यहां जुगाड़ टेक्नोलॉजी से बन रही देसी शराब, धड़ल्ले से लोग कर रहे सेवन

author img

By

Published : Nov 15, 2019, 12:01 PM IST

Updated : Nov 15, 2019, 12:45 PM IST

इस शराब को ज्यादा नशीला बनाने के लिए कभी-कभी इसमें कुत्ते का शौच और ऑक्सीटोसिन का भी इस्तेमाल किया जाता है.

मधेपुरा: प्रदेश में शराबबंदी के लगभग 3 साल बीतने को हैं. लेकिन सूबे में शराबबंदी कितनी कारगार रही. इस बात की पोल सरकारी आंकड़े ही खोल देते हैं. ताजा मामला जिले का है जहां सुदूर ग्रामीण इलाके के लोग जुगाड़ टेक्नोलॉजी से शराब का निर्माण कर धड़ल्ले से इसका सेवन कर रहें हैं.

जुगाड़ टेक्नोलॉजी से बन रहा देशी शराब
जुगाड़ टेक्नोलॉजी से बन रहा देशी शराब

तेजी से फल-फूल रहा कारोबार
जिले के दूर-सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग जुगाड़ टेक्नोलॉजी से देशी शराब का निर्माण कर बेखौफ होकर इसका सेवन भी करते है. बताया जाता है कि इस देशी कारखाने में निर्मीत शराब का सेवन न केवल ग्रामीण इलाके के लोग बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी खुलेआम डोर-टू-डोर डिलेवरी होता है. हालांकि इस दौरान तस्कर कई बार शराब के साथ गिरफ्तार भी हुए, लेकिन बेल पर छुटने के बाद वे लोग फिर से अपने धंधे मे जुट जाते है. जिससे यह कारोबार रुकने के बजाय दिन प्रतिदिन और तेजी से फल-फूल रहा है.

ये भी पढ़ें- पटना: शराब तस्कर के घर छापेमारी, 9 लाख रुपये, पिस्टल और भारी मात्रा में नशीला पदार्थ बरामद

'शराब सेवन के बाद बिमारियों से मर रहे लोग'
इस, बाबत स्थानीय समाजसेवक ध्यानी यादव और राजीव जोशी का कहना है कि जिस तरह इलाके में असुरक्षित तरीके से देशी शराब का निर्माण हो रहा है. उससे पूरा क्षेत्र जल्द ही बिमारियो से ग्रसित हो जाएगा. इस शराब का सेवन अधिकांश गरिब और अनपढ़ लोग करते है. जिस वजह से वे खुद मौत के मुंह समा रहे है.

ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

ऐसे बनाई जाती है जहरीली शराब
नाम नहीं छापने के शर्त पर इस कारोबार से जुड़े एक शख्श ने ईटीवी भारत की टीम को बताया कि इस शराब को बनाने में एसिड, यूरिया, बासी चावल और जंगली चूर्ण का इस्तेमाल कियी जाता है.

ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते समाजसेवक
ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते समाजसेवक

कुत्ते के शौच का भी किया जाता है इस्तेमाल
बताया जाता है कि इस शराब को ज्यादा नशीला बनाने के लिए कभी-कभी इसमें कुत्ते का शौच और ऑक्सीटोसिन का भी इस्तेमाल किया जाता है. वहीं ज्यादा ऑक्सीटोसिन की मात्रा हो जाने पर यह शराब जहरीली हो जाती है. जिससे इसका सेवन करने वाले लोग असमय ही काल के गाल में समा जाते है.

जगह-जगह हो रही छापेमारी- एसपी
इस मामले पर जिले के एसपी संजय कुमार का कहना है कि गुप्त सूचना के आधार पर कई जगहों पर छापेमारी की जा रही है. इस निर्माण में जुटे कई शराब तस्करों को जेल भी भेजा जा चुका है. मामले का मैं खुद से मॉनिटरिंग कर रहा हूं. जिले में हर हाल में पूर्ण शराब बंदी को लागू किया जाएगा.

संजय कुमार , एसपी मधेपुरा
संजय कुमार , एसपी मधेपुरा

कैसे होती है मौत
कच्ची शराब में यूरिया और ऑक्सिटोसिन जैसे केमिकल पदार्थ मिलाने की वजह से मिथाइल एल्कोल्हल बन जाता है. जिस वजह से इसका सेवन करने वाले लोगों की मौत हो जाती है. मिथाइल शरीर में जाते ही केमि‍कल रि‍एक्‍शन तेज होता है. इससे शरीर के अंदरूनी अंग काम करना बंद कर देते हैं. इसकी वजह से कई बार तुरंत मौत हो जाती है. कुछ लोगों में यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है.

Intro:मधेपुरा में जुगाड़ टेक्नोलॉजी से निर्मित कारखाना में धड़ल्ले से बनाया जाता है देशी शराब।मधेपुरा के एसपी खुद दल बल के साथ कर रहे हैं छापेमारी।Body:मधेपुरा के सुदूर ग्रामीण इलाकों में जुगाड़ टेक्नोलॉजी से देशी शराब बनाने का कारखाना धड़ल्ले से चल रहा है।और इस कारखाने में निर्मित देशी शराब ग्रामीण क्षेत्रों सहित शहर के हर गली में खुल्लेआम डोर टू डोर डिलेवरी होता है।हालांकि जिले में लगातार शराब के साथ तस्कर की गिरफ्तारी भी हो रही है।लेकिन शराब का कारोबार रुकने के बजाय दिन प्रतिदिन और तेजी फल फूल ही रहा है।
बता दें कि बिहार में शराब बंदी कानून लागू होने के बाद,लगा था कि शराब की बिक्री पर पुर्णतः रोक लग जाएगा और लोग सदा के लिए शराब को टाटा बाय बाय कर देंगे।लेकिन निकट भविष्य में ऐसा दिखता नजर नहीं आ रहा है।लोगों ने ठान ही लिया है कि शराब ही ऐसी चीज है, जिसे कभी छोड़ी नहीं सकती।यही कारण है कि बिहार में शराब बंदी कानून को सरजमीन पर उतारना प्रसाशन के लिए चुनौती साबित हो रहा है।उल्लेखनीय बात यह है कि आज जहां मधेपुरा जिले में विदेशी शराब पड़ोसी देश नेपाल और अगल बगल के प्रदेशों से गाड़ी भर भर कर लाया जाता है, वहीं अब ग्रामीण क्षेत्रों में खासकर दलित महादलित व गरीब तबके के लोगों के द्वारा देशी शराब का निर्माण जुगाड़ टेक्नोलॉजी पर आधारित कारखानों से खुल्ले आम अपने अपने घरों में बनाकर बेची जा रही है।स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस तरह असुरक्षित तरीके से देशी शराब बनाया जा रहा है।अगर समय रहते इस पर रोक नहीं लगी तो इस तरह के शराब का सेवन करने बाले सर्वाधिक व्यक्ति किसी न किसी बीमारी से ग्रसित होकर अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर लेंगे।देशी शराब बनाने के कारोबार में जुटे लोगों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि देश मशालेदार शराब बनाने में एसिड बाला मिनरल वाटर,यूरिया,बासी चावल और जंगली चूर्ण मिलाकर बनाया जाता है।उधर मधेपुरा के एसपी संजय कुमार खुद दल बल के साथ गुप्त सूचना के आधार पर कई जगह छापेमारी कर शराब निर्माण में जुटे तस्कर को गिरफ्तार कर जेल भी भेजे हैं।और छापेमारी में जुटे हुए हैं।बाइट,1, ध्यानी यादव , समाजिक कार्यकर्ता।बाइट,2 राजीव जोशी, स्थानीय।बाइट, 3,संजय कुमार, एसपी मधेपुरा।Conclusion:मधेपुरा से रुद्रनारायण।
Last Updated :Nov 15, 2019, 12:45 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.