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आरबीआई की बफर पूंजी पर जून तक रिपोर्ट दे सकती है जालान समिति

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Published : Apr 24, 2019, 6:12 PM IST

जालान की अगुवाई वाली समिति में आरबीआई के पूर्व उपाध्यक्ष राकेश मोहन, वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन और आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड के दो सदस्य भरत दोषी एवं सुधीर मांकड़ शामिल हैं.

आरबीआई की बफर पूंजी पर जून तक रिपोर्ट दे सकती है जालान समिति

नई दिल्ली: आरबीआई की बफर पूंजी के समूचित आकार के निर्धारण को लेकर गठित केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान के नेतृत्व वाली एक उच्चस्तरीय समिति जून तक अपनी रपट प्रस्तुत कर सकती है.

भारतीय रिजर्व बैंक के आर्थिक पूंजी ढांचे की समीक्षा के लिए 26 दिसंबर, 2018 को जालान के नेतृत्व में छह सदस्यीय समिति का गठन किया गया था. जालान ने बुधवार को एक बैठक के दौरान कहा, "रपट को अब तक अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है. अभी और बैठकें होनी हैं. (आर्थिक पूंजी ढांचा) समिति के मई-जून तक अपनी रपट को अंतिम रूप देने की संभावना है."

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उन्होंने कहा कि समिति के कार्यकाल को बढ़ा दिया गया है. समिति को आठ जनवरी को हुई पहली बैठक के बाद रपट प्रस्तुत करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था.

जालान की अगुवाई वाली समिति में आरबीआई के पूर्व उपाध्यक्ष राकेश मोहन, वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन और आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड के दो सदस्य भरत दोषी एवं सुधीर मांकड़ शामिल हैं.

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आरबीआई की बफर पूंजी पर जून तक रिपोर्ट दे सकती है जालान समिति  

नई दिल्ली: आरबीआई की बफर पूंजी के समूचित आकार के निर्धारण को लेकर गठित केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान के नेतृत्व वाली एक उच्चस्तरीय समिति जून तक अपनी रपट प्रस्तुत कर सकती है.    

भारतीय रिजर्व बैंक के आर्थिक पूंजी ढांचे की समीक्षा के लिए 26 दिसंबर, 2018 को जालान के नेतृत्व में छह सदस्यीय समिति का गठन किया गया था. जालान ने बुधवार को एक बैठक के दौरान कहा, "रपट को अब तक अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है. अभी और बैठकें होनी हैं. (आर्थिक पूंजी ढांचा) समिति के मई-जून तक अपनी रपट को अंतिम रूप देने की संभावना है."    

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उन्होंने कहा कि समिति के कार्यकाल को बढ़ा दिया गया है. समिति को आठ जनवरी को हुई पहली बैठक के बाद रपट प्रस्तुत करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था.    

जालान की अगुवाई वाली समिति में आरबीआई के पूर्व उपाध्यक्ष राकेश मोहन, वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन और आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड के दो सदस्य भरत दोषी एवं सुधीर मांकड़ शामिल हैं.


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