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DM, SDM, SP सब मनाते रहे, मतदान करने नहीं निकला पूरा गांव, सूने पड़े रहे बूथ - Lok Sabha election Boycott in Jind

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : May 25, 2024, 11:05 PM IST

Lok Sabha election Boycott in Jind: हरियाणा के जींद जिले का एक गांव ऐसा है जिसने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया. अपनी कई मांगें पूरी नहीं होने से नाराज ग्रामीणों ने वोट नहीं करने का फैसला किया था. जिसके चलते गांव के एक भी व्यक्ति ने यहां वोट नहीं डाला. गांव पहुंची पोलिंग पार्टी दिनभर खाली बैठी रही.

Lok Sabha election Boycott in Jind
सुंदरपुरा में चुनाव का बहिष्कार. (Photo-ETV Bharat)

जींद: सुंदरपुरा गांव को उचाना तहसील से नरवाना तहसील में करने, गांव की खेवट को अलग-अलग करने और धर्मगढ़ माइनर की जमीन का इंतकाल करने की मांग को लेकर जींद के सुंदरपुरा गांव के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव 2024 में वोट नहीं डाला. गांव में लोगों को मत डालने से रोकने की जानकारी मिलने पर डीसी जींद मोहम्मद इमरान रजा, पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार भारी सुरक्षा बल के साथ गांव में पहुंचे.

अधिकारियों ने ग्रामीणों से चुनाव में मतदान करने की अपील भी की लेकिन ग्रामीण मांगे नहीं माने जाने तक मतदान के बहिष्कार पर अड़े रहे. दो दिन पहले भी नरवाना, उचाना एसडीएम गांव में ग्रामीणों को मतदान करने के लिए मनाने पहुंचे थे लेकिन गांव वाले अपनी मांग से टस से मस नहीं हुए. उन्होंने अधिकारियों को दो टूक कह दिया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी वो चुनाव का बहिष्कार जारी रखेंगे.

सिरसा लोकसभा क्षेत्र में आता है गांव, 1630 मतदाता

सुंदपुरा गांव सिरसा लोकसभा के नरवाना हलके में आता है. यहां पर बूथ नंबर 200, 201 है जिनमें 1630 मतदाता हैं. गांव के लोग मतदान केंद्र के आस-पास बैठे जानकारी लेते रहे ताकि कोई मतदाता गांव के फैसले के बाद मतदान करने मतदान केंद्र तक नहीं आए. गांव की मेन गली में ग्रामीणों ने चुनाव के बहिष्कार का बैनर भी लगा दिया. प्रशासन द्वारा चुनाव को लेकर सभी तैयारी की गई थी. पोलिंग पार्टी भी दोनों बूथों पर तैनात थी लेकिन पूरे दिन मतदाता के आने का इंतजार करते रहे. कोई मतदाता वोट डालने के लिए नहीं पहुंचा.

ग्रामीणों की समस्या क्या है?

सुंदरपुरा गांव के सरपंच प्रतिनिधि लखविंद्र श्योकंद ने कहा कि करीब सात साल पहले उनके गांव को उचाना तहसील में जोड़ दिया गया. गांव के लोगों को नरवाना में आना-जाना है. ऐसे में उन्हें परेशानी हो रही है. गांव की खेवट एक होने से कृषि कार्ड सहित अन्य कार्य करवाने के लिए ग्रामीणों को फर्द निकलवाते समय 4 हजार से अधिक की राशि खर्च करनी पड़ती है. क्योंकि पूरे गांव की खेवट एक ही है. ऐसे ही जमीन के खाते अलग करवाते है तो धर्मगढ़ माइनर की जमीन का इंतकाल मांगते है जो अब तक नहीं होने से परेशानी होती है. धर्मगढ़ माइनर की जमीन का इंतकाल की मांग भी ग्रामीण कई सालों से करते आ रहे है.

'मतदान के दिन पहुंचा प्रशासन पहले नहीं'

ग्रामीणों ने कहा कि मतदान नहीं करने का फैसला पूरे गांव का सर्वसम्मति से किया गया फैसला है. गांव के लोगों ने किसी को भी मतदान करने से नहीं रोका है. गांव का फैसला होने के चलते किसी ने मतदान नहीं किया. जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाता है तब तक वो चुनाव में मतदान नहीं करेंगे. अब तो प्रशासन उनके गांव में आकर उनकी मांग को मानने का आश्वासन दे रहा है जबकि सात सालों से वो निरंतर शासन, प्रशासन के चक्कर लगा रहे हैं. अबकी बार ग्रामीणों ने एकत्रित होकर फैसला कर लिया है कि वो तब तक मतदान नहीं करेंगे जब तक उनकी तीन मांगे पूरी नहीं हो जाती. ग्रामीणों ने कहा कि डोमिशाइल सहित अन्य तहसील संबंधित कामों को लेकर बुजुर्गों, युवाओं को परेशान होना पड़ता है. सुंदरपुरा के लोगों का आवागमन नरवाना में ज्यादा है. ऐसे में उचाना आने-जाने में परेशानी होती है.

क्या बोले जिला उपायुक्त

डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने कहा कि सुंदरपुरा बूथ नरवाना हलके का 200, 201 नंबर है. यहां गांव के लोगों की सूचना आई थी कि किसी वजह के चलते यहां पर ग्रामीण चुनाव का बॉयकाट कर रहे हैं. उन्होंने प्रशासन को 2 कारण बताये थे. पिछले तीन दिन से लगातार पंचायत को भी हमने एड्रेस किया और आज भी लोगों को समझाने की कोशिश की. प्रशासनिक स्तर की समस्या को टेक अप करेंगे और उसका समाधान निकाला जायेगा.

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