ETV Bharat / bharat

ज्ञानवापी विवाद : एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा हटाए गए, सर्वे रिपोर्ट जमा करने के लिए 2 दिन का वक्त

author img

By

Published : May 17, 2022, 4:27 PM IST

Updated : May 18, 2022, 9:46 AM IST

etv bharat
ज्ञानवापी विवाद

ज्ञानवापी मामले में कमीशन की कार्यवाही पूरी होने के बाद रिपोर्ट सबमिट करने की तिथि को 2 दिन आगे बढ़ाया गया है. स्पेशल वकील कमिश्नर विशाल सिंह के प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है. पूरे मामले में विशाल सिंह को कोर्ट ने जिम्मेदारी सौंपी है. वह पूरी रिपोर्ट तैयार करके दो दिन बाद सबमिट करेंगे. वहीं वकील कमिश्नर अजय मिश्रा को हटा दिया गया है.

वाराणसी : श्रृंगार गौरी- ज्ञानवापी मामले में मंगलवार को कोर्ट की सुनवाई पूरी हो गई है. सहायक वकील कमिश्नर अजय प्रताप सिंह ने कहा कि अजय मिश्रा को इसलिए हटाया गया, क्योंकि वह सहयोग नहीं कर रहे थे. वहीं हिंदू पक्ष के वादी अधिवक्ता विष्णु जैन और सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा तहखाने के अंदर नंदी वाले दक्षिणी हिस्से के अंदर जाकर दीवार और मलवा हटाने के साथ ही अंदर कमीशन की कारवाई फिर से करने के लिए कोर्ट से मांग रखी गई है.

हिंदू पक्ष का कहना है कि प्रतिवादी पक्ष के द्वारा अंदर बहुत चीजों को छुपाने के लिए सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है. इसलिए इन सभी रास्तों को खुलवा कर दोबारा कार्रवाई कराई जाए. फिलहाल कोर्ट के बहस पूरी गई है. अब कोर्ट 3 बजे के बाद कमीशन की रिपोर्ट को सबमिट करने के लिए डेट आगे बढ़ाने और शासकीय अधिवक्ता की तरफ से 3 बिंदुओं पर अलग से कमीशन की कार्यवाही करने के साथ ही वादी महिला पक्ष की तरफ से दायर किए गए एक अन्य मामले पर अपना फैसला दे सकती है.

जानकारी देते वकील कमिश्नर और मुस्लिम पक्षकार के वकील

जानिए क्यों हटाए गए पहले नियुक्त किए गए वकील

वकील कमिश्नर अजय प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने न्यायालय से 2 दिन में रिपोर्ट सबमिट करने के लिए समय मांगा था. उसको न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है. उन्होंने कहा कि हम शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट फाइल करेंगे. वकील कमिश्नर अजय प्रताप सिंह का कहना है कि लगभग 70 से 80 प्रतिशत कार्य रिपोर्ट का पूरा हो चुका है. हमारे द्वारा रिपोर्ट शुक्रवार को सबमिट कर दी जाएगी.

वकील कमिश्नर अजय प्रताप सिंह

इस पूरे मामले पर अजय मिश्र वकील कमिश्नर को हटाया गया है. कोर्ट ने यह एक्शन उनके द्वारा कार्य में सहयोग ना करने की वजह से लिया है. अजय प्रताप सिंह ने बताया कि विशाल प्रताप सिंह की तरफ से 2 दिन बाद रिपोर्ट कोर्ट में सबमिट की जाएगी.

कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए वकील कमिश्नर अजय मिश्रा, जो कि सबसे पहले नियुक्त किए गए थे. उन्हें इस पूरी कार्रवाई से हटाने का आदेश दिया है. सबसे बड़ी बात यह है वकील कमिश्नर अजय मिश्रा को हटाने के लिए 7 मई को मुस्लिम पक्षकारों की तरफ से भी अपील की गई थी. लेकिन कोर्ट ने उस वक्त अजय मिश्रा के साथ 2 सहायक वकील कमिश्नर नियुक्त कर दिए थे. आज कोर्ट ने इस मामले में अजय मिश्र को यह कह कर हटाया है कि विशेष वकील कमिश्नर विशाल प्रताप सिंह की तरफ से इस पूरे मामले में रिपोर्ट सबमिट करने के लिए कोर्ट से स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध किया गया था. विशेष वकील कमिश्नर विशाल प्रताप सिंह की ओर से यह भी कहा था कि अजय मिश्र द्वारा कार्य में सहयोग नहीं किया जा रहा है.

जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडेय ने ईटीवी भारत से साझा की जानकारी.

इसके अलावा उनके द्वारा इस कार्यवाही के लिए नियुक्त किए गए उनके पर्सनल कैमरामैन आरपी सिंह के द्वारा चीजों को गलत तरीके से तोड़-मरोड़कर मीडिया के सामने प्रस्तुत किया है. न्यायालय की गुप्त कार्रवाई की सूचना मीडिया तक पहुंचाई जा रही थी. इन बातों का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने तत्काल वकील कमिश्नर अजय मिश्र को इस पूरे मामले से हटाने का निर्देश दिया है. इस पूरे मामले में बतौर वकील कमिश्नर पूरा कार्य विशाल प्रताप सिंह के निर्देशन में आगे होगा. उन्हीं के सिग्नेचर से शुक्रवार को रिपोर्ट सबमिट की जाएगी और उनके साथ अजय प्रताप सिंह सहायक के तौर पर कार्य करेंगे, लेकिन सारा कार्य संपादित करने का काम विशाल प्रताप सिंह ही करेंगे.

जानकारी देते बनारस बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री नित्यानंद राय.

जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडेय ने ईटीवी भारत से कहा कोर्ट ने वकील कमिश्नर को रिपोर्ट दाखिल करने के मामले में आज ही फैसला देने के लिए कहा है. शासकीय अधिवक्ता के 3 बिंदु आपत्ति पर और 4 महिला वादी की तरफ से दाखिल प्रार्थना पत्र पर तिथि आगे दे सकते हैं.

हिंदू पक्ष की महिला वादी ने सील किए गए स्थान से मलबा हटाने के लिए दाखिल की याचिका

श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मामले में एक और याचिका सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में दाखिल की गई है. हिंदू पक्ष की महिला वादी सीता साहू, रेखा पाठक, लक्ष्मी देवी और मंजू व्यास की तरफ से न्यायालय में सील किए गए स्थान पर वजू रोकने और अंदर मिले मलबा और दीवार हटाने के लिए एप्लीकेशन दिया है. जिस पर न्यायालय में आज सुनवाई हो सकती है. न्यायालय में हिंदू पक्ष ने दलील की है कि तालाब की मछलियों को वहां से हटाया जाए, अगर वह मरती हैं तो जीव हत्या का पाप लगेगा.

जानकारी देते हिंदू पक्ष के वादी अधिवक्ता विष्णु जैन और सुभाष नंदन चतुर्वेदी.

इस दौरान ईटीवी भारत से बातचीत में तीनों महिलाओं ने कई और राज खोले हैं. उन्होंने बताया कि जिस जगह शिवलिंग मिला है. उसके पास एक कुआं भी मिला है. उसकी भी जांच होनी चाहिए. साथ ही मलबा हटाकर अंदर जांच करने की अपील भी न्यायालय में की है.महिलाओं का कहना है कि हमारे बाबा मिल गए हैं. हम शक्ति को खोजने गए थे और हमारी मांग है कि हमें अब वहां पर पूजा करने की अनुमति भी दी जाए. इसके अलावा रेखा पाठक ने 4 महिलाओं के इस वाद दाखिल करने को लेकर अपनी कहानी भी बताई. उनका कहना था कि हम चारों महिलाएं पुरानी दोस्त हैं और नवरात्र के समय हम सभी गौरी के मंदिर में दर्शन करने जाती थीं. शिव शृंगार गौरी में हमें भजन कीर्तन की अनुमति नहीं मिलती थी जिस पर हमने कोर्ट में यह याचिका दायर की थी.

कोर्ट में वकील कमिश्नर विशाल सिंह ने मांगा रिपोर्ट फाइल करने के लिए 2 दिन का समय

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में वकील कमिश्नर विशाल सिंह की तरफ से कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया. जिसमें कहा गया कि ज्ञानवापी विवाद को लेकर कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट लगभग तैयार है. विवादित स्थल बड़ा है और सभी बिंदुओं पर ध्यान देना भी जरूरी है इसके लिए अभी रिपोर्ट तैयार होने में कुछ और समय लग सकता है.गौरतलब है कि उपरोक्त वाद में न्यायालय ने दिनांक 12 मई को आदेश पारित किया था कि 17 मई तक कमीशन कार्यवाही पूरी करके रिपोर्ट न्यायालय में प्रेषित करें, लेकिन अभी वकील कमिश्नर विशाल सिंह ने कोर्ट से समय मांगा है.

सिविल जज सीनियर डिवीजन के कोर्ट में सभी कोर्ट कमिश्नर मौजूद

ज्ञानवापी परिसर मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन के कोर्ट में सभी कोर्ट कमिश्नर मौजूद हैं. एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा, स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह और सहायक एडवोकेट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह कोर्ट में मौजूद हैं. जहां दोपहर 2 बजे के बाद कोर्ट में कमीशन की कार्यवाही रिपोर्ट पेश करने के लिए नया समय मांगा जाएगा. हालांकि अभी कोर्ट में जज नहीं बैठे हैं.

सिविल कोर्ट एक और सहायक कोर्ट कमिश्नर कर सकती है नियुक्त

ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद कोर्ट ने उस जगह को (तालाब) सील करने का आदेश जारी किया है. शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रताप ने कोर्ट के आदेश पर आपत्ति जताते हुए याचिका दायर की है. इसको लेकर दोपहर 2 बजे सिविल कोर्ट एक और सहायक कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर सकती है.

इस पूरे मामले में एक नया मोड़ आया है. जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडे की तरफ से सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में एक प्रार्थना पत्र दिया गया है. जिसमें तीन बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित करते हुए एक नए वकील कमिश्नर की नियुक्ति का आग्रह किया गया है. इस बारे में उनके सहयोगी अधिवक्ता नित्यानंद राय का कहना है कि शासकीय अधिवक्ता की तरफ से कोर्ट का ध्यान आकर्षित करते हुए 3 बिंदुओं पर वहां एक नए वकील कमिश्नर को भेजकर जांच पूरी कर उनसे आख्या देने की अपील की गई है.

शासकीय अधिवक्ता ने 3 बिंदुओं में पहली मांग रखी है कि जिस वजू स्थान को सील किया गया है उसमें वजू करने के लिए पानी की पाइप लाइन है. जिसको अलग किया जाना अनिवार्य है. इसके अलावा उस स्थान पर कुछ शौचालय हैं जिनके बंद होने से नमाजियों को दिक्कत हो सकती है. इसके अतिरिक्त जिस तालाब को सील किया गया है उसमें मछलियां है और पर्यावरण की दृष्टि से उनके जीवन पर संकट हो सकता है.

जिसके लिए एक नए वकील कमिश्नर को भेजकर जांच करते हुए इसकी आख्या मांगी जाए ताकि उस पर उचित कार्रवाई की जा सके. शासकीय अधिवक्ता की तरफ से यह भी स्पष्ट किया गया है कि न्यायालय के आदेश के मुताबिक शासन की तरफ से न्यायिक कार्यो को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है, लेकिन मानवीय दृष्टि से इन बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है. फिलहाल इस पूरे मामले पर आज दोपहर 2 बजे के बाद कोर्ट सुनवाई करते हुए फैसला सुना सकता है.

इसे भी पढे़ं- ज्ञानवापी विवाद: सिविल कोर्ट में आज पेश नहीं होगी कमीशन कार्यवाही की रिपोर्ट, ये है कारण

Last Updated :May 18, 2022, 9:46 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.