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बिहार और नेपाल बॉर्डर पर बिछा है ड्रग तस्करों का जाल, मासूम बन रहे हैं 'डिलिवरी मैन'

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Published : Dec 7, 2021, 7:12 PM IST

बिहार में नशे का बाजार
बिहार में नशे का बाजार

बिहार में शराबबंदी के बाद से ही नेपाल से ड्रग तस्करी के केस काफी ज्यादा सामने आ रहे हैं. गांजा, स्मैक, हेरोइन वगैरह भारी मात्रा में जब्त भी किये गए हैं. एनसीबी की कार्रवाई और जांच (NCB Action and Investigation) में यह बातें भी सामने आयी है कि नेपाल से सटे गांव के गरीब तबके के लोगों से तस्कर ड्रग्स को सीमा पार करवाते हैं. इसमें भारतीय लोग भी शामिल हैं.

पटना: बिहार में नेपाल से नशे का कारोबार हो रहा है. एनसीबी की कार्रवाई और जांच में यह बातें सामने आयी हैं. बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) के बाद से ही ड्रग तस्कर एक्टिव हो चुके हैं. नेपाल और भारत के सीमा से लगे गांवों के भोले और मासूम लोगों को निशाना बनाया जाता है. तस्कर इनसे ही ड्रग्स को सीमा पार करवा रहे हैं. महज कुछ सालों में ही नेपाल से ड्रग तस्करी (Drug Smuggling From Nepal) का मामला गहराता जा रहा है.

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भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र सहित जिले में शराब तस्करी पर कार्रवाई बढ़ने के साथ ही गांजा और स्मैक की खपत और तस्करी बढ़ गई है. नशे की लत वाले शराब के कारण पकड़े जाने का जोखिम उठाने के बदले मादक पदार्थों के सेवन में लग गए हैं. यही कारण है कि खुली सीमा का फायदा उठाकर तस्कर इस काम में जुटे हुए हैं. बिहार में साल 2016 से पूर्ण शराबबंदी है. बिहार में शराबबंदी के बाद से दूसरी नशीली पदार्थों की डिमांड काफी बढ़ गयी है. बिहार के कई स्थलों से गांजा और ड्रग्स की बड़ी खेप मिल चुकी है, जो इस बात का सबूत है कि तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है.

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बताते चलें कि बिहार में शराबबंदी कानून को प्रभावी बनाने के लिए एक्शन मोड में लगी बिहार पुलिस के लिए मादक पदार्थ की तस्करी को रोकना भी एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रही है. नेपाल से ड्रग तस्करी (Drug Smuggling From Nepal) का मामला लगातार सामने आ रहा है. राजधानी पटना के गांधी मैदान थाना अंतर्गत शनिवार की रात मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले दो अंतरराष्ट्रीय तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. पकड़े गए तस्करों के पास से बिहार पुलिस ने ढाई किलो चरस जब्त किया है. बरामद चरस की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाखों की बताई जा रही है. गिरफ्तार तस्करों में एक राजस्थान के झुंझुनू का रवि शर्मा और पटना का आसिफ शामिल है.

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दरअसल, शराबबंदी का सख्ती से पालन होता देख नशे की लत वाले लोग अब शराब पीने का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं. लोग नशीली कफ सिरप या फिर गांजा और स्मैक का प्रयोग धड़ल्ले से कर रहे हैं. यही कारण है कि हाल के दिनों में मादक पदार्थों की तस्करी में अप्रत्याशित वृद्धि देखी जा रही है.

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हाल के दिनों में भारत-नेपाल सीमा सुरक्षा कर्मियों एवं स्थानीय पुलिस प्रशासन की गिरफ्त में आए ड्रग तस्करों के पर्दाफाश से यह बात सामने आई है कि लोग नशे के लिए किसी प्रकार का जोखिम नहीं उठा रहे हैं. बता दें कि गिरफ्तार रवि शर्मा के पास से 1 किलो जबकि आसिफ के पास से डेढ़ किलो चरस बरामद किया गया है. पुलिस द्वारा छानबीन में पता चला है कि ये ड्रग्स तस्कर नेपाल से ड्रग्स की तस्करी कर बिहार ही नहीं देश के अन्य राज्यों में भी ड्रग्स पहुंचाया करते थे. हालांकि शराबबंदी के बाद बिहार से सटे नेपाल के ड्रग तस्कर काफी एक्टिव हो गए हैं. बिहार पुलिस की विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब बिहार पुलिस हाल के दिनों में बिहार के विभिन्न जिलों से बरामद ड्रग्स और उसके तस्करों का लिंक नेपाल से जुड़े होने का साक्ष्य जुटाने में लग गई है.

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पुलिस मुख्यालय के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार ड्रग्स पेडलर के बयान के आधार पर चरस सहित अन्य मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले काठमांडू के संदेश शर्मा उर्फ मोगली महाराज की गिरफ्तारी की तैयारी में बिहार पुलिस जुट गई है. मिल रही जानकारी के अनुसार पुलिस मुख्यालय उसके बारे में भारत के विदेश मंत्रालय के जरिए नेपाल के विदेश मंत्रालय को सूचना भी देगी.

बिहार में शराबबंदी के बाद नेपाल से ड्रग की हो रही है तस्करी

आपको बता दें कि पिछले शनिवार को राजधानी पटना के गांधी मैदान और शास्त्री नगर थाने में ड्रग्स तस्कर राजस्थान के रवि शर्मा और अरवल के आसिफ के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है. हालांकि सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इन दोनों ड्रग तस्करों को रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की जाएगी और इनकी अकाउंट को भी फ्रीज किया जाएगा.

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13 सितंबर 2021 को बिहार की विशेष पुलिस टीम ने गया से 3 करोड़ मूल्य का 2 किलो 200 ग्राम ब्राउन शुगर जब्त करते हुए तीन सप्लायर को गिरफ्तार किया था. वहीं 3 दिसंबर 2021 को बिहार के बेगूसराय पुलिस द्वारा साहेबपुर कमाल थानाक्षेत्र के शालिग्राम गांव में छापेमारी कर 3.45 किलो स्मैक जब्त किया. जिसकी कीमत लगभग 30 लाख रुपए है. हथियार समेत तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया था.

यहीं नहीं 5 जून 2021 को राजधानी पटना में पहली बार ड्रग्स की एक ऐसी वैरायटी पकड़ी गई थी, जिसके बारे में लोगों ने कभी सोचा भी नहीं होगा. नारकोटिक्स की टीम के द्वारा 710 ग्राम मार्फिन समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इन सभी गिरफ्तार ड्रग्स तस्करों का कनेक्शन नेपाल से है या नहीं इसे भी पता लगाया जा रहा है.

विगत दिनों पहले अंबा थाने की पुलिस एवं पटना एसीबी की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए लाखों रुपए के एक गांजा लोडेड ट्रक को जब्त किया गया. यह ट्रक 139 पथ में सतबहिनी पेट्रोल पंप के पास से जब्त किया गया था. दरअसल, एनसीबी की टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि धंधेबाज ओडिशा से भारी मात्रा में गांजा खरीद कर ट्रक से औरंगाबाद डाल्टेनगंज होते हुए बक्सर जाने वाले हैं.

21 नवंबर 2021 को सीमावर्ती नेपाल के मोरंग पुलिस ने भारतीय सीमा से सटे रंगीली से 16 किलो गांजा के साथ ऑटो सहित चालक को गिरफ्तार किया था. पुलिसिया पूछताछ में चालक ने बताया कि भारतीय सीमा से सटे रंगीली सीमा तक उसे पहुंचाने की जिम्मेवारी दी गई थी. यहीं नहीं 24 नवंबर 2021 को नेपाल पुलिस ने सीमा से सटे छापा जिले में अलग-अलग जगहों से दो लोगों को गिरफ्तार किया था. इनके पास से 5 ग्राम ब्राउन शुगर भी बरामद किया गया था.

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'ड्रग्स माफिया बिहार और यूपी से सटे नेपाल से भोली भाली जनता को बहला कर उन के माध्यम से बिहार ही नहीं बिहार के अलावा अन्य राज्यों तक नशीली पदार्थ पहुंचाने का काम कर रहे हैं. एनसीबी द्वारा गिरफ्तार किए गए कुछ लोगों द्वारा इस बात की पुष्टि की गई है. भारत के भी कुछ लोग ऐसे हैं, जो नेपाल जाकर ट्रैफिकिंग के धंधे में जुड़े हुए हैं. इसके पीछे का मुख्य कारण है कि आसानी से इसके माध्यम से लोग पैसा कमाते हैं. कोरस बॉर्डर होने की वजह से तस्करों द्वारा वहां पर सामान छिपाने में मदद मिलती है. खासकर तस्कर कमजोर तबके के लोगों का फायदा उठाकर उनसे तस्करी करवाते हैं. मौज मस्ती के लिए कॉलेज के छात्र इसका सेवन करते हैं, जिसके बाद उन लोगों को इसकी आदत लग जाती है. जिसका फायदा तस्कर उनसे उठाते हैं. एनसीबी द्वारा नेपाल के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर ऐसे तस्करों पर भी कार्रवाई की जा रही है.' -कुमार मनीष, जोनल डायरेक्टर, एनसीबी

'बिहार पुलिस की नोडल एजेंसी आर्थिक अपराध इकाई द्वारा लगातार शराब तस्करों के साथ-साथ अन्य नशीली पदार्थों के तस्करों के खिलाफ अभियान चलाकर उनकी गिरफ्तारी की जा रही है. गुप्त सूचना के आधार पर केंद्रीय सुरक्षा बल की मदद से ऐसे तस्करों को गिरफ्तार किया जा रहा है.' -जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

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