नई दिल्लीः तिहाड़ जेल में पिटाई से हुई कैदी अंकित गुर्जर की मौत के मामले में कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं. पुलिस को छानबीन के दौरान यह पता चला है कि अंकित गुर्जर के खिलाफ रात करीब डेढ़ बजे थाने जाकर जेल प्रशासन ने शिकायत दी थी. वहीं उसके साथ हुई मारपीट के बारे में न तो पुलिस को बताया गया और न ही उसके परिवार को इसकी जानकारी दी गई. इस मामले में जेल प्रशासन ने एक्शन लेते हुए फिलहाल पांच अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया है.
जानकारी के अनुसार बीते तीन अगस्त की रात अंकित गुर्जर के पास से जेल प्रशासन ने एक मोबाइल बरामद किया था. बताया जाता है कि इसे लेकर जेल अधिकारियों के साथ उसका झगड़ा हुआ और इसमें उसकी बेरहमी से पिटाई की गई थी. यह भी माना जा रहा है कि इसी पिटाई के चलते अंकित गुर्जर की मौत हुई. लेकिन जेल प्रशासन की तरफ से रात को इस पिटाई के बारे में किसी को सूचित नहीं किया गया.
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सूत्रों का कहना है कि रात करीब डेढ़ बजे हरि नगर थाने में जाकर जेल अधिकारियों ने अंकित गुर्जर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. इसमें यह बताया गया कि उसने सरकारी काम में बाधा पहुंचाई है. इसलिए उसके खिलाफ हरि नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई. देर रात थाने जाकर इस तरह से एफआईआर दर्ज कराना परिजनों को संदिग्ध लग रहा है.
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इस मामले में एक प्रत्यक्षदर्शी भी सामने आया है जिसने यह खुलासा किया है कि जेल में डिप्टी सुपरिटेंडेंट और जेल कर्मचारियों ने बेरहमी से अंकित गुर्जर की पिटाई की थी. इस वजह से उसकी मौत हुई. फिलहाल पुलिस ने इस मामले में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है. जेल सूत्रों के अनुसार तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल ने जेल के सुपरिटेंडेंट सहित पांच अधिकारियों का तबादला जेल नंबर 3 से दूसरी जेल में कर दिया है.
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जेल प्रशासन का कहना है कि निष्पक्ष जांच के लिए यह फैसला किया गया है. उधर परिवार के सदस्य इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. कुछ समय पहले ही जेल में मारे गए एक अन्य कैदी के परिजनों की याचिका पर अदालत सीबीआई जांच के आदेश कर चुकी है और उस मामले की जांच सीबीआई शुरू कर चुकी है.