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Mamata proposes: ममता बनर्जी ने डॉक्टर बनने के लिए 3 साल के डिप्लोमा कोर्स का प्रस्ताव रखा

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Published : May 12, 2023, 6:47 AM IST

Etv BharatMamata Banerjee proposes 3-year Diploma course to become doctors
Etv Bharatममता बनर्जी ने डॉक्टर बनने के लिए 3 साल के डिप्लोमा कोर्स का प्रस्ताव रखा है

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के अस्पतालों में भर्ती प्रक्रिया तेज करने को लेकर डॉक्टर बनने के लिए 3 साल के डिप्लोमा कोर्स का प्रस्ताव रखा है.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विभिन्न क्षेत्रों में रिक्तियों में लगातार वृद्धि देखी गई है. हाल की घटनाओं के मद्देनजर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बैठक में अधिकारियों से इन मामलों पर विशेष ध्यान देने को कहा. इसके अलावा खुद मुख्यमंत्री ने भी भर्ती के मामले में कई तरीके बताए. मसलन, पुलिस भर्ती के मामले में मुख्यमंत्री ने अभ्यर्थियों को सात दिन का प्रशिक्षण लेने को कहा.

इसी तरह डॉक्टरों की भर्ती के लिए उनका सुझाव पांच साल का डिग्री कोर्स नहीं, बल्कि तीन साल का डिप्लोमा कोर्स है. हालांकि, इंजीनियरिंग के क्षेत्र में डिप्लोमा कोर्स की व्यवस्था है, लेकिन पूरे देश में डॉक्टरों की भर्ती के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. मुख्यमंत्री के प्रस्ताव को कहां तक स्वीकार किया जाएगा, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है.

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने जिलों में 100 और नर्सिंग प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने के मामले को देखने का भी आदेश दिया. ममता बनर्जी ने स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को यह देखने का निर्देश दिया कि क्या डॉक्टरों को पांच साल का डिग्री कोर्स के बजाय तीन साल के डिप्लोमा पाठ्यक्रम के माध्यम से नियुक्त किया जा सकता है.

मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सचिव को यह भी आदेश दिया है कि डिप्लोमा के माध्यम से डॉक्टरों की भर्ती की जा सकती है या नहीं, यह निर्धारित करने के लिए एक समिति बनाई जाए. इसके बाद मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सचिव से कहा, 'देखिए, क्या आप इंजीनियरों की तरह डॉक्टरों के लिए भी डिप्लोमा कोर्स शुरू कर सकते हैं तो उस कोर्स में कई बच्चों को मौका मिलेगा.

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मुख्यमंत्री ने दावा किया कि डॉक्टरों के पांच साल के कोर्स में काफी समय खत्म हो रहा है. डॉक्टरों के पांच साल के कोर्स में पढ़ाई के दौरान उनसे जूनियर डॉक्टर के रूप में काम कराया जाता है. लेकिन उसकी तुलना में राज्य में कई अस्पताल बढ़ रहे हैं जहां पर्याप्त डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं. हालांकि, स्वास्थ्य सचिव के अनुसार राज्य के विभिन्न जिलों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में फिलहाल करीब 17 हजार लड़के-लड़कियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है. लेकिन मुख्यमंत्री ने कहा, 'डिप्लोमा कोर्स क्यों नहीं शुरू किया जा सकता? डिप्लोमा प्रशिक्षण के बाद उन्हें बड़े अस्पतालों में नौकरी दी जा सकती है.' मुख्यमंत्री ने इसके कानूनी पहलुओं पर भी गौर करने की बात कही.

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