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G20 Summit: वाशिंगटन के पत्रकार बोले, भारत कठिन समय में कर रहा है जी20 की मेजबानी

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 10, 2023, 6:06 PM IST

Tokyo Broadcasting System International
टोक्यो ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम इंटरनेशनल

वाशिंगटन डीसी ब्यूरो, टोक्यो ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम इंटरनेशनल के ब्यूरो प्रमुख टेरियुकी काशीमोटो ने भारत में हुए जी20 शिखर सम्मेलन को सफल बताया. उन्होंने इसे लेकर ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी से खास बातचीत करते हुए कहा कि मुझे बहुत खुशी और आश्चर्य हुआ कि नेता पहले ही दिन संयुक्त घोषणा में आम सहमति पर पहुंच गए.

टोक्यो ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम इंटरनेशनल के ब्यूरो प्रमुख टेरियुकी काशीमोटो से बातचीत

नई दिल्ली: टोक्यो ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम इंटरनेशनल, वाशिंगटन डीसी ब्यूरो के ब्यूरो प्रमुख टेरियुकी काशीमोटो ने ईटीवी भारत के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि जब यूक्रेन की स्थिति की बात आती है तो भारत बहुत मुश्किल स्थिति में है और किसी भी देश के लिए राष्ट्रपति पद कठिन है. टीबीएस न्यूज ब्यूरो प्रमुख ने कहा कि मुझे बहुत खुशी और आश्चर्य हुआ कि नेता पहले ही दिन संयुक्त घोषणा में आम सहमति पर पहुंच गए.

उन्होंने आगे संयुक्त जी20 नेताओं की घोषणा से संबंधित बाधाएं व्यक्त कीं और कहा कि किसी भी अध्यक्ष देश के लिए समझौते के लिए ऐसी भाषा अपनाना काफी समझ में आता है. जी20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन अपनाई गई, जी20 संयुक्त दिल्ली घोषणा, बाली घोषणा में भाषा में एक महत्वपूर्ण बदलाव में, यूक्रेन में युद्ध को संदर्भित करती है, न कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को.

जी20 शिखर सम्मेलन में चीन के शामिल नहीं होने के सवाल पर टेरुयुकी ने कहा कि विजेता अमेरिका था और चीन यहां हारा हुआ साबित हुआ क्योंकि अगर शी जिनपिंग यहां शिखर सम्मेलन में होते, तो वह अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते थे और दुनिया को दिखा सकते थे कि चीन कुछ कर सकता है, लेकिन चीन कहीं नहीं है. यह भारत, अमेरिका और मध्य पूर्व ही हैं, जिन्होंने महत्वपूर्ण आर्थिक गलियारा परियोजना शुरू की, जो एक बड़ी बात है.

उन्होंने कहा कि इस भूराजनीतिक प्रतियोगिता में राष्ट्रपति बाइडेन ने अच्छा प्रदर्शन किया. इसके अलावा, नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन को कवर करने के अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि यहां सुविधा अद्भुत है और मैंने भोजन का आनंद लिया लेकिन सुरक्षा चिंता का विषय रही, क्योंकि कार्यक्रम स्थल तक पहुंचना एक परेशानी थी. भारत जापान संबंध पर पत्रकार ने कहा कि भारत जापान का एक महत्वपूर्ण भागीदार रहा है और इसके अलावा हमने क्वाड का ढांचा बनाया है और सहयोग बढ़ता जा रहा है.

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि वर्तमान में जापान द्वारा फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से उपचारित अपशिष्ट जल छोड़ने के कारण चीन के साथ संघर्ष चल रहा है. इसी साल 24 अगस्त को जापान सरकार ने समुद्र में पानी छोड़ना शुरू किया. यह सिर्फ कोई पानी नहीं है, बल्कि फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से उपचारित अपशिष्ट जल है, जो 12 साल पहले सुनामी से नष्ट हो गया था. हालांकि, चीन ने जापान की कार्रवाइयों की आलोचना करते हुए उन्हें लापरवाह बताया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन सरकार ने जापानी समुद्री भोजन के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है.

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