ETV Bharat / bharat

बिलासपुर के कैंसर विजेताओं की कहानी, जानिए कैसे खतरनाक बीमारी पर पाई जीत ?

author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 3, 2024, 7:51 PM IST

Updated : Feb 3, 2024, 8:03 PM IST

World Cancer Day 2024: विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी को है. इस दिन को कैंसर के मरीजों के लिए और कैंसर के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से मनाया जाता है. आइए आज बिलासपुर के कैंसर विजेताओं के बारे में आपको बताते हैं. इन्होंने कैंसर को मात दे दी है. साथ ही अब लोगों को कैंसर के लिए जागरूक कर रहे हैं.

Cancer Survivor Story
कैंसर सर्वाइवर स्टोरी

कैंसर विजेता अब दूसरे मरीजों को कर रहे जागरूक

बिलासपुर: कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिससे लोगों की जान भी चली जाती है. इसका इलाज काफी कठिन है. हालांकि कई लोग सही इलाज और आत्मविश्वास से इस बीमारी को मात दे रहे हैं. ऐसे ही कैंसर विजेताओं के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जो कैंसर से जंग लड़ी और जीत भी हासिल की. दरअसल हम बात कर रहे हैं बिलासपुर के अजय वाजपेयी और अपर्णा जोशी की. इन्होंने कैंसर को मात देकर नई जिंदगी हासिल की है.

दूसरे मरीजों के लिए मिशाल बने कैंसर विजेता: जेल में अपनी सेवा दे रहे अजय वाजपेयी को मुंह का कैंसर था जबकि अपर्णा जोशी को ब्रेस्ट कैंसर था. अपर्णा एक शासकीय कर्मचारी हैं. अपनी नौकरी के साथ वह परिवार की जिम्मेदारी भी उठती रही. लेकिन उन्हें ये पता ही नहीं चला कि वह अपनी जिम्मेदारियों के बीच कब कैंसर का शिकार हो गई. दोनों ही कैंसर से पीड़ित मरीज अपना इलाज कराने के बाद अब फिर दोबारा अपना सामान्य जीवन जी रहे हैं. ये दोनों कैंसर विजेता अब दूसरे कैंसर मरीजों को जागरूक भी कर रहे हैं. साथ ही अपने कार्यक्षेत्र में सहयोगियों को बता रहे है कि कैसे कैंसर से डरने के बजाए उन्होंने लड़ना सीखा. कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने के दौरान उनकी मानसिक स्थिति काफी खराब रही और वह इससे उभर भी गए है. अब ये दूसरों के लिए मिसाल बन रहे हैं.

बिना नशा किए हुआ मुंह का कैंसर: बिलासपुर सेंट्रल जेल में अपनी सेवा दे रहे विजय वाजपेयी को मुंह का कैंसर हो गया था. वह साल 2009 से 2014 के बीच बिलासपुर सेंट्रल जेल में सेवा दे रहे थे. तभी उन्हें पता चला कि उनके मुंह में कैंसर हो गया है. उनको शुरुआती दौर में मुंह में तकलीफें होती थी, जिसे लेकर वह डॉक्टर को अपनी समस्या बताएं. तब डॉक्टर ने उन्हें सलाह दी कि वह एक बार कैंसर की जांच करा लें. जांच के बाद उन्हें पता चला कि उन्हें मुंह का कैंसर है. तब विजय वाजपेयी ने डॉक्टर से कहा कि वो न तो सिगरेट पीते हैं, ना गुटखा तंबाकू का सेवन करते हैं और ना ही शराब के आदी हैं. फिर उन्हें कैंसर कैसे हो सकता है? तब डॉक्टर ने बताया कि दो किस्म के लोग होते हैं, जिन्हें कैंसर होता है. एक वह जो नशे के सामानों का उपयोग करता हैं. वैसे 70 फीसद लोगों को कैंसर होता है. लेकिन 30 फीसद ऐसे भी लोग हैं, जो इन चीजों का सेवन नहीं करते और उन्हें कैंसर होता है.

अपर्णा जोशी को हुआ ब्रेस्ट कैंसर: बिलासपुर में सरकारी सेवा दे रही अपर्णा जोशी को ब्रेस्ट कैंसर हो गया था. अपर्णा ने बताया कि उन्हें कार्यालय में बैठे हुए शारीरिक तकलीफ का अहसास हुआ. तब वह जांच करवाई तो उन्हें पता चला कि वह कैंसर से ग्रसित हैं. उन्हें ब्रेस्ट कैंसर हुआ है. अपर्णा डॉक्टरों की बात सुनकर डर गई. अपर्णा ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि, "जिस समय कैंसर का मुझे पता चला था, उस समय डेढ़ महीने का बच्चा था.मुझे डर हो गया था कि कैंसर कहीं बच्चे के अंदर ना चला गया हो. कुछ समय तक परेशान रही फिर डॉक्टर ने बताया कि जरूरी नहीं है कि मां का कैंसर बच्चे में जाए. फिर भी मैंने अपने बच्चे की जांच कराई, तब पता चला कि मेरा बच्चा स्वस्थ है. कैंसर के दौरान धीरे-धीरे मानसिक स्थिति खराब होती चली गई. फिर डॉक्टर की सलाह और दूसरे कैंसर पीड़ित मरीजों को देखकर हिम्मत मिली.

छूने से नहीं फैलता कैंसर: इन कैंसर विजेताओं ने जानकारी दी कि इस बीमारी को लेकर अब भी लोग ऐसा सोचते हैं कि यह बीमारी छूने या फिर साथ रहने से फैलती है. हालांकि ऐसा नहीं है. इस बीमारी में इंसान के अंदर की टिशु में कैंसर के जर्म्स होते हैं. यह जर्म्स शरीर के ऊपर नहीं उभरते. किसी को छूने या साथ में रहने से किसी भी इंसान को कैंसर नहीं हो सकता. ये कैंसर विजेता अब लोगों के बीच जाकर उन्हें बता रहे हैं कि कैंसर के मरीजों से घृणा नहीं बल्कि प्यार करना चाहिए.

बता दें कि भारत में कैंसर की बीमारी तेजी से फैल रही है. कैंसर के कई अलग-अलग प्रकार अब हो गए हैं. मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, स्तन कैंसर, ओवरी कैंसर, हड्डी में कैंसर जैसे अलग-अलग प्रकार से कैंसर होते हैं. हकीकत यह है कि कैंसर अब लाइलाज बीमारी नहीं रही. मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की की है कि कैंसर की बीमारी का इलाज अब संभव हो गया है. कैंसर के मरीज भले ही अधिक मात्रा में डायग्नोज हो रहे हों लेकिन इसका इलाज भी अब संभव हो गया है. ऐसे ही मरीज को कैंसर विजेता कहा जाता है. यह कैंसर विजेता अब दूसरे कैंसर मरीजों के साथ ही अन्य लोगों के बीच जागरूकता अभियान चला रहे हैं.

IIT रिसर्चर्स ने कैंसर के उपचार में सहायक पौधे की सेल विकसित की
सर्वाइकल कैंसर क्या है, इससे कैसे निजात पा सकते हैं, जानें
अंतरिम बजट 2024 : सर्वाइकल कैंसर रोधी टीके को लेकर सरकार का बड़ा ऐलान
Last Updated :Feb 3, 2024, 8:03 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.