ETV Bharat / state

हायर एजुकेशन काउंसिल के चेयरमैन के नाम पर नहीं हुई चर्चा, जानें इसके पीछे की वजह

author img

By

Published : Jun 8, 2023, 7:28 PM IST

चंडीगढ़ में हुई महत्वपूर्ण बैठक में हरियाणा हायर एजुकेशन काउंसिल के चेयरमैन (Haryana Higher Education Council Chairman) के नाम पर चर्चा नहीं हुई. बैठक के बाद सीएम मनोहर लाल ने बताया कि एक्ट के बाद नियम नहीं बनने के कारण इस बैठक में इस संबंध में चर्चा नहीं हो सकी.

Haryana Higher Education Council Chairman
हरियाणा हायर एजुकेशन काउंसिल के चेयरमैन का चयन टला

चंडीगढ़: वीरवार को चंडीगढ़ में हरियाणा निवास में हरियाणा हायर एजुकेशन काउंसिल के चेयरमैन पद के सिलेक्शन के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा शामिल हुए. बैठक में चेयरमैन के चयन को लेकर बने एक्ट के बाद अभी तक इसके नियम नहीं बने होने के कारण चेयरमैन के नाम पर चर्चा नहीं हो सकी. इस संबंध में नियम बनने के बाद सेलेक्ट कमेटी की दोबारा बैठक होगी.


बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि हायर एजुकेशन काउंसिल के पहले चेयरमैन को सरकार ने नोमिनेट किया था. लेकिन अब दूसरे चेयरमैन के लिए एक प्रक्रिया है, इसका एक एक्ट है. इसके तहत एडवाइजरी कमेटी ने कुछ नाम दिए थे. इस पर सेलेक्ट कमेटी में उन नामों में से कुछ पर बातचीत की गई थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने कमेटी से पूछा कि इसके क्या नियम बने हैं. इस पर हमें पता चला कि एक्ट के बाद अभी तक इसके नियम नहीं बने हैं.

ये भी पढ़ें : राइट टू इनफॉर्मेशन कमीशन में तीन सदस्यों की नियुक्ति के लिए आए 150 नाम, राज्यपाल लेंगे अंतिम फैसला

इसलिए हमने उनसे कहा है कि इसके लिए नियम बनाए जाएं. उन नियमों को अपनाया जाए. जिसके बाद दूसरी मीटिंग होगी और तब चेयरमैन का सिलेक्शन किया जाएगा. गौरतलब है कि हरियाणा के पूर्व हायर एजुकेशन काउंसिल के चेयरमैन ब्रजकिशोर कुठियाला पर पद पर रहने के दौरान गंभीर आरोप लगे थे. उन पर आरोप था कि उन्होंने माखनलाल चमुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल में वर्ष 2003 से दिसंबर 2018 की अवधि में अवैध नियुक्तियां करने और अवैधानिक व्यय किया था.

ये भी पढ़ें : हाई पावर परचेज कमेटी की बैठक में 27 एजेंडे हुए पास, 5412 करोड़ रुपए की खरीद को मिली मंजूरी: CM

हालांकि बाद में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने इनके सहित 20 प्रोफेसरों को बड़ी राहत देते हुए क्लीनचिट दे दी थी. ईओडब्ल्यू ने इन लोगों पर दर्ज एफआईआर की क्लोजर रिपोर्ट लगाकर उसे कोर्ट में पेश किया था. इस रिपोर्ट में कहा गया कि आरोपियों पर लगाए गए आरोप दोष सिद्ध नहीं हो पाए हैं. मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के कार्यकाल के दौरान इन पर एफआईआर दर्ज हुई थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.