वाराणसी: ज्ञानवापी विवाद में कमीशन कार्यवाही की रिपोर्ट आज सिविल कोर्ट में पेश नहीं होगी. जिसकी जानकारी सहायक कोर्ट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह ने दी. अजय प्रताप सिंह ने बताया कि सैकड़ों फोटोग्राफ और कई घंटे का वीडियो है. इसके चलते अभी तक रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई है. न्यायालय में दूसरे दिन की तारीख के लिए एप्लिकेशन दी जाएगी और जो भी तारीख मिलेगी. उस दिन रिपोर्ट पेश की जाएगी.
श्री काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन मामले में 5 महिलाओं की तरफ से दायर याचिका पर ज्ञानवापी परिसर में कमीशन की कार्यवाही के तहत वीडियोग्राफी पूरी हो चुकी है और आज एक वीडियोग्राफी की रिपोर्ट न्यायालय में पेश करने की तारीख थी, लेकिन रिपोर्ट तैयार न होने के कारण आज सिविल कोर्ट में रिपोर्ट पेश नहीं की जाएगी. इसकी जानकारी सहायक कोर्ट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह ने दी.
दरअसल, 4 दिनों तक चली वीडियोग्राफी में कुल 17 घंटे की वीडियो रिकॉर्डिंग है और 1500 से ज्यादा तस्वीरों को 16 मेमोरी कार्ड में कैद किया गया है. यह सारे मेमोरी कार्ड 32GB के हैं. इन सभी पर कम से कम 2-2 पन्नों की यानी करीब 32 पन्नों की रिपोर्ट तैयार करनी पड़ सकती है. जिसमें समय लगेगा.
कोर्ट के आदेश पर पहले 6 मई को और फिर 14 से 16 मई को ज्ञानवापी परिसर के अंदर कमीशन की कार्यवाही के तहत वीडियोग्राफी पूरी की गई है. इस दौरान हिंदू पक्ष ने मस्जिद परिसर के पश्चिमी और दक्षिण हिस्से के बीचो-बीच स्थित एक तालाब में जिसमें वजू के लिए पानी भरा जाता है. वहां शिवलिंग मिलने का दावा किया है. हालांकि बाद में इस मामले में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता और संयुक्त सचिव एसएस यासीन ने जिस स्थान पर शिवलिंग मिलने की बात कही गई है और जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है उसे फव्वारे का एक हिस्सा बता कर मामले की वैज्ञानिक जांच की बात भी कही है.
पहले 1 दिन और बाद में 3 दिनों तक लगातार हुई कमीशन की कार्यवाही के तहत अंदर कई राज मिले हैं. ऐसा दावा हिंदू पक्ष कर रहा है. उनका कहना है कि मस्जिद के 2 तहखानों में मौजूद खंभों में कमल पुष्प से लेकर घंटियां और हिंदू मंदिर होने के साक्ष्य हैं. इसके अलावा तहखाने में एक ईंट की दीवार भी मिली है. जिसके पीछे कुछ गहरे राज छुपे होने का अंदाजा है इसके अतिरिक्त अंदर काफी मलवा भी इकट्ठा है जिसकी ऊंचाई 15 फीट से ज्यादा बताई जा रही है. जिसे हटाकर वीडियोग्राफी कराए जाने की मांग भी हिंदू पक्ष कोर्ट में रख सकता है.
माना जा रहा है कि मुस्लिम पक्ष आज इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सकता है. गौरतलब है कि मुस्लिम परिवारों की तरफ से न्यायालय के फैसले को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. मुस्लिम पक्षकारों का कहना है कि जब कोर्ट ने स्वयं 17 मई को रिपोर्ट सबमिट करने का आदेश दिया था तो हिंदू पक्ष की तरफ से दी गई एप्लीकेशन पर एक तरफा सुनवाई करते हुए दूसरे पक्ष को बिना सुने 16 मई को ही परिसर को सील करना उचित ही नहीं था. इसके लिए कोर्ट को 1 दिन का इंतजार करना चाहिए था.
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