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'गौहत्या नहीं रोकने वाले दल कसाई जैसे , जिन्होंने वोट देकर जिताया वो भी पापी' : शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 4, 2024, 4:34 PM IST

Updated : Mar 4, 2024, 7:37 PM IST

Cow Slaughter Are Like Butchers
गौहत्या को नहीं रोकने वाले दल कसाई के सामान

Dont Stop Cow Slaughter Are Like Butchers शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने गौहत्या को लेकर बड़ा बयान दिया है.शंकराचार्य के मुताबिक जो दल गौ हत्या को रोकने में असफल हुए हैं,उन्हें वोट देने वाले भी गौ हत्या के दोषी हैं.यदि भारत में राम आए हैं तो गौ हत्या रुकनी चाहिए.Shankaracharya Avimukteshwarananda

शंकराचार्य ने गौहत्या रोकने की उठाई मांग

रायपुर : अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में रहे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने रायपुर में एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. गौहत्या को लेकर शंकराचार्य ने सरकार पर निशाना साधा है.गौहत्या को रोकने में असफल रहने वाले दलों को शंकराचार्य ने पाप का भागीदार कहा है. शंकराचार्य ने कहा कि ''वो लोकसभा चुनाव से पहले भाई और कसाई की सूची जारी करेंगे.इस सूची में शंकराचार्य ने भाई उन लोगों को कहा है जिन्होंने गौमाता की सेवा की है.साथ ही कसाई की संज्ञा उन्हें दी है जो दल गौहत्या को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाते.ऐसे दलों को कसाई की सूची में डाला जाएगा.''

Dont Stop Cow Slaughter Are Like Butchers
सीएम विष्णुदेव साय ने लिया शंकराचार्य का आशीर्वाद

घर-घर भेजी जाएगी भाई और कसाई की सूची :शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के मुताबिक ''लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता जारी होने के बाद भाई और कसाई की सूची जारी कर दी जाएगी. ऐसी सूची को घर-घर में भेजा जाएगा. भाई को वोट देने की अपील की जाएगी. छत्तीसगढ़ धर्म भूमि है. यहां आना अच्छा लगता है. संत समागम का शुभारंभ हुआ है. राजिम कुंभ को कुंभ कल्प कहा गया.''

'' राजनीतिक दलों को गौ हत्या बंद करने का संकल्प लेना चाहिए. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव के पहले ही गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जाना चाहिए.जो दल गौहत्या को रोकने का समर्थन नहीं करते उन्हें वोट देने वाले भी गौ हत्या के भागी माने जाएंगे. ''-शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद

'देश में अमृतकाल का उत्सव,लेकिन गौहत्या चरम पर' : शंकराचार्य ने इस दौरान कहा कि ''देश में अमृतकाल चल रहा है, फिर भी गौ हत्या बंद नहीं हो रही है. अयोध्या रामलला मंदिर बनने के बाद राम आने की बात कही गई है. यदि राम आए हैं तो कुछ बदलाव नजर आना चाहिए. राम के आने के बाद तो कम से कम गौ हत्या बंद होनी चाहिए.''

शंकराचार्यों ने ही दिया राजिम कुंभ कल्प नाम: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के मुताबिक सरकार अपने अपने तरीके से व्यवस्थाएं करती हैं.राजिम कुंभ कल्प में संतों का समागम भव्य होगा. पूरे भारत के संत इसका हिस्सा बनने छत्तीसगढ़ की धरा में आएं हैं.जिनका स्वागत किया जा रहा है.इस दौरान सीएम विष्णुदेव साय ने शंकराचार्य का आशीर्वाद भी लिया.आपको बता दें कि शंकराचार्यो के कहने पर ही राजिम कुंभ में कल्प शब्द का प्रयोग किया गया है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही सरकारों ने राजिम के जरिए अपनी पहचान स्थापित करने की कोशिश की है.कांग्रेस ने जहां राजिम कुंभ का नाम बदलकर पुन्नी मेला किया,वहीं बीजेपी ने एक बार फिर पुन्नी मेला का नाम राजिम कुंभ कल्प किया है.

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Last Updated :Mar 4, 2024, 7:37 PM IST
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