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जंगली हाथी को सर्कस का हाथी बनाने पर तुला छत्तीसगढ़ वन विभाग !

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Published : Mar 25, 2022, 11:57 AM IST

Updated : Mar 25, 2022, 2:17 PM IST

elephants lifelong hostage in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में हाथियों को आजीवन बंधक बनाने की चर्चा

Elephant human duel in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में वन विभाग की तमाम कोशिशों के बाद भी हाथी-मानव द्वंद्व रोकने में सफलता नहीं मिली है. अब हाथियों को बंधक बनाने की चर्चा हो रही है. वन्य प्रेमी इसे 'कैद' बता रहे हैं तो वहीं विभाग 'सुरक्षित घेरा' कह रहा है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में लगातार हाथी और मानव के बीच अस्तित्व की लड़ाई जारी है. हाथी और मानव के बीच चल रहे इस द्वंद को रोकने अब तक छत्तीसगढ़ वन विभाग नाकाम रहा है. हालांकि इस द्वंद को रोकने के लिए वन विभाग की तरफ से कई तरह की तरकीब अपनाई गई. जैसे कैक्टस रोपण, कांटा तार फेंसिंग, पटाखे फोड़ना, दूसरे राज्य से ट्रेंड हाथी लाए जाने सहित कई तरह के अलग-अलग ट्रिक्स अपनाए गए. इसके लिए करोड़ों रुपये भी खर्च किए जा चुके हैं. बावजूद इसके मानव और हाथी के बीच का संघर्ष कम नहीं हुआ. लगातार हो रहे जान-माल के नुकसान के बाद अब छत्तीसगढ़ वन विभाग हाथियों को एक घेरे में रखने की तैयारी कर रहा है.

छत्तीसगढ़ में हाथियों को आजीवन बंधक बनाने की चर्चा

पशु प्रेमी की मानें तो उच्च अधिकारी सरगुजा क्षेत्र में विचरण कर रहे प्यारे हाथी और बहरा देव हाथी को पकड़कर आजीवन रेस्क्यू सेंटर में कैद करने की मांग कर रहे हैं. यह गैरकानूनी है. सरगुजा में हाथियों के प्रति अधिकारियों की तरफ से रोष फैलाने के मामले में पशु प्रेमी पहले ही वन मंत्री को अवगत करा चुके हैं. इस दौरान उन्होंने इन हाथियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग भी की है.

हाथियों को आजीवन कैद में रखना अपराध: पशु प्रेमी नितिन सिंघवी ने छत्तीसगढ़ वन विभाग की तरफ से तैयार किए गए इस प्रस्ताव का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि 'सूरजपुर क्षेत्र में काफी ज्यादा संख्या में हाथी मौजूद हैं. वहां वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी हाथी और मानव के बीच चल रहे द्वंद को रोकने में पूरी तरह असफल है. अब अपनी असफलता को छुपाने के लिए उन्होंने हाथियों को पकड़कर आजीवन कैद में रखने का लिखित प्रस्ताव बनाकर भेजा है. यह वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के विरुद्ध है. इस प्रकार से खुले में विचरण करने वाले जानवर को कैद नहीं कर सकते हैं. वन विभाग हाथी विचरण वाले क्षेत्र में लोगों को समय पर सूचना नहीं दे पा रहा है. उन लोगों को जागरूक नहीं कर पा रहा है. ये उनकी विफलता है'.

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वन विभाग हाथियों को बना रहा विलेन: सिंघवी ने वन विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि 'प्रतापपुर में एक हाथी के द्वारा 48 लोगों की हत्या किए जाने की बात वन विभाग कह रहा है. यह संभव नहीं है. वन विभाग हाथी को विलेन बनाने में जुटा हुआ है, जबकि विभाग के पास ना तो ऐसे कोई प्रमाण हैं ना उनके पास कोई साइंटिफिक तरीका है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि एक ही हाथी ने 48 लोगों की हत्या की है. इस मामले की जांच होनी चाहिए कि आखिर वन विभाग इस तरह का आरोप किस आधार पर लगा रहा है.'

नितिन सिंघवी ने वन विभाग को इस मामले पर चर्चा के लिए चुनौती तक दे दी है. उन्होंने कहा कि 'मैं उन्हें दस्तावेज के माध्यम से प्रमाणित करूंगा कि एक भी दस्तावेज में गणेश हाथी का नाम नहीं है. इससे पहले वन विभाग ने सोनू हाथी को भी पकड़कर आजीवन बंधक बनाकर रखा हुआ है. हाथी को नियंत्रित करने के लिए उनके कान के पास नुकीली चीज चुभोई जाती है, जिससे वह हाथी बैठ जाता है. वन विभाग कहता है कि हाथी ट्रेंड हो गए हैं. हाथी को कैद में रखना, आजीवन बंधक बनाकर रखना एक बहुत बड़ा अपराध है. बंधक बनाने के बाद हाथी जीवन भर अवसाद में रहता है. केरल में भी जो हाथी बंधक बनाए गए हैं, वह आज भी अवसाद से ग्रसित हैं'.

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सरगुजा क्षेत्र में विचरण कर रहे प्यारे हाथी और बहरा देव हाथी को पकड़कर आजीवन रेस्क्यू सेंटर में रखने को लेकर जब छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यप्राणी पी वी नरसिम्हा राव से फोन पर बात की गई तो उन्होंने इस बारे में कोई भी जानकारी होने से साफ इनकार कर दिया. मुख्य वन संरक्षक सरगुजा की तरफ से वन मंडल अधिकारियों को लिखे गए पत्र में ये बात स्वीकार की गई है कि कई जगहों पर कैक्टस रोपण, कांटा तार फेंसिंग, पटाखों से हाथी उत्तेजित होकर दूसरे वन मंडल में नुकसान पहुंचा रहे हैं. पत्र को संचालक गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुंठपुर और उपनिदेशक हाथी रिजर्व अंबिकापुर को भी भेजा गया है.

छत्तीसगढ़ में हाथियों को सुरक्षित घेरे की जरूरत: हाथियों को घेरे में रखे जाने को लेकर मंत्री रविंद्र चौबे का कहना है कि ' हाथियों को लेकर लगातार विधानसभा में चर्चा हुई है. वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि हाथियों को रोकने के लिए हरसंभव उपाय किए जा रहे हैं. लेमरू प्रोजेक्ट पर भी काम चल रहा है. छत्तीसगढ़ में खदान, कोल माइंस बढ़ रहे हैं. केंद्र सरकार की नीतियों के तहत खदानों की नीलामी हो रही है लिहाजा हाथियों के लिए सुरक्षित जगह चाहिए'.

Last Updated :Mar 25, 2022, 2:17 PM IST
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