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भारतीयों के आंकड़ों को कड़ाई के साथ देश में ही रखा जाए: विजय शेखर

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Published : Apr 25, 2019, 3:00 PM IST

Updated : Apr 25, 2019, 4:21 PM IST

शर्मा ने 'टीआईई इंडिया इंटरनेट डे 2019' सम्मेलन में चर्चा के दौरान कहा कि यदि कोई सूचनाएं चाहता भी है तो उसे उसे प्रतिदर्श (नमूने) की तरह लेना चाहिए.

कॉन्सेप्ट इमेज।

नई दिल्ली : पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने गुरुवार को कहा कि भारत के लोगों से संबंधित डेटा (डिजिटल सूचनाएं) को कड़ाई के साथ 'देश में ही रखा जाना चाहिए' ताकि उपभोक्ताओं के बारे में ऐसी सूचनाएं अच्छी तरह सुरक्षित रहें.

शर्मा ने 'टीआईई इंडिया इंटरनेट डे 2019' सम्मेलन में चर्चा के दौरान कहा, "यदि कोई सूचनाएं चाहता भी है तो उसे प्रतिदर्श (नमूने) की तरह लेना चाहिए."

पेटीएम पहले भी इस पर जोर दे चुकी है कि वित्तीय लेनदेन समेत संवेदनशील आंकड़ों को स्थानीय स्तर पर ही संग्रहीत करके रखने जाने की जरूरत है. शर्मा ने कहा कि कुछ कंपनियों का तर्क है कि बेहतर उत्पाद विकास के लिए आंकड़ों को अन्य भौगोलिक क्षेत्रों में रखे जाने की जरूरत है. उन्हें भारत में ही ऐसा करने पर गौर करना चाहिए.

उन्होंने कहा, "जब हमारे यहां पर्यात विकास केंद्र मौजूद हैं तो आंकड़ों को देश से बाहर रखने के बाजाय बजाए सॉफ्टवेयर को क्यों नहीं दुनिया के इस हिस्से में लाया जाए. इसलिए यहां कोड लाने और उसे चलाने के बारे में सोचना चाहिए."

शर्मा ने जोर दिया कि भारत में विशाल प्रतिभा मौजूद है, जो इस मांग को पूरा कर सकती है. डेटा संप्रभुता एक अहम मुद्दा है, जिस पर भारत सरकार विचार कर रही है. न्यायमूर्ति श्रीकृष्ण समिति की सिफारिश पर आधारित डेटा सुरक्षा विधेयक को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसके बाद इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष पेश किया जाएगा.
ये भी पढ़ें : आरबीआई की बफर पूंजी पर जून तक रिपोर्ट दे सकती है जालान समिति

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नई दिल्ली : पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने गुरुवार को कहा कि भारत के लोगों से संबंधित डेटा ( डिजिटल सूचनाएं) को कड़ाई के साथ 'देश में ही रखा जाना चाहिए' ताकि उपभोक्ताओं के बारे में ऐसी सूचनाएं अच्छी तरह सुरक्षित रहें.

शर्मा ने 'टीआईई इंडिया इंटरनेट डे 2019' सम्मेलन में चर्चा के दौरान कहा, "यदि कोई सूचनाएं चाहता भी है तो उसे उसे प्रतिदर्श (नमूने) की तरह लेना चाहिए."

पेटीएम पहले भी इस पर जोर दे चुकी है कि वित्तीय लेनदेन समेत संवेदनशील आंकड़ों को स्थानीय स्तर पर ही संग्रहीत करके रखने जाने की जरूरत है. शर्मा ने कहा कि कुछ कंपनियों का तर्क है कि बेहतर उत्पाद विकास के लिए आंकड़ों को अन्य भौगोलिक क्षेत्रों में रखे जाने की जरूरत है. उन्हें भारत में ही ऐसा करने पर गौर करना चाहिए.

उन्होंने कहा, "जब हमारे यहां पर्यात विकास केंद्र मौजूद हैं तो आंकड़ों को देश से बाहर रखने के बाजाय बजाए सॉफ्टवेयर को क्यों नहीं दुनिया के इस हिस्से में लाया जाए. इसलिए यहां कोड लाने और उसे चलाने के बारे में सोचना चाहिए."

शर्मा ने जोर दिया कि भारत में विशाल प्रतिभा मौजूद है, जो इस मांग को पूरा कर सकती है. डेटा संप्रभुता एक अहम मुद्दा है, जिस पर भारत सरकार विचार कर रही है. न्यायमूर्ति श्रीकृष्ण समिति की सिफारिश पर आधारित डेटा सुरक्षा विधेयक को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसके बाद इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष पेश किया जाएगा.

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Last Updated :Apr 25, 2019, 4:21 PM IST
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