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सर्वाइकल कैंसर क्या है, इससे कैसे निजात पा सकते हैं, जानें

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 2, 2024, 5:02 PM IST

Updated : Feb 2, 2024, 6:23 PM IST

What is Cervical Cancer
प्रतिकात्मक तस्वीर

Cervical Cancer : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक दिन पहले अंतरिम बजट में सर्वाइकल कैंसर पर रोकथाम लगाने के लिए टीका विकसित करने को लेकर बड़ी घोषणा की है. आखिर क्या होता है सर्वाइकल कैंसर और यह कितना खतरनाक होता है. आइए इस पर एक नजर डालते हैं. दरअसल, सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा में होता है, जो गर्भाशय (गर्भ) का निचला, संकीर्ण सिरा होता है. सर्वाइकल कैंसर प्रकट होने से पहले कोशिकाएं डिसप्लेसिया नामक परिवर्तनों से गुजरती हैं, जिसमें असामान्य कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं और गर्भाशय ग्रीवा और फिर आसपास के क्षेत्रों में अधिक गहराई तक फैलने लगती हैं. इसे कैसे रोकें और इसके बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

हैदराबाद: मॉडल पूनम पांडे की शुक्रवार को सर्वाइकल कैंसर के कारण मौत हो गई. इससे पहले गुरुवार को सर्वाइकल कैंसर की व्यापकता को संबोधित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में एक महत्वपूर्ण घोषणा की. यह भारत में महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है. यह एक ऐसी बीमारी है जो भारत की महिला आबादी के एक बड़े हिस्से को प्रभावित करती है.

भारत में सर्वाइकल कैंसर: मेडिकल साइंस के जानकारों का कहना है कि 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा अधिक है. भारत में ऐसी महिलाओं की संख्या 511.4 मिलियन है. सर्वाइकल कैंसर मुख्य रूप से कुछ प्रकार के ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) के कारण होता है, जो एक यौन संचारित संक्रमण है. कैंसर से निपटने के वैश्विक प्रयासों में अक्सर ही इससे बचाव के लिए ठोस कदम उठाये जाने की जरूरत पर बल दिया जाता है.

2022 के लिए ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी की ओर से 1 फरवरी को जारी किये गये नए अनुमान के अनुसार भारत में महिलाओं में कैंसर के मामले पुरुषों की तुलना में 7,22,138 अधिक हैं. इन मामलों में सर्वाइकल कैंसल तीसरे स्थान पर है. आंकड़ों के मुताबिक, महिलाओं में तीसरा सबसे अधिक बार होने वाला कैंसर सर्वाइकल कैंसर रहा. साल 2022 में इसके 1,27,526 022 मामले सामने आये. जो महिलाओं ने हुए कैंसर का 17.7 प्रतिशत है. वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, पिछले साल 6,61,044 नए मामलों और 3,48,186 मौतों के साथ यह अब वैश्विक स्तर पर आठवां सबसे आम तौर पर होने वाला कैंसर और कैंसर से होने वाली मौत का नौवां प्रमुख कारण है.

सर्वाइकल कैंसर के प्रकार : सर्वाइकल कैंसर का नाम उस कोशिका के प्रकार के आधार पर रखा जाता है जहां कैंसर शुरू हुआ था. इसके दो मुख्य प्रकार हैं:

  1. स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा: अधिकांश सर्वाइकल कैंसर (90% तक) स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा होते हैं. ये कैंसर एक्टोसर्विक्स की कोशिकाओं से विकसित होते हैं.
  2. एडेनोकार्सिनोमा: सरवाइकल एडेनोकार्सिनोमा एंडोकर्विक्स की ग्रंथि कोशिकाओं में विकसित होता है. क्लियर सेल एडेनोकार्सिनोमा, जिसे क्लियर सेल कार्सिनोमा या मेसोनेफ्रोमा भी कहा जाता है, एक दुर्लभ प्रकार का सर्वाइकल एडेनोकार्सिनोमा है.
  3. कभी-कभी, सर्वाइकल कैंसर में स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और एडेनोकार्सिनोमा दोनों की विशेषताएं होती हैं. इसे मिश्रित कार्सिनोमा या एडेनोस्क्वामस कार्सिनोमा कहा जाता है.

लक्षण और जोखिम : प्रारंभिक अवस्था में सर्वाइकल कैंसर के लक्षण प्रकट नहीं होते हैं. हालांकि जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है असामान्य रक्तस्राव, दुर्गंधयुक्त स्राव और पैल्विक दर्द जैसे लक्षण सामने आते हैं. जानकार बताते हैं कि इसी तरह के लक्षण कई अन्य स्त्री रोगों के भी है. इसलिए भारत में इस बीमारी की पहचान काफी देर से हो पाती है.

सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग कैसे हो पाती है : सर्वाइकल कैंसर की जांच का लक्ष्य प्री-कैंसरयुक्त सर्वाइकल कोशिका परिवर्तनों का पता लगाना है. समय से यह पता लग जाने पर सर्वाइकल कैंसर को विकसित होने से रोका जा सकता है. कभी-कभी सर्वाइकल स्क्रीनिंग के दौरान कैंसर का पता चल जाता है. प्रारंभिक चरण में पाए जाने वाले सर्वाइकल कैंसर का इलाज आमतौर पर आसान होता है. जब तक लक्षण प्रकट होते हैं, सर्वाइकल कैंसर फैलना शुरू हो चुका होता है, जिससे उपचार अधिक कठिन हो जाता है.

सर्वाइकल कैंसर की जांच के तीन मुख्य तरीके हैं:

  1. ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) परीक्षण उच्च जोखिम वाले एचपीवी प्रकारों के संक्रमण के लिए कोशिकाओं की जांच करता है जो सर्वाइकल कैंसर का कारण बन सकते हैं.
  2. पैप परीक्षण सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं को एकत्र करता है ताकि उनमें एचपीवी के कारण होने वाले बदलावों की जांच की जा सके, जो अगर अनुपचारित छोड़ दिए जाएं तो सर्वाइकल कैंसर में बदल सकते हैं. यह प्रीकैंसरस कोशिकाओं और सर्वाइकल कैंसर कोशिकाओं का पता लगा सकता है. पैप परीक्षण से सर्वाइकल में गैर कैंसरकारी संक्रमण या सूजन का भी पता चल सकता है.
  3. एचपीवी/पैप कोटेस्ट उच्च जोखिम वाले एचपीवी और सर्वाइकल कोशिका परिवर्तन दोनों की जांच के लिए एचपीवी परीक्षण और पैप परीक्षण का एक साथ इस्तेमाल किया जाता है.

सर्वाइकल कैंसर की जांच कब कराएं : सर्वाइकल स्क्रीनिंग सिफारिशें कई संगठनों की ओर से विकसित की गई हैं, जिनमें यूनाइटेड स्टेट्स प्रिवेंटिव सर्विसेज टास्क फोर्स एक्जिट डिस्क्लेमर (यूएसपीएसटीएफ) और अमेरिकन कैंसर सोसाइटी एक्जिट डिस्क्लेमर (एसीएस) शामिल हैं. सर्वाइकल कैंसर के लिए आपको कितनी बार जांच करानी चाहिए और कौन से परीक्षण कराने चाहिए, यह आपकी उम्र और स्वास्थ्य इतिहास पर निर्भर करेगा.

उम्र 21-29 साल : यदि आप इस आयु वर्ग में हैं, तो यूएसपीएसटीएफ 21 साल की उम्र में अपना पहला पैप परीक्षण कराने की सलाह देता है, इसके बाद हर 3 साल में पैप परीक्षण कराएं. भले ही आप यौन रूप से सक्रिय हों, आपको 21 वर्ष की आयु से पहले पैप परीक्षण की आवश्यकता नहीं है.

उम्र 30-65 साल : यदि आप इस आयु वर्ग में हैं, तो यूएसपीएसटीएफ निम्नलिखित तरीकों में से किसी एक का उपयोग करके सर्वाइकल कैंसर की जांच कराने की सलाह देता है:

  1. हर 5 साल में एचपीवी टेस्ट
  2. हर 5 साल में एचपीवी/पैप टेस्ट
  3. हर 3 साल में पैप टेस्ट

सर्वाइकल कैंसर के टीके : सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कम करने में नियमित टीकाकरण की सक्रिय भूमिका पर काफी जोर दिया जाता है. क्या कोई टीके हैं? फिलहाल हमें तीन प्रकार के एचपीवी टीकों की जानकारी है. जिनमें सर्वारिक्स और गार्डासिल शामिल हैं, जो सर्वाइकल कैंसर पैदा करने वाले सबसे आम वायरस से सुरक्षा प्रदान करते हैं. इसके अतिरिक्त, भारत का पहला स्वदेशी एचपीवी वैक्सीन सेरवावैक भी इसके लिए काफी उपयोगी माना जाता है. बता दें कि वर्तमान में, सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ सीरम इंस्टीट्यूट का भारत में निर्मित टीका, CERVAVAC, बाजार में लगभग 2,000 रुपये प्रति खुराक पर उपलब्ध है.

टीका कब लगवाएं: 9 से 14 वर्ष की आयु की युवा लड़कियों का टीका करण अहम माना जा रहा है. इस टीकाकरण का उद्देश्य उच्च जोखिम वाले एचपीवी के विकास को रोकना है जो गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का कारण बन सकते हैं.

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Last Updated :Feb 2, 2024, 6:23 PM IST
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