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बक्सरः कचड़ा डंपिंग जोन निर्माण में कांग्रेस विधायक ने डाला अड़ंगा, कहा- मेरी लाश पर बनाना होगा

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Published : Dec 21, 2021, 11:28 AM IST

कचड़ा डंपिंग जोन निर्माण
कचड़ा डंपिंग जोन निर्माण

बक्सर जिले के चौसा प्रखंड में कचड़े की डंपिंग (Problem Of Dumping Of Waste In Buxar) एक बड़ी समस्या है. नगर परिषद के द्वारा इसे लेकर जहां स्थल का चयन किया जा रहा है, वहीं इसमें भी राजपुर विधायक ने अड़ंगा लगा दिया है. विधायक विश्वनाथ राम ने अपने विधानसभा क्षेत्र में डंपिंग जोन बनाने का विरोध जता दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

बक्सर: बिहार की नीतीश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली बक्सर में धरातल पर नहीं उतर पा रही है. स्वच्छता को लेकर सरकार के द्वारा किए जा रहे तमाम दावे फेल साबित हो रहे हैं. आलम ये है कि बक्सर शहर से रोज निकलने वाला 30 टन कचड़ा बाईपास और ठोरा नदी में ही डाले (Waste Is duming in Thora River) जा रहे हैं. वहीं, जिला प्रशासन के द्वारा जिस जमीन पर डंपिंग यार्ड बनाने की बात चल रही है, उसमें राजपुर विधायक ने अड़ंगा लगा दिया है. विधायक ने तो यहां तक कह दिया कि अगर यहां डंपिंग जोन बनेगा तो हमारी लाश पर बनेगा.

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दरअसल, शहर से निकलने वाले कचड़े को डंप करने के लिए अधिकारी अब तक स्थल का चुनाव नहीं कर सके हैं. जिले के डुमरांव और बक्सर अनुमंडल में (Dumping Zone Construction in Chausa) आज भी कूड़ा डंप करने के लिए कोई स्थल नही है. जिसके कारण जल स्त्रोत, सड़क, नदी, नहर, खेल के मैदानों में धड़ल्ले से कचड़े को डंप किया जा रहा है. इससे शहर प्रदूषित तो हो ही रहा है, सरकार की जल जीवन हरियाली योजना पर भी ग्रहण लग रहा है.

डंपिंग जोन निर्माण का विरोध क्यों?

इन प्रदूषित रास्तों से जिले के जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान, व्यवहार न्यायालय के जज से लेकर अन्य पदाधिकारी गुजरते तो हैं लेकिन किसी ने इस ओर अब तक ध्यान नहीं दिया है. इस मामले को लेकर जब ईटीवी भारत संवाददाता ने बक्सर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम से बात की तो उन्होंने जमीन उपलब्ध नहीं होने का हवाला दिया.

उन्होंने कहा कि 4 महीने पहले तक जमीन उपलब्ध नही होने के कारण बाईपास नहर एवं अन्य जल स्रोतों में शहर के कचड़े को डंप किया जा रहा था, लेकिन अब नहीं किया जा रहा है. लेकिन अब नहीं किया जा रहा है. लेकिन उन्हें साक्ष्य दिखाया गया तब चौसा प्रखंड में जल्द ही डंपिंग यार्ड बनाने की बात उन्होंने कही.

इस गंभीर मसले को लेकर जनप्रतिनिधि भी लगातार सवाल उठा रहे हैं. राजपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक विश्वनाथराम ने कहा कि सरकार की जल जीवन हरियाली योजना उनके विधानसभा क्षेत्र में जमीन पर नहीं है. अधिकारी लूट मचाए हुए हैं. कचड़े के कारण जिला लगातार प्रदूषित होता जा रहा है.

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वहीं, विधायक जी के ही विधानसभा क्षेत्र में कूड़ा डंपिंग के लिए स्थल का चयन किए जाने की जानकारी मिलने पर विश्वनाथ राम ने अधिकारियों को बड़ी चेतावनी दे डाली. उन्होंने कहा कि मेरे विधानसभा में कचड़ा डंपिंग जोन नहीं बनेगा. अगर बनेगा तो मेरी लाश पर बनेगा. इसके लिए किसी भी उन्हें अगर लड़ना पड़ेगा तो वे लड़ेंगे.

बता दें कि बिहार की राज्य सरकार ने जल जीवन हरियाली योजना पर काफी पैसे खर्च किए हैं. साल 2019-20 में इस योजना पर 5 हजार 870 करोड़ खर्च करने का प्रावधान बनाया गया. वहीं, साल 2020-21 में 9 हजार 874 करोड़, जबकि 2021-22 में इस योजना पर 8 हजार 780 करोड़ की राशि खर्च कर जल संचय के लिए, आहर, पोखर, छोटी नदियों, पुराने कुंआ, सरकारी भवनों में जल संचयन, 93 हजार 643 जल स्त्रोतों का सर्वे कर जीर्णोद्धार का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. दो साल बीत जाने के बाद भी इन जल स्रोतों में कूड़े-कचड़े डालकर प्रदूषित किया जा रहा है.

गौरतलब है कि इस योजना को जमीन पर उतारने के मामले में बक्सर जिले को बिहार में पहला स्थान प्राप्त हुआ है. और इसके लिए सितम्बर 2021 में जिला प्रशासन के अधिकारियों की खूब सराहना हुई लेकिन सच्चाई इसके इतर है. जिन स्रोतों में कचड़े को फेंका जा रहा है, वह नदी आकर गंगा में मिलती है. इससे गंगा भी प्रदूषित हो रही है.

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा 2 अक्टूबर 2019 को पश्चिम चंपारण के चंपापुर गांव से जल जीवन हरियाली योजना की शुरुआत की गई थी. जिसका मुख्य उद्देश्य था तमाम जल स्रोतों का जीर्णोद्धार के साथ ही 17 फीसद ग्रीन कवर करना था. इस योजना के तहत 3 वर्षों में 2022 तक कुल 24 हजार 524 करोड़ की राशि खर्च करनी प्रस्तावित है.

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