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अमेरिका के ज्योतिषियों ने खोजी 13वीं राशि, बिलासपुर के तालागांव में काल पुरुष प्रतिमा में है "सर्प शीर्ष"

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Published : Sep 9, 2021, 6:35 PM IST

अमेरिका के ज्योतिष शास्त्रियों ने 13वीं राशि सर्प शीर्ष की खोज की है. 13वीं राशि सर्प शीर्ष बिलासपुर के ताला ग्राम स्थित देवरानी-जेठानी के मंदिर के भग्नावशेष में काल पुरुष प्रतिमा में मौजूद है. काल पुरुष की यह प्रतिमा पांचवीं शताब्दी की है.
13th zodiac snake head
13वीं राशि सर्प शीर्ष

रायपुर : यूरोपीय देश के खगोल शास्त्रियों (astronomer) ने जिस प्रकार प्लूटो एक नए ग्रह (Planets) की खोज कर विश्व को चौंका दिया है, ठीक उसी प्रकार अमेरिका के ज्योतिष शास्त्रियों ने अब 13वीं राशि सर्प शीर्ष (13th zodiac snake head) की खोज की है. जिस पर अभी ज्योतिष शास्त्रियों और खगोलविदों (astrologers and astronomers) के बीच बहस छिड़ी हुई है. आश्चर्य की बात है कि यह 13वीं राशि सर्प शीर्ष छत्तीसगढ़ में ताला ग्राम में काल पुरुष प्रतिमा में मौजूद है. काल पुरुष की यह प्रतिमा पांचवीं शताब्दी की बताई जा रही है. अमेरिका के ज्योतिष शास्त्रियों ने इसकी खोज की है, लेकिन इसका प्रमाण पुरातत्वविद हेमू यदु ने 2017 में दिया है. जमशेदपुर में हुए एशियन ज्योतिष कॉन्फ्रेंस की पत्रिका में 13वीं राशि सर्प शीर्ष का उल्लेख है.

13वीं राशि सर्प शीर्ष


देवरानी-जेठानी के मंदिर के भग्नावशेष में मिली काल पुरुष की प्रतिमा

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के ग्राम तालागांव में देवरानी-जेठानी मंदिर के भग्नावशेष में सन 1986 में यह रहस्यमयी प्रतिमा मिली है. इसके अंग-उपांगों में विचित्र जीव-जंतुओं का अंकन है. देश ही नहीं, बल्कि विश्व के पुरातत्वविदों में इस अलौकिक व अद्भुत प्रतिमा को लेकर कई सालों से जिज्ञासा बनी हुई है.

पांचवीं शताब्दी की बताई जा रही प्रतिमा

पांचवी शताब्दी में निर्मित इस प्रतिमा में सांकेतिक लक्षण है जो प्रतिमा में द्वादश राशि का प्रतीकात्मक है इसे ज्योतिष शास्त्र एवं पुरातत्व से गहन अध्ययन से काल पुरुष की प्रतिमा सिद्ध किया है गया है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मनुष्य के शरीर में 12 राशि उनके अंग उपांगों मैं होती है जो राशि जातक को सूट करती है शरीर का वह भाग पुष्ट और मजबूत होता है अर्थात किसी बीमारी से ग्रसित नहीं होगा जैसे सिंह राशि घुटने में इस प्रतिमा में दर्शाया गया है इस तरह से सिंह राशि के जातक को घुटने की बीमारी नहीं होगी

काल पुरुष की प्रतिमा में 13वीं राशि कंधे पर
मानव शरीर में कंधा एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है. पूरे शरीर का भार कंधे पर होने के कारण कंधे को भार साधक कहा जाता है. कंधा मानव को बलशाली बनाता है. मानव जीवन पर्यंत कंधे के बल पर कार्य संपन्न करता है और अंतिम यात्रा वह दूसरे के कंधे पर करता है. इस काल पुरुष की प्रतिमा में इसके कंधे पर 13वीं राशि है. जातक परिजात नामक ज्योतिष के प्राचीन ग्रंथ में ऐसी 12 राशि धारण करने वाले को काल पुरुष कहा गया है.

अमेरिका के ज्योतिष शास्त्री मार्की मेककेपी ने खोजी 13 वीं राशि

विगत कुछ वर्षों से अमेरिका में ज्योतिष एवं खगोल शास्त्रियों के मध्य 13वीं राशि की नवीनतम खोज पर बहस हो रही है. अमेरिका के ज्योतिष शास्त्री मार्की मेककेपी ने ग्रह नक्षत्र के आधार पर ज्योतिष में 13वीं राशि की नवीनतम खोज कर सभी को चौंका दिया है. जिसे सर्प शीर्ष राशि का नाम दिया गया है. जिस प्रकार नवीनतम 13वीं राशि अमेरिका के ज्योतिष के अनुसार यह राशि चक्र में 12वें स्थान पर है. 13वें स्थान पर धनु राशि को बताया गया है. इस 13वीं राशि का शोध विश्व के ज्योतिषियों के लिए एक चुनौती बनी हुई है. ज्योतिष में जातक के कालगणना में सर्प का उल्लेख अवश्य आता है, जिसे कालसर्प योग कहा जाता है. कालसर्प के अनुष्ठान से जातक को बीमारी यह परेशानियों से छुटकारा मिलती है, ऐसी अवधारणा सदियों से है.

प्रतिमा में अंकित 12 राशि इस प्रकार हैं

  • मेष राशि - प्रतिमा की दोनों आंखें मेष मेढ़ा की बनाई गई हैं, जो अधखुली और बड़ी हैं. यह मेष राशि का प्रतीक है.
  • वृश्चिक राशि - प्रतिमा की नासिका वृश्चिक (बिच्छू) के प्रतीक स्वरूप शिल्प अंकित किया गया है.
  • मीन राशि - प्रतिमा की मूछें मीन राशि मछली से बनी हुई हैं.
  • कर्क राशि - प्रतिमा की दाढ़ी-ठुड्डी कर्क राशि केकड़ा से बनाई गई है.
  • मकर राशि - प्रतिमा के दोनों कंधों को मकर राशि से शिल्प अंकित किया गया है. दोनों हाथ मगर के मुंह से निकलता हुआ प्रदर्शित है. जल एवं थल दोनों के प्राणियों के मिश्रण को मकर कहा जाता है, यह मकर राशि का प्रतीक है.
  • मिथुन राशि - प्रतिमा के वक्ष स्थल छाती पर दो पुरुष और नीचे की ओर कमर में दो स्त्री की मुख की आकृति युगल प्रतिमा मिथुन राशि का प्रतीक है.
  • कुंभ राशि - प्रतिमा के उदर भाग (पेट) को धड़ का स्वरूप गोले का रूप में शिल्पांकन कुंभ राशि का प्रतीक है.
  • वृष राशि - प्रतिमा के पेट में जो मुखाकृति है, उनकी दोनों आंख वृष (बैल) की हैं. यह बड़ी-बड़ी आंखें वृष राशि का प्रतीक है.
  • तुला राशि - प्रतिमा की दोनों जंघाओं में तुला राशि का शिल्पांकन है. जंघा के मध्य में नाभि के समीप कूर्म (कच्छप) का मुंह तुला की डंडी-मुंठ के रूप में नीचे 2 घंटी नुमा आकृति तुला के कांटे का प्रतीक है. जंघाओं में प्रदर्शित हाथ जोड़ती स्त्रियां दोनों पल्ला तराजू का स्वरूप है. जिस प्रकार कच्छप द्वारा दो मानव कृतियों को संतुलित करते हुए दिखाना राशि को संतुलन करता होने की पुष्टि करता है.
  • कन्या राशि - प्रतिमा के दोनों जांघों में तुला कृति के मध्य कन्या को मुखाकृति कन्या राशि का प्रतीक है.
  • धनु राशि - प्रतिमा के बाएं कंधे पर फन उठाए सर्प की आकृति बाएं पैर के समीप नीचे फन बाहर निकाले हुए सर्प की आकृति का स्वरूप धनुष की प्रत्यंचा अर्थात धनुष आकृति है, जो धनु राशि का प्रतीक है.
  • सिंह राशि - प्रतिमा के दोनों घुटनों में सिंह की मुखाकृति सिंह राशि का प्रतीक है.
  • सर्प शीर्ष राशि - यह राशि सांप का सिर वाली आकृति है, जिसे सर्प शीर्ष राशि कहा गया है.
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