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Monsoon In Haryana: करीब डेढ़ लाख एकड़ में खराब हुई कपास की फसल, किसानों ने की मुआवजे की मांग

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Published : Aug 10, 2022, 12:39 PM IST

Updated : Aug 11, 2022, 6:12 AM IST

Cotton Crop Damaged in Hisar
Cotton Crop Damaged in Hisar

मानसून की बारिश किसानों के लिए सोना बनकर बरसती है लेकिन हिसार जिलें में अधिक बारिश (Rain In Hisar) और जलभराव से किसानों की फसलें लगभग खराब हो चुकी हैं. किसानों ने सरकार से तुरंत प्रभाव से विशेष गिरदावरी करवाकर प्रति एकड़ 50 हजार रुपये मुआवजा देने की मांग की है.

हिसार: हरियाणा में मानसून (Monsoon In Haryana) की बारिश खेत खलिहानों के लिए आफत बन गई है. खेत तालाबों में तब्दील हो गए हैं. तालाबों का ओवरफ्लो पानी घरों में घुस रहा (Waterlogged In Hisar) है. बीते दिनो हुई बारिश से कई गांवों में किसानों की फसलें लगभग खराब हो चुकी है. किसानों की मांग है कि सरकार फौरन विशेष गिरदावरी करवाकर प्रति एकड़ 50 हजार रुपये मुआवजा दे. बता दें कि हिसार जिले के उकलाना, बरवाला, नारनौद आदि क्षेत्र में नरमा के साथ-साथ बाजरा व कई स्थानों पर धान की फसल भी नष्ट हुई है.

हिसार में पिछले 2 सालों से लगातार कपास की फसल खराब होती आ रही (Cotton Crop Damaged in Hisar) है. साल 2020 में गुलाबी सुंडी व 2021 में बीमारी और जड़ गलन की वजह फसल पूर्ण बर्बाद हो गयी थी. अगले साल यानि 2021 के मुआवजे के लिए अभी भी किसान कई जगह धरने पर है. उकलाना क्षेत्र में नरमा की फसल इस कदर खराब हुई थी किसानों ने खड़ी नरमा की फसल को ट्रैक्टर के साथ जोतने का काम किया है.

किसान अनूप ने जानकारी देते हुए बताया है कि वह 6 एकड़ का किसान है. उसने इस बार 6 एकड़ में नरमा की बुआई की थी लेकिन बारिश से नरमा की सारी फसल खराब हो गई. इसके बाद उसने ट्रैक्टर से सारे खड़ी नरमा की फसल की बुआई करनी पड़ी है. किसान ने सरकार से मुआवजा देने की मांग की (Hisar Farmers demand compensation) है. वहीं किसान का आरोप है कि पिछली बार भी उनकी फसल खराब हुई थी जिसका मुआवजा अब तक नहीं मिला है.

Cotton Crop Damaged in Hisar
बारिश से हिसार में करीब डेढ़ लाख एकड़ में खराब हुई कपास की फसल

उकलाना क्षेत्र के ही बिठमड़ा गांव में जलभराव (Waterlogging in Bithmada village) की स्थिति से फसलों के साथ-साथ मकानों में भी सेम आ चुकी है. बिठमड़ा गांव के रहने वाले किसान सतीश और कर्मवीर का कहना है कि उनके यहां अगली फसल गेंहू की बुआई होना भी संभव नहीं है क्योंकि बारिश के कारण से इतनी अधिक सेम आ चुकी है और हजारों एकड़ की फसल खराब हो चुकी है. किसानों का कहना है कि आगे की फसल की बुआई करना मुश्किल ही होगा.

हरियाणा कृषि विभाग के आंकड़ो के अनुसार हिसार जिले में किसानों ने 3 लाख 39 हजार 980 हेक्टेयर में कपास फसल की बुआई की गई है. ज्यादा बारिश के कारण 60 हजार चार सौ बत्तीस हेक्टेयर में फसल को नुकसान पहुंचा है. जिले में सबसे ज्यादा नारनौंद हलके में नुकसान हुआ है. वहां पर 33 हजार पांच सौ पचास हेक्टेयर में फसल बर्बाद हुई है. कृषि विभाग ने हिसार में कपास फसल में बारिश से हुई नुकसान (Cotton Crop Damaged in Hisar) को लेकर आकलन रिपोर्ट तैयार की जो सरकार को भेजी जाएगी.

हरियाणा कृषि विभाग के अनुसार बरवाला में 60 हजार सात सौ सतासी हेक्टेयर, हिसार-2 में 44 हजार 187.5 हेक्टेयर, हिसार-1 में 39हजार 625 हेक्टेयर, आदमपुर में 34 हजार 652 हेक्टेयर, अग्रोहा में 41 हजार 535 हेक्टेयर, उकलाना में 34 हजार 750 हेक्टेयर, नारनौंद में 33 हजार 645 हेक्टेयर, बास में 8हजार 200 हेक्टेयर, हांसी में 42हजार 625 हेक्टेयर में कपास की बुआई हुई है. कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार बरवाला, आदमपुर, नारनौंद, बास व हांसी ब्लॉक में 30 हजार 512 हेक्टेयर की फसल में 26 से 50 प्रतिशत के बीच फसल खराब हुई है. बरवाला, नारनौंद, बास व हांसी ब्लॉक के 18 हजार 700 हेक्टेयर में 51 से 75 प्रतिशत के बीच नुकसान हुआ है. जिले में करीब 250 हेक्टयर की फसल में 76 से 100 प्रतिशत तक फसल नष्ट हुई है.

Last Updated :Aug 11, 2022, 6:12 AM IST
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