नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के सरकारी स्कूलों (Delhi Government School) में घोस्ट टीचर (Ghost Teacher In School) बच्चों को पढ़ा रहे हैं. सुनकर थोड़ा अटपटा लगा न आपको. लेकिन हकीकत कुछ ओर ही है. दरअसल सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले गेस्ट टीचरों के नाम पर स्कूल प्रिंसिपल के द्वारा फर्जीवाड़ा (fraud by school principal) कर उनके नाम पर लाखों रुपये डकार लिए गए. अब इस फर्जीवाड़ा पर जांच के लिए एसीबी को दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Lieutenant Governor Vinay Kumar Saxena) ने आदेश दे दिया है.
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने एसीबी को आदेश दिया है कि वह दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 25,000 संविदा अतिथि शिक्षकों की भर्ती में संभावित घोटाला के संबंध में एक सरकारी स्कूल के चार कार्यरत और सेवानिवृत्त उप प्रधानाचार्यों की जांच की जाए. इन पर आरोप लगाए गए हैं कि फर्जी तरीके से लाखों का भुगतान घोस्ट गेस्ट टीचर के नाम पर किया गया. संभाना जताई जा रही है कि इस संभावित घोटाले में कई बड़े अधिकारी एसीबी की रडार पर हैं, वहीं इस मामले के सामने आने के बाद से राजधानी में हलचल तेज हो गई है.
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गौर करने वाली बात यह है दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 22 हजार से ज्यादा गेस्ट टीचर कार्यरत हैं. वहीं दूसरी ओर एसीबी की जांच में निकलकर सामने आएगा की क्या एक ही सरकारी स्कूल में घोटाला हुआ है या फिर अन्य सरकारी स्कूल में भी प्रिंसिपल के द्वारा फर्जीवाडा किया गया है.
वहीं, नई शराब नीति में भ्रष्टाचार का मामला उठा तो शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर सीबीआई की रेड हुई. हालांकि घंटों चले इस रेड में सीबीआई को ज्यादा कुछ नहीं मिला. आप के विधायक लगातार प्रेस वार्ता कर इस बात की जानकारी देते रहे कि बदले की भावना और सीएम केजरीवाल को रोकने के लिए यह सीबीआई की रेड कराई जा रही है. लेकिन घोस्ट टीचर के नाम पर लाखों रुपये डकारने का मुद्दा आने वाले दिनों में चर्चा का विषय बनने जा रहा है.
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