवेदन दे सकते हैं. आवेदन के साथ फोटो, परिवार पहचान पत्र, बैंक पासबुक, जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और शैक्षणिक योग्यता की कॉपी लगानी होगी. ड्रोन पायलट बनने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष जबकि अधिकतम 65 वर्ष रखी गई है. लेकिन, युवाओं को ज्यादा अवसर देने के लिए हरियाणा सरकार ने कहा है.

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