कैथल: प्रदेशभर में आशा वर्कर्स का अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से विरोध प्रदर्शन जारी है. इसी कड़ी में आशा वर्कर्स पिछले दो महीने से कैथल के लघु सचिवालय में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है ताकि उनकी आवाज सरकार के कानों तक पहुंच सके, लेकिन सरकार उनकी बात सुनने के लिए तैयार नहीं है.
आशा वर्कर्स की मुख्य मांगे हैं कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए, कोरोना के दौरान काम करने वाली आशा वर्कर्स को जोखिम भत्ता दिया जाए, आशा वर्कर के लिए न्यूनतम वेतन लागू किया जाए, बीजेपी सरकार ने 2018 में जो मांगें मानी थी उन सभी को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए. उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानेगी तब तक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.
आशा वर्कर्स का कहना है कि बीते दिनों उन्होंने मुख्यमंत्री के सलाहकार कृष्ण बेदी से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने कुछ दिन का समय मांगा था. आशा वर्कर्स का कहना है कि अगर 3 दिन के अंदर सरकार की तरफ से कोई बातचीत करने नहीं आया तो वो बड़ा आंदोलन करेंगी.
आशा वर्कर्स की जिला प्रधान ज्योति कुंडू का कहना है कि वो पिछले लंबे समय से धरने पर बैठकर अपनी मांगों को लेकर सरकार से अपील कर रही हैं, लेकिन सरकार उनकी कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं है. वो पिछले काफी समय से मंत्री से मिलने के लिए समय मांग रहीं हैं, लेकिन अभी तक उन्हें समय नहीं दिया गया है. आशा वर्कर्स का कहना है कि अगर आने वाले दो-तीन दिनों में उनसे कोई बात करने नहीं आता है तो वो 29 सितंबर को करनाल में मुख्यमंत्री के आवास का घेराव करेंगी.
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