रायपुर: मोदी सरकार के कार्यकाल का ये आखिरी बजट था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छठवीं बार बजट पेश किया. इससे पहले मोरारजी देसाई ने लगातार छह बार बजट पेश किया था. लोकसभा चुनाव से पहले पेश हुए बजट को लेकर लोगों को बड़ी उम्मीदें थी. लोग आशा कर रहे थे कि इस बार का बजट काफी लोक लुभावन और रेवड़ी बांटने वाला होगा. मोदी अपने हर फैसले से लोगों को चौकातें हैं इस बार मोदी ने लोगों को चौका दिया. वित्त मंत्री ने वादों और उम्मीदों को छोड़ धरातल पर नजर आने वाला बजट सदन में पेश किया. बजट की जो सबसे खास बात रही वो ये कि बजट देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाला नजर आया.
शिक्षाविदों ने बजट को बताया बेहतरीन: अंतरिम बजट को लेकर शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों ने तारीफ की है. उद्योग और व्यापार क्षेत्र से जुड़े लोगों ने भी बजट की तारीफ करते हुए कहा कि बजट का दूरगामी परिणाम हमारी अर्थव्यवस्था पर दिखेगा. वहीं शिक्षा और व्यापार क्षेत्र से जुड़े लोगों ने कहा कि बजट का असली और विस्तृत रुप जुलाई महीने में दिखेगा जब नई सरकार बजट लेकर आएगी.
बजट में किसी प्रकार का कोई भी रेवड़ी बांटने वाली योजना नहीं है. किसी भी तरह की सीधी सब्सिडी बजट में नहीं दी गई है. बजट में कमजोर चिकित्सा व्यवस्था को दरुस्त करने की बात कही है. चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र को और विस्तार देने का बजट में प्रावधान किया गया है. स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए वैक्सीनेशन को भी इसमें शामिल किया गया है. बजट में रोजगार के अवसर ज्यादा से ज्यादा संख्या में मुहैया कराने पर जोर दिया गया है. भारत की अर्थव्यवस्था को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करने पर जोर दिया गया है. रेलवे कॉरिडोर का विस्तार उसका सबसे बड़ा उदाहरण है. एयरलाइन्स की संख्या को बढ़ाना भी उसका बड़ा उदाहरण है. रेलवे कॉरिडोर और एयरलाइंस की संख्या बढ़ाने से रोजगार के अवसर पैदा होंगे - तपेश गुप्ता, प्रोफेसर, छत्तीसगढ़ कॉलेज