ETV Bharat / state

Ashadh Halharini Amavasya 2022:हरहारिणी अमावस्या पर ऐसे करें पितरों को प्रसन्न

author img

By

Published : Jun 25, 2022, 9:56 AM IST

Halharini Amavasya
हरहारिणी अमावस्या

आषाढ़ मास की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन किसान बुवाई का काम शुरू करते हैं. इस दिन कृषि उपकरणों की भी पूजा होती है. इस दिन पितरों की पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती (Please make ancestors happy on Ashadh Halharini Amavasya ) है.

रायपुर: आषाढ़ मास में आने वाले अमावश्या को हलहारिणी अमावस्या कहा जाता है. इस अमावस्या को स्नान, दान के साथ पितृतर्पण से पितर प्रसन्न होते हैं. दरअसल, किसानों द्वारा इस दिन कृषि उपकरणों को पूजा जाता है. फसलों की बुवाई के लिए ये दिन बेहद खास होता है. इस बार आषाढ़ मास की अमावस्या यानी हलहारिणी अमावस्या 28 जून को पड़ रही है. 29 जून को स्नानदान की अमावस्या मनाई (Please make ancestors happy on Ashadh Halharini Amavasya ) जाएगी.

हलहारिणी अमावस्या पूजा विधि: कहा जाता है कि आषाढ़ अमावस्या से ही चातुर्मास का प्रारंभ होता है. इसलिए आषाढ़ अमावस्या के शुभ दिन पितृ तर्पण करने या श्राद्धकर्म करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. हलहारिणी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. अगर संभव न हो तो घर पर ही जल में गंगाजल डालकर अवश्य स्नान करें. इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करके पितरों का तर्पण करना चाहिए.

यह भी पढ़ें: Ashadha Ravi pradosh vrat 2022: जानिए आखिर क्यों खास है आषाढ़ का पहला प्रदोष व्रत

व्रत करने से मिलता है लाभ: कहा जाता है कि आषाढ़ अमावस्या के दिन फलाहार व्रत रखने से सुख-समृद्धि प्राप्त होता है. इस दिन जरूरतमंदों को अनाज या वस्त्र दान करने वाला व्यक्ति प्रगति करता है.

आर्थिक तंगी होती है दूर: शास्त्रों की मानें तो इस अमावस्या के दिन सुबह स्नान करने के बाद आटे की गोलियां बनाकर किसी तालाब में मछलियों को खिलाने से आर्थिक स्थिति बेहतर होती है. इसके अलावा घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाना भी शुभ माना गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.