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चिलचिलाती गर्मी में पौधों को बचाने की तकनीक, अब सातों दिन मिलेगा पानी, गारंटी पौधे मरेंगे नहीं - gwalior irrigation drip system

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 21, 2024, 7:42 PM IST

Updated : Mar 21, 2024, 8:47 PM IST

GWALIOR IRRIGATION DRIP SYSTEM
चिलचिलाती गर्मी में पौधों को बचाने की तकनीक, अब सातों दिन मिलेगा पानी, गारंटी पौधे मरेंगे नहीं

ग्वालियर में वन विभाग की एक अधिकारी ने प्लास्टिक की वेस्ट बोतल से ड्रिप इरीगेशन की एक ऐसी तकनीक ईजाद की है. जिससे भीषण गर्मी में भी सात दिन में एक बार पानी देने के बाद भी पौधे हरे भरे रहेंगे. ऐसा उन्होंने 2000 पौधों पर प्रयोग के बाद दावा किया है. एक नजर ETV भारत संवाददाता पीयूष श्रीवास्तव की इस खास रिपोर्ट पर.

चिलचिलाती गर्मी में पौधों को बचाने की तकनीक

ग्वालियर। कहते हैं बचत करना ग्रहणी से अच्छा कोई नहीं जानता, ये बचत आमदनी से लेकर ग्रहस्ती तक की हो सकती है. जब बात पेड़ पौधों से जुड़ी हो, तो उनकी देखभाल भी महिलाओं से बेहतर कोई नहीं कर सकता. इसी का एक बड़ा उदाहरण बन रही हैं, ग्वालियर में पदस्थ वन विभाग की महिला वन विस्तार अधिकारी. जो वर्षों पुरानी तकनीक से पौधों को नई जान देने में जुटी हैं. उनका ये अनोखा प्रयास से ना सिर्फ पौधारोपण में लगाये जाने वाले पौधों को बचाया जा सकता है, बल्कि गर्मी के मौसम में पानी की भी बचत होती है.

पौधों को बचाने वन विस्तार अधिकारी ने तैयार कराया सिस्टम

मध्य प्रदेश में हर साल पर्यावरण बचाने के नाम पर पौधारोपण के जरिये लाखों पौधे लगाये जाते हैं. इन पौधों को करीब दो से तीन साल तक बार-बार पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन इसमें पानी की बर्बादी भी बहुत होती है. जब गर्मी का मौसम होता है तो 70 प्रतिशत पौधे पानी की कमी से मर जाते हैं. इस समस्या से निजात पाने और पौधों को बचाने के लिए ग्वालियर वन विभाग के तपोवन में पदस्थ महिला वन विस्तार अधिकारी सपना बिसोरिया ने गर्मी में पेड़ पौधों को बचाने के लिए वर्षों पुरानी ड्रिप इरिगेशन (वॉटरिंग) सिस्टम का प्रयोग किया है.

GWALIOR IRRIGATION DRIP SYSTEM
पौधों को ड्रिप इरिगेशन से मिलता पानी

धागे की मदद से पौधों को मिलता है पानी

इस ड्रिप इरिगेशन सिस्टम में वे कोल्डड्रिंग्स की प्लास्टिक बोटल्स का रियूज कर पौधों को पानी देने की व्यवस्था कर रही है. प्लास्टिक की बोतल के निचले हिस्से को काट दिया जाता है और बोतल के ढक्कन में एक छेद करके सूत का एक धागा लगाया जाता है. इसके बाद उस बॉटल को उल्टा कर एक लकड़ी पर रस्सी की मदद से बांध दिया जाता है. जिससे की बॉटल कहीं उड़ती नहीं है और ऊपर कटे हुए हिस्से बोतल में पानी को रीफिल किया जा सकता है. अब ढक्कन में बंधे धागे से बूंद-बूंद पानी पौधे तक पहुंचता है. पौधे को प्रचूर मात्रा में पानी मिलता रहता है. सूत के धागे का एक बड़ा फायदा ये भी है कि बोतल के खुले भाग में यदि कचरा भी आ जाए तो ड्रिपिंग बंद नहीं होती. पानी सूत के धागे की मदद से बूंद-बूंद गिरता रहता है.

गर्मी में भी हरे भरे रहते हैं पौधे

वन विस्तार अधिकारी की देखरेख में ड्रिप सस्टम लगाने वाले वन आरक्षक सौरभ हिंडोलिया ने बताया कि,"इस सिस्टम का एक और फायदा ये भी है कि, गर्मी के मौसम में पौधों में दिया जाने वाला पानी भी वाष्पीकरण से उड़ जाता है. लेकिन जब बूंद-बूंद पानी गिरता है, तो वह सीधे पौधे की जड़ तक जाता है. पौधे को धीरे धीरे पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता है. जो उन्हें हरा भरा बनाये रखने में मदद करता है."

GWALIOR IRRIGATION DRIP SYSTEM
पौधों को पानी देने की ड्रिप इरिगेशन

गर्मियों में 7 दिन तक चलता है दो लीटर पानी

वन विस्तार अधिकारी सपना बिसोरिया ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि," हम लोग लगातार पौधारोपण कर रहे हैं, क्योंकि वन विभाग के सीसीएफ ने भी पौधे लगाने के लिए निर्देशित किया है, हम पौधे लगाते भी थे लेकिन पानी की कमी की वजह से वे सर्वाइव नहीं कर पाते थे. इसलिए एक ऐसा सिस्टम बनाना चाहते थे कि जिससे पानी देने का टाइम ना भी मिले तो भी पौधे को पानी मिलता रहे. इसलिए हमने ये ड्रिप सिस्टम लगाया है. जिसमें दो लीटर पानी करीब 20 दिन तक चलता है. गर्मी में भी ये पानी 7 दिन तक पौधों को प्राचुर रखता है."

बिना खर्च आसानी से तैयार होता है ड्रिप सिस्टम

सपना बिसोरिया कहती है कि," इस सिस्टम को आसानी से घर में भी बनाया जा सकता है. उसे घर के पौधों के लिये भी उपयोग कर सकते हैं. चूंकि इसके लिए हम घर में पड़ी खाली प्लास्टिक की बोतल का इस्तेमाल करते हैं. इसलिए किसी तरह का खर्चा भी नहीं आता. आम तौर पर पानी देने की अपेक्षा कम पानी लगता है, जल की बचत होती है. ऐसे में ये वातावरण के लिए भी अच्छा है और पौधे के लिये भी बहुत अच्छा है"

GWALIOR IRRIGATION DRIP SYSTEM
अब भीषण गर्मी में पौधे पाएंगे पानी

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दो हजार से ज्यादा पौधों को मिला नया जीवन

वन विभाग की यह महिला अधिकारी जगह-जगह ये सिस्टम लगवा चुकी है. ग्वालियर के माधव अंध आश्रम में भी बड़े पैमाने पर ड्रिप सिस्टम इनस्टॉल कराये हैं. अब तक दो हजार से ज्यादा ड्रिप सिस्टम लगवाए हैं. उनके इस प्रयास की विभाग ने भी सराहना की है और देखा देखी अशोक नगर समेत अन्य जिलों में भी ये प्रयोग वन विभाग ने शुरू कर दिया है.

Last Updated :Mar 21, 2024, 8:47 PM IST
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