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मनोहर सरकार के बजट पर अभय का निशाना, कहा- सरकार ने प्रदेश पर बढ़ाया कर्जा

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Published : Mar 14, 2021, 9:23 PM IST

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मनोहर सरकार के बजट पर अभय का निशाना, कहा- सरकार ने प्रदेश पर बढ़ाया कर्जा

हरियाणा सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर अभय सिंह चौटाला ने बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे लोगों ने सारा पैसा डकार लिया है और अब प्रदेश पर ढ़ाई लाख करोड़ के करीब कर्जा हो चुका है. अभय ने दुष्यंत चौटाला को आड़े हाथों लिया है.

चंडीगढ़: इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने चंडीगढ़ पार्टी मुख्यालय में सरकार की तरफ से विधानसभा में प्रस्तुत किए गए वर्ष 2021-22 के बजट पर कहा कि ये बजट प्रदेश की जनता की आंखों में धूल झोंकने वाला बजट है.

अभय ने कहा कि इनेलो के शासनकाल में प्रदेश का रेवेन्यू बढ़ा था जो आज तक का रिकॉर्ड है, इनेलो सरकार दो हजार करोड़ रुपए का सरप्लस छोड़ कर गई थी. हरियाणा प्रदेश बेरोजगारी में पूरे देश में नम्बर एक पर है.

अभय चौटाला ने कहा कि वर्ष 2000 से लेकर 2005 तक जब इनेलो सरकार थी तब 1966 से लेकर 2005 तक कुल 23,319 करोड़ रुपए का कर्जा था. उस समय सरकार ने दस हजार करोड़ रुपए कर्जा लिया था जिसमें से 7,300 करोड़ रुपए वापिस कर दिए गए थे.

मनोहर सरकार के बजट पर अभय का निशाना, कहा- सरकार ने प्रदेश पर बढ़ाया कर्जा

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उन्होंने कहा कि इनेलो पार्टी के शासनकाल के समय प्रदेश का रेवेन्यू बढ़ा था और आज तक का रिकार्ड है कि जो विकास हमारे समय में हुआ वो आज तक हरियाणा प्रदेश के इतिहास में कभी नहीं हुआ. हमारी सरकार दो हजार करोड़ रुपए का सरप्लस छोड़ कर गई थी.

गठबंधन सरकार पर 2 लाख 43 हजार करोड़ रुपए कर्जा- अभय

अभय चौटाला ने कहा कि वर्ष 2014-15 में कांग्रेस जब सत्ता से गई तब प्रदेश पर लगभग 70 हजार करोड़ रुपए कर्ज था और आज वर्तमान की गठबंधन सरकार पर लगभग 2 लाख 43 हजार करोड़ रुपए का कर्जा है. इस वर्ष कर्ज की देनदारी 48,537 करोड़ रखी गई है जो कुल राशि का 30.80 प्रतिशत बनता है.

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चौटाला ने कहा कि बीजेपी सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि पिछले साल कोई भी विकास का कार्य नहीं हुआ तो लिए गए कर्ज की राशि कहां गई? साफ है कि सारा पैसा सरकार में बैठे लोगों द्वारा डकार लिया गया है और अब हालात ये हैं कि आज प्रदेश में जन्म लेने वाला हर बच्चा एक लाख रुपए का कर्जा सिर पर लेकर पैदा होता है.

उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 के बाद प्रदेश में डेफिसेट बढ़ता आ रहा है, हैरानी की बात ये है कि पर केपिटा इनकम जो 2020-21 में एक लाख 72 हजार रुपए थी अब घटकर एक लाख 63 हजार रुपए रह गई है.

डीसी रेट का नाम 'दुष्यंत कान्ट्रेक्ट रेट'

अभय ने इस दौरान दुष्यंत चौटाला पर भी निशाना साधा और कहा कि डीसी रेट का नाम ‘दुष्यंत कान्ट्रेक्ट रेट’ है. उनहोंने कहा कि आज हालात ये हैं कि डीसी रेट पर नौकरी पाने के लिए एक महीने की तनख्वाह बतौर रिश्वत ली जाती है. जो लोग बच्चों का भविष्य सुधारने की बात कहते थे आज उनको भी लूट लिया है.

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इनेलो नेता ने कहा कि हरियाणा एक ऐसा राज्य है जो एनसीआर में आता है और छोटा प्रदेश होते हुए भी जहां सबसेन ज्यादा उद्योग हैं, बेरोजगारी में पूरे देश में नम्बर एक पर है. उन्होंने कहा कि भाजपा की सहयोगी पार्टी जो 75 प्रतिशत रोजगार और 11 हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता का नारा देकर सत्ता में आई है, आज पूरे देश में सबसे ज्यादा बेरोजगार युवक हमारे प्रदेश में हैं और बेरोजगारी भत्ते के नाम पर नौजवानों को एक फूटी कौड़ी भी नहीं दी जा रही.

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