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भारी वज्रपात को लेकर बिहार के इन जिलों के लिए अलर्ट जारी

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Published : Aug 24, 2021, 3:53 PM IST

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बिहार (Bihar) के छह जिलों में आकाशीय बिजली और तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. इस दौरान घर से ना निकलें. कुछ उपायों के साथ आप खतरे से दूर रह सकते हैं. पढ़ें रिपोर्ट.

पटनाः आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से बिहार के कुछ जिलों के लिए भरी वज्रपात का अलर्ट जारी किया गया है. जारी हुई चेतावनी के अनुसार कटिहार, भागलपुर, लखीसराय, जमुई, शेखपुरा, बांका में भारी वज्रपात और तेज बारिश की संभावना है. इसको लेकर मौसम विभाग (Weather Department) ने लोगों को बेवजह घर से बाहर ना निकलने की हिदायत दी है.

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बता दें कि कटिहार जिले के कटिहार नगर क्षेत्र, समेली, फलका, कुर्सेला, बरारी, अमदाबाद प्रखंड के लिए अलर्ट जारी किया गया है. भागलपुर जिले के गोरडीह जगदीशपुर, नाथनगर, सबौर शाहकुंड, सुल्तानगंज, कहलगांव, पिरपैंती, सनहोला, गोपालपुर, इसमाइलपुर, खरीक, नारायणपुर, नवगछिया, रंगर चैक प्रखंड के लि भी अलर्ट जारी है.

लखीसराय जिले के हलसी, चानन, रामगढ़ चैक, प्रखंड में भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी जारी हुई है. वहीं जमुई जिले के जमुई नगर और प्रखंड क्षेत्र, सिकंदरा, अलिगंज, बरहट, लक्ष्मीपुर, गिधौर, झाझा, सोनो, चकाई प्रखंड के लिए अलर्ट जारी हुआ है.

शेखपुरा जिले के शेखपुरा नगर और प्रखंड क्षेत्र, घाटकुसुम्भा, शेखोपुर सराय, अरियरी प्रखंड के लिए अलर्ट जारी है. बांका जिले के बेलहर, चान्दन, कटोरिया, रजौन के लिए अलर्ट जारी है. विभाग ने लोगों से घर से बाहर नहीं निकलने की अपील की है.

जानकारी दें कि जब बादल में मौजूद हल्के कण ऊपर चले जाते हैं और पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं. भारी कण नीचे जमा होते हैं और निगेटिव चार्ज हो जाते हैं. जब पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज अधिक हो जाता है, तब उस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है.अधिकतर बिजली बादल में बनती है और वहीं खत्म हो जाती है, लेकिन कई बार यह धरती पर भी गिरती है.

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आकाशीय बिजली इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज होती है. आकाशीय बिजली में लाखों-अरबों वोल्ट की ऊर्जा होती है. बिजली में अत्यधिक गर्मी के चलते तेज गरज होती है. बिजली आसमान से धरती पर 3 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गिरती है.

जब बिजली गिरे तो कुछ बातों का ख्याल रखें. सिर के बाल खड़े हो जाएं या झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे बैठकर कान बंद कर लें. यह इस बात का संकेत है कि आपके आसपास बिजली गिरने वाली है.दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना संभव हो झुका लें.

सिर को जमीन से सटने न दें. जमीन पर कभी न लेटें.पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं, इसलिए पेड़ के नीचे खड़े न हों. समूह में न खड़े रहें, अलग-अलग हो जाएं.जहां हैं, वहीं रहें. हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें.घर से बाहर हैं तो धातु से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल न करें. बाइक, बिजली के पोल या मशीन से दूर रहें. बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहें. खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें.

आपने देखा होगा कि अक्सर ऊंची चीजों पर बिजली गिरती है. बादल में जब बिजली बन रही होती है, तब जमीन पर मौजूद चीजों का इलेक्ट्रिक चार्ज बदलता है. जमीन का उपरी हिस्सा पॉजिटिव चार्ज हो जाता है और निचला हिस्सा निगेटिव चार्ज रहता है. मीनार, ऊंचे पेड़, घर या इंसान जब पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं, तब उससे पॉजिटिव इलेक्ट्रिसिटी निकलकर ऊपर की ओर जाती है.

इसे स्ट्रीमर कहते हैं. बादल के निचले हिस्से में मौजूद निगेटिव चार्ज स्ट्रीमर की ओर आकर्षित होता है, जिससे बिजली धरती पर गिरती है. यही कारण है कि ऊंची चीजों पर बिजली गिरने की संभावना अधिक रहती है. अगर आसपास कोई ऊंची चीज न हो तो बिजली इंसान या धरती पर गिरती है.घर और कार से बच सकती है जान

बिजली गिरने के चलते अधिकतर वे लोग हताहत होते हैं, जो खुले में होते हैं. घर और कार जैसी बंद जगह इंसान को बिजली से बचाती हैं. कार पर जब बिजली गिरती है, तब वह टायर से होते हुए धरती में चली जाती है. इसी तरह घर पर बिजली गिरने से वह नींव के रास्ते धरती में जाती है. बिजली गिरते समय अगर कोई नल से निकल रहे पानी के संपर्क में हो या फिर लैंडलाइन फोन का इस्तेमाल कर रहा हो तो उसे झटका लग सकता है.

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