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हमेशा सिर दर्द से रहते हैं परेशान तो हो जाएं सावधान, माइग्रेन के लक्षण पहचानें और करें सही इलाज - Utility News

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 2, 2024, 6:33 AM IST

Updated : Apr 2, 2024, 6:53 AM IST

वर्तमान दौर में स्वस्थ रहना भी चुनौती है. गैजेट्स पर निर्भरता बढ़ने से लोगों की जीवन शैली भी अनियमित हो गई है. लोग शरीर पर कम और मोबाइल, लैपटॉप की स्क्रीन पर ज्यादा ध्यान देने लगे हैं. जीवन शैली भी अनियमित होने से लोगों में कई रोग उत्पन्न हो रहे हैं. इन रोगों में माइग्रेन भी शामिल है. जानते हैं आयुर्वेद के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. बीएल मिश्रा से माइग्रेन होने के कारण, लक्षण और उपचार के लिए हेल्थ टिप्स...

Symptoms of Migraine
Symptoms of Migraine

आयुर्वेद के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. बीएल मिश्रा

अजमेर. वर्तमान दौर में कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल का उपयोग अधिक बढ़ गया है. लोग ज्यादातर समय स्क्रीन को देने लगे हैं. इस कारण लोगों की जीवन शैली भी अनियमित हो गई है, जिसके चलते लोग समय पर भोजन नहीं करते. वहीं, कई लोग भोजन करने के उपरांत लेट जाते हैं. इस कारण शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ते हैं और कई रोग उत्पन्न हो जाते हैं. इनमें माइग्रेन भी शामिल है. आम बोलचाल की भाषा में माइग्रेन को आधाशीशी और आयुर्वेद में अर्धावभेदक भी कहते हैं. इसमें रोगी को आम सिर दर्द के मुकाबले तीव्र सिर दर्द होता है. आयुर्वेद पद्धति में माइग्रेन का बेहतर इलाज संभव है. वहीं, कुछ घरेलू नुस्खे भी माइग्रेन को खत्म करने के लिए कारगर हैं.

अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में आयुर्वेद विभाग में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. बीएल मिश्रा बताते हैं कि शरीर में वायु और पित्त का प्रकोप बढ़ने से सिर दर्द की समस्या होती है. शरीर में एसिड ज्यादा बनता है. इस कारण खाना खाने के बाद पेट में गैस की समस्या होती है. पाचन के लिए समायिक पंचक पित्त बनता है तो भोजन पचता है, लेकिन भोजन के तुरंत बाद सोने या लेटने से पंचक पित्त अन्य नलिका में रहकर विकृत हो जाता है. इससे एसिड (अम्लता) का रूप ले लेता है, जिस कारण वायु और विकृत पित्त मिलकर उधर्व गति (ऊपर की ओर) से तीव्र सिरेशूल यानी माइग्रेन उत्पन्न करता है. इससे आधे सिर में या आगे की ओर तीव्र दर्द होता है.

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माइग्रेन के लक्षण : माइग्रेन होने पर रोगी को उल्टी करने का मन करता है. उसके व्यवहार में चिड़चिड़ापन और उसकी आंखें लाल हो जाती हैं. तेज सिर दर्द होने के साथ ही बेचैनी बढ़ने लगती है. ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है. कभी-कभी चक्कर भी आने लगते हैं और काम में मन नहीं लगता. डॉ. मिश्रा बताते हैं कि यह स्थिति लंबे समय तक रहती है तो हृदय रोग और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने लगती है. माइग्रेन की लगातार समस्या के कारण रोगी को मानसिक अवसाद भी होने लगता है.

माइग्रेन होने पर यह करें : डॉ. बीएल मिश्रा ने बताया कि शीत और स्निग्ध गुना युक्त भोजन और फलों का उपयोग करना फायदेमंद रहता है. मसलन श्रीखंड, दूध की ठंडाई, बड़े आकार का बोर, आगरा का पेठा, रसगुल्ला, सौंफ का शरबत आदि का सेवन करने से भी रोगी को लाभ होता है. खाना खाने के तुरंत बाद सोना या लेटना नहीं चाहिए. इसके अलावा पानी थोड़ा-थोड़ा करके पर्याप्त मात्रा में पीना चाहिए.

यह हैं घरेलू नुस्खे : डॉ. मिश्रा बताते हैं कि माइग्रेन का उपचार आयुर्वेद पद्धति में औषधीय से मुमकिन है. माइग्रेन की रोकथाम के लिए घर पर भी नुस्खों के जरिए लाभ पाया जा सकता है. इनमें यह दो नुस्खे खाफी कारगर हैं :

1. दूध जलेबी का नुस्खा : माइग्रेन में ये नुस्खा काफी फायदेमंद होता है. इसमें देसी घी में बनी हुई जलेबी को दूध में मिलाकर सुबह खाना चाहिए. इससे पहले जलेबी के लिए तैयार घोल में काय फल मिलाना होता है. काय फल किसी भी पंसारी की दुकान पर मिल जाता है. काय फल का चूर्ण बनाकर उसे जलेबी के घोल में मिला दें. यह घोल एक किलो जलेबी का होना चाहिए. देसी घी में तैयार जलेबी को दूध के साथ प्रतिदिन सुबह सेवन करें. रोज चार जलेबी दूध के साथ अवश्य खाएं. एक माह ऐसा करने पर रोगी को काफी फायदा होगा.

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2. सूखा नारियल : डॉ. मिश्रा बताते हैं कि हल्का सूखा नारियल की ऊपर से टोपी काट लें. इसमें सूखा धनिया बारीक काटकर भर लें. साथ ही 10 से 12 इलायची भी डाल दें. मिश्रण को नारियल में डालने के बाद नारियल की टोपी को बंद कर लें. इसके बाद रोटी के आटे से उस नारियल को चारों ओर लपेट लें. किसी बर्तन में गाय का शुद्ध दूध लें. दूध इतना होना चाहिए कि नारियल उसमें आसानी से डूब जाए. दूध में डूबे हुए नारियल को 10 मिनट तक उबलने दें. इसके बाद दूध को ठंडा होने दें. दूध ठंडा होने पर नारियल सहित दूध को दही बनने के लिए जमा दें.

दूध का दही बनने के बाद नारियल को बाहर निकाल लें और नारियल पर लगे हुए आटे को अलग कर लें. इसके बाद नारियल में बंद धनिए और इलायची के मिश्रण सहित उसे कूट लें या मिक्सी में पीस लें. इसके बाद कढ़ाई में देसी घी गर्म करें और ताजा मावा लेकर उसे भून लें. उसमें नारियल धनिया का चूर्ण मिलाकर थोड़ी मात्रा में पिसी हुई मिश्री मिला लें. इस मिश्रण को कढ़ाई से निकालकर किसी गहरी थाली में निकाल कर बर्फी की तरह जमा लें. 20 ग्राम की मात्रा में बर्फी का प्रतिदिन सुबह खाली पेट सेवन करने से काफी फायदा होता है. इस नुस्खे के दो माह के उपयोग से माइग्रेन खत्म हो जाता है.

Last Updated :Apr 2, 2024, 6:53 AM IST
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