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कोरबा में पुलिस आरक्षक के साथ मारपीट, मामला दर्ज कराने को लगा रहे अपने ही थाने का चक्कर

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Published : Feb 14, 2022, 1:11 PM IST

assault with police constable in Korba: कोरबा में पुलिस आरक्षक से मारपीट के साथ-साथ गाली-गलौज किया गया. आरक्षक थाने के चक्कर लगा रहा है. लेकिन थाना अब तक मामला दर्ज नहीं कर रहा है. जानिए क्या है पूरा मामला.

Police constable assaulted in Korba
कोरबा में पुलिस आरक्षक के साथ मारपीट

कोरबा: कोरबा में पुलिस आरक्षक के साथ मारपीट और गाली-गलौज का मामला सामने आया है. शहर के रामपुर चौकी में पदस्थ आरक्षक अनिरुद्ध अपने साथ हुए मारपीट की रिपोर्ट लिखवाने उसी चौकी के चक्कर काट रहा हैं, जहां वह पदस्थ हैं. आरक्षक का आरोप है कि 9 फरवरी की रात नशे में धुत 4 बिगड़ैल युवाओं ने उसकी पिटाई कर दी थी. जब उसने यह बताया कि वह पुलिस का स्टाफ है. तब और भी भद्दी गाली देते हुए उसके साथ बुरी तरह से मारपीट की गई. अब इस घटना की रिपोर्ट लिखवाने के लिए वह अपनी ही चौकी के चक्कर लगा रहा हैं.

कोरबा पुलिस आरक्षक

घटना का विरोध करने पर आरोपी पक्ष के युवाओं ने मारपीट की घटना के दूसरे दिन एक महिला से आरक्षक के विरुद्ध ही छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज करवा दी है. जिसके बाद पीड़ित आरक्षक न्याय की गुहार लगा रहा है.

ये है पूरा मामला

पीड़ित आरक्षक अनिरुद्ध केरकेट्टा की मानें तो 9 फरवरी की शाम को ड्यूटी खत्म करने के बाद निहारिका क्षेत्र में वो खरीदारी करने निकला था. इस दौरान उसके बगल से गुजरने वाले बाइक सवार 4 युवाओं ने देखकर चलने की बात कही और अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे.आरक्षक ने उन्हें मना किया. साथ ही ये भी बताया कि वह रामपुर चौकी में आरक्षक के पद पर पदस्थ हैं. युवकों ने आरक्षक के सामने बाइक अड़ा दी और बुरी तरह से मारपीट की. आरक्षक ने डायल 112 को फोन लगाया. बाइक सवार युवकों को चौकी भी लाया गया. जानकारी यह भी है कि मारपीट करने वाले युवक नशे की हालत में थे. इसलिए उन्हें सुबह 10 बजे आने आने को कहा गया और छोड़ दिया गया. तब से लेकर अब तक आरक्षक इस मामले में कार्रवाई के लिए एसपी कार्यालय से लेकर रामपुर पुलिस चौकी तक के चक्कर काट रहा है. हालांकि कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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झूठी शिकायत कर मामला वापस लेने का दबाव

पीड़ित आरक्षक अनिरुद्ध का कहना है कि 'एक तो मेरे साथ मारपीट की गई और पुलिस विभाग में पदस्थ होने बावजूद भी विभाग मेरी नहीं सुन रहा है. दूसरी तरफ आरोपी युवाओं ने एक महिला को सामने लाकर छेड़छाड़ करने की झूठी शिकायत दर्ज कराई है, जिससे मैं बेहद आहत हूं. मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. यदि मेरी गलती है तो मैं जेल जाने को भी तैयार हूं. पूरे मार्ग में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. मेरा मोबाइल लोकेशन लिया जा सकता है. जांच में सब साफ हो जाएगा, लेकिन मेरी शिकायत पर एफआईआर तक नहीं लिखी गई है. उल्टा रसूखदारन लोगों ने मेरे ऊपर पैसे लेकर केस रफा-दफा करने का दबाव बनाया है. मैं इस पूरे मामले में उचित कार्रवाई चाहता हूं'.

पुलिस ही नहीं सुरक्षित तो आम लोगों की कैसे होगी रक्षा

आरक्षक अनिरुद्ध के साथ हुई इस घटना से उनकी पत्नी विनीता भी काफी दुखी है. आरक्षक पति के साथ वीनिता रामपुर चौकी शिकायत लेकर पहुंची थी. विनीता का कहना है कि 'पति पुलिस विभाग में पदस्थ हैं. बावजूद इसके वह सुरक्षित नहीं हैं. तो यह पुलिस आम लोगों की किस तरह रक्षा करेंगी. मेरे पति के साथ सरासर गलत हुआ है.इनकी शिकायत पर एफआईआर लिखने के बजाय छेड़छाड़ का झूठा आरोप लगाया जा रहा है. मैं न्याय चाहती हूं, इस मामले में कार्रवाई होनी चाहिए'.

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पुलिस के साथ मारपीट पर कार्रवाई नहीं इधर दावा सोशल पुलिसिंग का

जिले में एसपी भोज राम पटेल सोशल पुलिसिंग पर जोर दे रहे हैं. खाकी के रंग कार्यक्रम का स्कूलों में आयोजन किया जा रहा है.बीट पुलिसिंग पर जोर देकर सोशल पुलिसिंग के जरिए जनता में विश्वास जगाने का प्रयास लगातार जारी है, लेकिन अपने ही विभाग में पदस्थ आरक्षक के साथ हुई मारपीट की घटना का एफआईआर तक नहीं लिखा गया है. इससे पुलिस के सोशल पुलिसिंग व जनता में भरोसा जगाने के दावों की पोल खुल गई है.

कुछ भी कहने से बच रहे हैं अधिकारी

आरक्षक की शिकायत पर एफआईआर नहीं होना पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहा है. इस मामले में जब रामपुर चौकी में पदस्थ अधिकारियों से बातचीत की गई, तो वह कुछ भी कहने से बच रहे हैं. किसी ने भी खुलकर कुछ भी नहीं बताया.

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