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केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई से पंजाब की सियासत में उबाल, विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरा

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Published : Feb 12, 2022, 4:00 PM IST

Punjab politics revolve around action of central agencies
Punjab politics revolve around action of central agencies

जनवरी में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीमों ने पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के रिश्‍तेदार के घर सहित कई स्‍थानों पर छापेमारी की थी और सीएम के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी को हिरासत में लिया था. सीएम चन्नी के भतीजे के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई के बाद चुनाव के दौरान पंजाब की सियासत में सेंट्रल एजेंसियों के एक्टिव होने पर बहस छिड़ गई. कांग्रेस समेत अन्य दलों का आरोप है कि केंद्र सरकार चुनाव में दबाव बनाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, जबकि बीजेपी ने इन कार्रवाइयों को सही ठहराया है.

चंडीगढ़ : अवैध रेत खनन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई के बाद जहां पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं, वहीं राज्य में केंद्रीय जांच एजेंसियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं. केंद्र सरकार पर हमेशा केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप लगते रहे हैं. मगर पिछले एक साल में सीबीआई, ईडी जैसी एजेंसियों की पंजाब में सक्रियता बढ़ी, इसके बाद विपक्ष ने भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को निशाने पर ले लिया. विपक्ष का आरोप है कि सीबीआई और ईडी के जरिये वरिष्ठ नेताओं को भी फंसाया जा रहा है.

इसका दूसरा पहलू यह है कि पंजाब में ड्रग्स के बढ़ते मामले के कारण प्रवर्तन निदेशालय (ED) पिछले 7 से 8 साल से पंजाब में सक्रिय है. इस कारण कई अन्य जांच एजेंसियां भी राज्य में एक्टिव है. मगर पंजाब के बीजेपी के विरोधी दलों ने केंद्र पर पंजाब में दखल देने और राज्य से बदला लेने का आरोप लगाया है. फिलहाल मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के रिश्तेदार के खिलाफ ईडी की बड़ी कार्रवाई के बाद उन मामलों को खंगाला जा रहा है, जहां इनकम टैक्स, सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों ने कार्रवाई की है.

पंजाब में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की कार्रवाई

  • कैप्टन अमरिंदर सिंह परिवार के खिलाफ आयकर विभाग ने नोटिस भी भेजा था. रनिंदर सिंह ने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी थी और वर्तमान में यह मामला न्यायिक जांच के दायरे में है.
  • 2021 में आयकर विभाग ने पंजाब में कई बड़ी कार्रवाई की, लुधियाना के साइकिल इंडस्ट्री से जुड़े छह उद्योगपतियों के परिसरों और घरों पर छापे मारे गए.0
  • कांग्रेस नेता सुखपाल खैरा को भी आयकर नोटिस भेजा गया था और उनके चंडीगढ़ स्थित घर और दिल्ली में एक अन्य जगह पर छापे मारे गए थे. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उनसे बेटी की शादी पर किए गए खर्च का ब्योरा लिया गया था. खैरा ने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया था.
  • अकाली विधायक मनप्रीत अयाली के खिलाफ भी आयकर ने कार्रवाई की और उनके ठिकानों पर छापेमारी की.
  • दिल्ली में पंजाब की दो कंपनियों और जालंधर में एक बड़ी फर्म के खिलाफ कार्रवाई की गई.
  • आयकर विभाग ने ट्रैवल एजेंटों को भी निशाना बनाया। एक इमिग्रेशन कंपनी और एक शैक्षणिक संस्थान के अलावा कुछ कमीशन एजेंटों पर भी छापेमारी की गई.
  • कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी इनकम टैक्स विभाग के कार्रवाई के दायरे में आ गए. उन्हें गलत जानकारी देने के आरोप में नोटिस भेजा गया था. इस मामले में राहत के लिए नवजोत सिद्धू को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा.


प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाइयां ( Enforcement Directorate):

  • ईडी ने पिछले साल सुखपाल खैरा को ड्रग्स के मामले में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. उनके खिलाफ एक अलग मामला दर्ज किया गया, हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई.
  • ईडी ने लुधियाना में फास्टवे केबल डीलर के ऑफिस में छापेमारी की थी और दस्तावेजों को जब्त किया था. प्रवर्तन निदेशालय के इस छापे को बादल परिवार की नजदीकियों के खिलाफ कार्रवाई के तौर पर देखा गया. हालांकि सुखबीर बादल ने कहा था कि उनका इस धंधे से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन राजनीतिक दलों ने इसे राजनीति से प्रेरित कार्रवाई करार दिया था.
  • अवैध खनन के मामले में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के रिश्तेदार भूपिंदर सिंह हनी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई पर भी खूब बवाल हुआ. इस मामले में कांग्रेस ने दलील दी है कि किसी रिश्तेदार के गलत काम के लिए सीएम चन्नी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, जबकि विपक्ष का आरोप है कि चन्नी की सहमति के बिना उनके रिश्तेदार ऐसा नहीं कर सकते. हनी को भी सीएम चन्नी का संरक्षण मिल रहा था.
  • ईडी ने पूर्व अकाली नेता अनवर मसीह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. गुरदासपुर में उसके एक परिसर पर छापा मारा गया और लाखों रुपये बरामद किए गए. दो साल पहले ड्रग से जुड़े एक मामले में यह कार्रवाई की गई थी.

बीएसफ के दायरे का मुद्दा भी हुआ सियासी
यहां प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाइयों के अलावा केंद्र की तीसरी एजेंसी बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र भी पिछले एक साल से बड़ा मुद्दा रहा है. केंद्र ने बीएसएफ को इंटरनैशनल बॉर्डर के 50 किमी के भीतर गश्त और तलाशी लेने का अधिकार दिया है. सीमा सुरक्षा बल इससे पहले सीमा के 15 किमी के भीतर ही तलाशी ले सकती थी. केंद्र बीएसफ के अधिकारों को इंटरनैशनल बॉर्डर बसे इलाकों के लिए जरूरी बताता रहा है, मगर कांग्रेस समेत पंजाब में अन्य दल इसे राज्य के मामलों में हस्तक्षेप मानते हैं. इन दलों ने केंद्र की भाजपा सरकार पर चुनाव में केंद्रीय एजेंसी बीएसएफ को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया है.
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ताओं ने केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है. अलका लांबा, रणदीप सुरजेवाला और हरीश चौधरी ने कहा कि जब भी किसी राज्य में चुनाव होते हैं, तो केंद्र की भाजपा सरकार उन राज्यों में ऐसे काम करती है. चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में भी ईडी ने कार्रवाई की थी. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पंजाब में ईडी की कार्रवाई का सीएम चन्नी से कोई लेना-देना नहीं है.

भाजपा नेताओं की दलील, क्या चुनाव के दौरान गलत करने की छूट है?

भाजपा के पंजाब मामलों के प्रभारी गजेंद्र शेखावत, हरदीप पुरी और अन्य भाजपा नेताओं ने कहा कि एजेंसियां अपना काम कर रही हैं और इसे राजनीति से प्रेरित कार्रवाई कहना गलत है. इन नेताओं का कहना है कि भूपिंदर हनी सीएम चन्नी के करीबी हैं और उनके कहने पर अवैध खनन किया गया. उनके संरक्षण के कारण अवैध खनन की जांच नहीं हुई, यह सारा पैसा कहां से आया. बीजेपी नेताओं के अनुसार, चुनाव का मतलब यह नहीं है कि अगर गलत काम होता रहा तो एजेंसियां काम करना बंद कर देंगी. आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा ने एक बड़ा सवाल पूछा कि चन्नी के रिश्तेदार को इतना सारा पैसा कहां से मिला. उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि भूपिंदर हनी ने सीएम चन्नी से नजदीकियों के कारण 4 महीने में अकूत दौलत कमा ली. उनका कहना है कि अगर यह पांच साल की कमाई होती तो इसका हिसाब भी होता. उनकी नजदीकियों के कारण इस तरह के काम करता रहा और अगर उसने सिर्फ चार महीने में इतना पैसा कमाया होता, अगर उसे पांच साल मिलते, तो उसकी कमाई का कोई हिसाब नहीं होता।

कैप्टन अमरिंदर सिंह बीएसएफ का दायरा बढ़ाने से सहमत हैं. उनका कहना है बॉर्डर वाला राज्य होने कारण पंजाब में सतर्कता बरतने की जरूरत है. उन्होंने भूपिंदर हनी के घर पर ईडी की छापेमारी पर कहा कि ईडी उन्हें रिपोर्ट नहीं करता है लेकिन चन्नी का नाम अवैध खनन करने वाले नेताओं की सूची में था, जिसे उन्होंने सोनिया गांधी को सौंपा था.

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