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Adipurush : भगवान श्रीराम क्यों कहलाए आदिपुरुष, जानिए पूरा रहस्य

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Published : Jun 13, 2023, 7:22 PM IST

Updated : Jun 16, 2023, 7:22 AM IST

Adipurush release today भगवान विष्णु के अवतार भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से जाने जाते हैं. भगवान राम का पूरा जीवन एक मर्यादा के रूप में हर व्यक्तियों के लिए एक सीख है.भगवान राम ने अपना पूरा जीवन मर्यादित होकर जीया. माता के साथ पिता के साथ भाई बहन के साथ कुटुंब और परिवारजनों के साथ किस तरह का व्यवहार करना चाहिए. यह सीख भगवान राम से मिलती है. इसी के साथ ही उन्हें आदिपुरुष भी कहा गया.आज हम आपको बताएंगे प्रभु श्रीराम को आदिपुरुष क्यों कहा गया. Lord Ram Adipurush

Relationship between Adipurush and Lord Shriram
आदिपुरुष और भगवान श्रीराम का नाता

भगवान श्रीराम को क्यों कहा जाता है आदिपुरुष ?

रायपुर : प्रभास और कृति सेनन, सैफ अली खान अब राम, सीता और रावण के किरदार पर बड़े पर्दे पर दिखने वाले हैं. 16 जून को फिल्म आदिपुरुष बड़े पर्दे पर रिलीज हो रही है .इस फिल्म को टेक्निकली काफी रिच बनाया गया है. कमाल के विजुअल इफेक्ट्स के साथ फिल्म का ट्रेलर पहले ही लोगों के दिलों में जगह बना चुका है. अब बस राम भक्तों को नए विजुअल इफेक्ट्स के साथ राम और रावण के घमासान का इंतजार है.लेकिन क्या आपको पता है कि भगवान श्रीराम को आदिपुरुष क्यों कहा गया.

Relationship between Adipurush and Lord Shriram
भगवान श्रीराम को क्यों कहा जाता है आदिपुरुष ?

क्यों भगवान श्रीराम को कहा जाता है आदिपुरुष : भगवान राम के आदि पुरुष कहलाने के पीछे किस तरह की पौराणिक मान्यता है, और क्यों भगवान राम को आदि पुरुष के नाम से संबोधित किया जाता है. शास्त्र, ग्रंथों और धर्म पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु के 10 प्रमुख अवतार बताए गए हैं. इसके साथ ही 24 अन्य और अवतार हैं. 10 अवतारों में से एक अवतार भगवान श्रीराम माने जाते हैं. जिसे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के नाम से भी संबोधित किया जाता है. मर्यादा पुरुषोत्तम श्री भगवान राम को आदिपुरुष के नाम से भी जाना जाता है.


क्या है आदि का अर्थ : पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि " आदि का अर्थ है जो सबसे पहले प्रकट हुआ. तो इस पूरे ब्रह्मांड में भगवान नारायण सबसे पहले प्रकट हुए.समुद्र प्रलय के बाद नारायण बरगद के पत्ते पर अथाह सागर के बीच अंगूठा चूसते हुए हिचकोले खा रहे थे. इसी दौरान नारायण को फिर से लीला करने की सूझी.लिहाजा नारायण ने अपने पूरे शरीर को आदिनारायण के रूप में शरीर का विस्तार किया. जिसमें नारायण, शेषनाग की शैय्या में सोए हुए दिखते हैं.इस रूप में माता लक्ष्मी उनके चरण दबाती हुई नजर आई."


नाभि से प्रकट हुआ कमल : पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि " श्रीमद् भागवत कथा में भी इस बात का उल्लेख मिलता है, कि जैसे ही भगवान बाल रूप से आदिनारायण के बड़े स्वरूप में आए तो उनकी नाभि से एक कमल प्रकट हुआ. उसी कमल में भगवान ब्रह्मा जी प्रकट हुए.ब्रह्मा जी ने पानी यानी नीर पर बैठे हुए नर को नारायण कहा. विष्णु प्रथम पुरुष थे इसलिए उन्हें आदिपुरुष की उपाधि दी गई. ब्रह्म पुराण में ब्रह्मा जी ने सृष्टि के कई पहलुओं की रचना के बारे में लिखा और कलयुग का जिक्र भी किया. इसलिए इसे आदि पुराण भी कहते हैं.''

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आदिपुरुष का अर्थ : आदिपुरुष दो अलग शब्दों से मिलकर बना है, आदि और पुरुष. वैसे तो आदि के कई मतलब होते हैं, लेकिन यहां आदि का मतलब पहला या आरंभ से ही है. यानी आदिपुरुष का शाब्दिक अर्थ है पहला मानव.आदिपुरुष का उल्लेख हिंदू धर्म के कई पौराणिक कथाओं में मिलेगा. लेकिन अलग-अलग कथाओं और धर्मग्रंथों में आदिपुरुष का वर्णन बदल गया है.

Last Updated :Jun 16, 2023, 7:22 AM IST
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