नई दिल्ली : कालकाजी क्षेत्र के अग्रवाल धर्मशाला में दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (Delhi BJP) की दक्षिणी दिल्ली बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ (South Delhi Intellectual Cell) इकाई ने दिल्ली सरकार (Delhi government) की नई आबकारी नीति 2021-22 पर चर्चा का आयोजन किया. क्षेत्र के 200 से अधिक बुद्धिजीवियों ने इसमें भागीदारी की, जिसमें वकील, डाक्टर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, व्यवसायी, मंदिरों और गुरुद्वारों तथा बाजारों के प्रतिनिधि प्रमुखता से रहे.
कार्यक्रम के संयोजक डाॅ राजेश गणेश पार्थसारथी के अनुसार, पूरी दिल्ली में इस नीति के विरोध में आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है. हमारा संविधान मद्य निषेध से लोक स्वास्थ्य अच्छा करने की मानसिकता व्यक्त करता है. इसे हर राज्य के कर्तव्य की तरह स्थापित करता है. महात्मा गांधी भी जीवन पर्यन्त शराब सेवन से होने वाली हानियों के खिलाफ जनजागरण करते थे. केजरीवाल सरकार के ये कदम भारतीय संविधान और पूज्य बापू का अपमान है. कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित शहजाद पूनावाला ने कहा कि केजरीवाल नल से हर घर में पानी पहुंचाने के वादे के साथ दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुए थे, लेकिन अब हर घर शराब पहुंचाने की बात कर रहे हैं. दिल्ली में बुजुर्गों को पेन्शन मुहैय्या नहीं कराई जा रही, लेकिन पंजाब में 1000 रुपये हर 18 वर्ष के ऊपर की महिला को मिलेगा ये वादे किये जा रहे हैं.
मुख्य अतिथि पूर्व प्रदेशाध्यक्ष विजय गोयल ने बताया कि नशे के कारोबार और अपराध की प्रवृत्ति को आम आदमी सरकार बढ़ावा दे रही है. उन्होंने भाजपा के कार्यकर्ताओं और सहयोगियों को देशहित में अपना समय देने का आह्वान किया व मोदी जी के द्वारा सतत किये जा रहे कार्यों को जन जन से जोड़ने की बात भी कही. पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू ने ऐसे अनेकों काम का विवरण दिया जो भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही हुआ है. उन्होंने कहा कि देश के धर्म और संस्कारों को सहेजने व संवारने वाली भारतीय जनता पार्टी(BJP) एकमात्र पार्टी है. प्रकोष्ठ की संयोजिका रजनी अब्बी ने केजरीवाल की कथनी और करनी के अंतर को जनमानस में स्पष्ट किया. तात्कालिक राजनीतिक लाभ के लिए, लिए गये निर्णय के दूरगामी परिणाम जनता को भुगतने पड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि अभी भी सचेत होने का समय है.
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