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Bihar Politics: आज से सम्राट चौधरी संभालेंगे बिहार बीजेपी की कमान, धूमधाम से होगी ताजपोशी

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Published : Mar 27, 2023, 8:22 AM IST

Updated : Mar 27, 2023, 9:36 AM IST

प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी

बिहार बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी आज से पार्टी की कमान संभालेंगे. पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का मानना है कि सम्राट चौधरी के अध्यक्ष बनने के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव और 2025 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की राह आसान हो जाएगी और इस उम्मीद को पूरा करने के लिए सम्राट चौधरी के सामने अब बड़ी चुनौती है.

पटनाः बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी आज से बिहार बीजेपी की कमान संभालेंगे. भाजपा प्रदेश कार्यालय में आज सोमवार को पूरे धूमधाम से उनकी ताजपोशी की जाएगी. संजय जायसवाल एक भव्य समारोह में सम्राट चौधरी को प्रभार सौंपेंगे. इसे लेकर भाजपा नेताओं में काफी उत्साह है. बीजेपी के लोगों का कहना है कि सम्राट चौधरी को अध्यक्ष बनाना बीजेपी के शीर्ष नेताओं का बिल्कुल सही फैसला है और अब 2024 और 2025 के चुनाव में बीजेपी पूरी ताकत के साथ बिहार में उतरेगी.

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1995 में सक्रिय राजनीति में आए सम्राट चौधरी: सम्राट चौधरी साल 2017 में बीजेपी में आए और 2020 में विधान परिषद भेजे गए. भारतीय जनता पार्टी ने सम्राट चौधरी को पहला प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया. उसके बाद बिहार विधान परिषद में विपक्षी दलों के नेता बने और अब उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद की अहम जिम्मेदारी दी गई है. इससे पहले सम्राट चौधरी बिहार सरकार में तीन बार मंत्री रह चुके हैं. वे पहली बार राजद कोटे से 1999 में नापतौल मंत्री बने थे. उसके बाद साल 2014 में वे नगर विकास विभाग के मंत्री बने. इसके बाद वो 2021 में पंचायती राज विभाग के मंत्री रहे. पहली बार साल 2000 में सम्राट चौधरी को विधायक बनने का मौका मिला. साल 2010 में भी वे दूसरी बार विधायक का चुनाव जीतने में कामयाब रहे. 1995 में सम्राट चौधरी सक्रिय राजनीति में आए थे. सम्राट चौधरी के नाम बिहार में सबसे कम उम्र में मंत्री बनने का भी रिकॉर्ड है. राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले सम्राट के पिता शकुनि चौधरी सात बार विधायक और सांसद रहे हैं, जबकि मां पार्वती देवी तारापुर से विधायक रही हैं. वहीं सम्राट चौधरी के भाई रोहित चौधरी ने 2021 से जेडीयू में हैं.

बीजेपी को सम्राट से काफी उम्मीदें: प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा होने के बाद खुद सम्राट चौधरी ने भी कहा है कि अब बिहार में एनडीए सभी 40 सीटों पर जीत हासिल करेगा. उन्होंने ये भी कहा है कि 2014 में भी नीतीश कुमार के पीएम बनने की बात कही जा रही थी, लेकिन उनकी पार्टी सिर्फ दो सीटें ही जीत सकी. इसलिए मेरा दावा है कि इस बार जदयू जीरो पर सिमट जाएगी. रही बात आरजेडी की तो उनके यादव वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए नवल किशोर यादव को विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष बनाने की तैयारी है. वहीं विजय सिन्हा को विधानसभा में पार्टी का नेता बनाकर बीजेपी ने अगड़ी जातियों को भी अपनी ओर खीचने का इंतेजाम कर लिया है. वहीं, पार्टी ने धानुक जाति से आने वाले शंभू पटेल को राज्यसभा भेजकर सबको चौंका दिया है. कुशवाहा वोट साधने के लिए तो सम्राट चौधरी कमर कस ही चुके हैं. बहरहाल बदली परिस्थितियों में अब सम्राट चौधरी के कांधे पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई है. बीजेपी को बिहार में सम्राट चौधरी से काफी उम्मीदें है.

अब अति पिछड़ा और दलित वोट बैंक पर नजरः बिहार में अति पिछड़ा वर्ग की आबादी खासी है. सबसे पिछड़े वोटों में सबसे ज्यादा नीतीश कुमार के पास माने जाते हैं. ऐसे में पार्टी 29 फीसदी वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए अति पिछड़े लोगों पर भी दांव लगा सकती है. राजेंद्र गुप्ता नोनिया जाति से आते हैं और अत्यंत पिछड़े समुदाय से आने वाले राजेंद्र गुप्ता को विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है. जनक राम पर दांव लगाकर बीजेपी दलित वोट हासिल करने की कोशिश कर सकती है. वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक मुख्य दावेदार नवल किशोर यादव हैं. वह 24 साल से विधायक हैं. नवल किशोर यादव के जरिए भी पार्टी यादव वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर सकती है. बिहार में लगभग 14% यादव जाति का वोट बैंक हैं. कुल मिलाकर बीजेपी ने 2024 के चुनाव में बिहार में जीत हासिल करने के लिए पूरी रणनीति तैयार कर ली है.

Last Updated :Mar 27, 2023, 9:36 AM IST
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