कांकेर: एक ओर जहां सरकार लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने के साथ ही लोगों को लगातार कोरोना से बचने की समझाइश दी जा रही है, वहीं दूसरी और अंतागढ़ में जिम्मेदार अफसर ही कोरोना से बचाव के लिए जारी दिशा-निर्देशों को नजरअंदाज कर रहे हैं. ब्लॉक मुख्यालय में कुछ दिन पहले ही अंतागढ़ जनपद पंचायत के कार्यक्रम अधिकारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.
कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद कार्यक्रम अधिकारी को इलाज के लिए कोविड हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है. बावजूद इसके सरकारी कर्मचारी कार्यालय बंद होने के बाद भी छिपाकर काम कर रहे हैं.
कार्यक्रम अधिकारी के कोरोना पॉजिटव पाए जाने के बाद जनपद पंचायत सीईओ (CEO) और तमाम अधिकारी कर्मचारियों का सैंपल लिया गया था, जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है. शासन के निर्देश के कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी इनके संपर्क में आए व्यक्तियों को 14 दिन होम आइसोलेशन में रहना है, क्योंकि इसका असर बाद में भी देखने को मिल सकता है.
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आधिकारियों की लापरवाही!
जनपद पंचायत कार्यालय में बाकायदा कंटेनमेंट एरिया का बोर्ड लगा हुआ है. लेकिन अंदर बकायदा काम चल रहा है. भानुप्रतापपुर के हॉस्पिटल में कोरोना का मरीज मिलने के बाद पूरे हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है. लेकिन अंतागढ़ में ऐसा होना अधिकारी की लापरवाही को दर्शाता है.
जिले में कुल 18 एक्टिव केस
कार्यालय को कंटेनमेंट जोन घोषित करने के बाद भी यहां पर काम चालू होना संक्रमण को बुलावा देने जैसा है. अब तक जिले में कोरोना के कुल 229 मामले सामने आ चुके हैं. अब भी जिले में कुल 18 एक्टिव केस हैं. इसके बाद भी अधिकारियों की ये लापरवाही समझ से परे है.