ETV Bharat / state

नवरात्र 2021: मां कात्यायनी की इस तरह करें पूजा, विवाह में आने वाली बाधाएं होंगी दूर

author img

By

Published : Oct 7, 2021, 11:02 PM IST

Updated : Oct 11, 2021, 6:33 AM IST

नवरात्रि के छठे दिन देवी के कात्यायनी (Maa Katyayani) स्वरूप की पूजा की जाती है. इनकी उत्पत्ति या प्राकट्य के बारे में वामन और स्कंद पुराण में अलग-अलग बातें बताई गई हैं. मां कात्यायनी देवी दुर्गा का ही छठा रूप है. इनके पूजा करने से सुख शांति और खुशहाली होती है.

katyayani
कात्यायनी देवी

रायपुर: या देवी सर्वभूतेषु कात्यायनी माता रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः इस महामंत्र के द्वारा माता कात्यायनी (Mata Katyayani) का अनुग्रह प्राप्त किया जाता है. शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) की षष्ठी तिथि को माता कात्यायनी की पूजा का विधान है और स्कंद षष्ठी के रूप में भी जाना जाता है. जेष्ठा और मूल नक्षत्र में सौभाग्य योग पदमा योग और वृश्चिक उपरांत धनु राशि में षष्ठी का पर्व मनाया जाएगा.

कात्यायनी माता

कात्यायनी माता कत ऋषि की वंशज मानी गई है. कात्यायन ऋषि के कन्या के रूप में देवी जानी जाती हैं. ऐसी मान्यता है कि ब्रह्मा विष्णु और महेश के उज्जवल तेज से कात्यायनी मां का जन्म हुआ है. कात्यायनी माता 4 हाथों वाली हैं. लाल वस्त्र पहन कर माता की पूजा की जाती है. माता की आराधना करने से भय रोग और शत्रुओं का विनाश होता है. माता के हाथ में कमल पुष्प तलवार अभय मुद्रा विद्यमान हैं.

नवरात्र पर्व 2021: पहले दिन डोली पर सवार होकर आएंगी माता शैलपुत्री, ऐसे होगी पूजा

राक्षसों का संहार करने के कारण माता को महिषासुर मर्दिनी कहा जाता है. कुंवारी कन्याएं विशेष रूप से कात्यायनी माता को पूजती है तो उनके विवाह में आने वाले अवरोध समाप्त होते हैं. आज के दिन स्नान ध्यान से निवृत्त होकर कुंवारी कन्याएं माता के लिए संकल्पधारी होकर उपवास करें तो उनकी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूर्ण होती है. जिन जातकों का विवाह हो चुका है और वैवाहिक संबंधों में कुछ अड़चनें आ रही हैं. ऐसे लोगों को भी कात्यायनी माता की साधना उपासना करने से शांति और स्थिरता मिलती है.

पूजा विधि

माता को धूप, दीप और अगरबत्ती दिखाकर विधानपूर्वक पूजा किया जाता है. रोली, सिंदूर, बंधन, कुमकुम और गेंदा फूल की माला आदि से माता प्रसन्न होती है. लाल चुनरी और लाल कपड़ा माता को अर्पित किया जाता है. कात्यायनी देवी तेजस्विता और ओजस्विता प्रदान करती हैं.

ऐसे जातक जो मानसिक तौर पर थोड़े कमजोर हैं. उन्हें माता कात्यायनी की सत्य निष्ठा पूर्वक उपासना करनी चाहिए. बहुत प्रयास करने के बावजूद जिन कन्याओं के विवाह में बाधाएं आ रही हो. उन सभी कन्याओं को ॐ कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि नंद गोप सुतं देवि पतिम में कुरू ते नमः इस मंत्र को श्रद्धा पूर्वक निष्काम भाव से दिन भर पाठ करना चाहिए.

विधान पूर्वक इस मंत्र का जाप करने से विवाह में आने वाले अवरोध समाप्त हो जाते हैं. मां कात्यायनी अधिष्ठात्री देवी हैं. समस्त बुराइयों का नाश करती हैं और हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती हैं. माता कात्यायनी को हल्दी की भी माला अर्पित की जा सकती है.

Last Updated :Oct 11, 2021, 6:33 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.