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এন আৰ চিৰ সন্দৰ্ভত কি কলে অধিবক্তা হাফিজ ৰচিদ চৌধুৰীয়ে?

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Published : Jul 24, 2019, 4:23 AM IST

এন আৰ চি সন্দৰ্ভত গুৱাহাটী উচ্চ ন্যায়ালয়ৰ জেষ্ঠ অধিবক্তা হাফিজ ৰচিদ চৌধুৰীৰ প্ৰতিক্ৰিয়া ।

এন আৰ চিৰ সন্দৰ্ভত কি কলে অধিবক্তা হাফিজ ৰচিদ চৌধুৰীয়ে?

গুৱাহাটী,২৪জুলাই: এন আৰ চি সন্দৰ্ভত গুৱাহাটী উচ্চ ন্যায়ালয়ৰ জেষ্ঠ অধিবক্তা হাফিজ ৰচিদ চৌধুৰীৰ প্ৰতিক্ৰিয়া । অধিবক্তা গৰাকীয়ে এন আৰ চি সম্পৰ্কত মন্তব্য কৰে যে বানপানীৰ ফলত ৰাজ্যত বিভিন্ন প্ৰান্তত এন আৰ চি কাৰ্যালয় সমুহ ক্ষতিগ্ৰস্ত হৈছে যাৰ বাবে এন আৰ চিৰ ৰাজ্যিক সমন্বয়ক প্ৰতীক হাজেলাই এন আৰ চি প্ৰকাশ কৰিবলৈ উচ্চতম ন্যায়ালয়ত আবেদন দিছিল । উক্ত আবেদনৰ ভিত্তিত ৩১ জুলাইৰ পৰিৱৰ্তে ৩১ আগষ্ট লৈ বৃদ্ধি কৰা হৈছে এন আৰ চিৰ চূড়ান্ত প্ৰকাশৰ সময় । লগতে তেঁও মন্তব্য কৰে যে এই সময়ছোৱাত নতুনকৈ কোনোধৰণৰ পুনৰীক্ষণৰ কাম কৰা নহয় । মাথো বিভাগৰ আভ্যন্তৰীণ কাম-কাজ খিনিহে কৰা হব ।

এন আৰ চিৰ সন্দৰ্ভত কি কলে অধিবক্তা হাফিজ ৰচিদ চৌধুৰীয়ে?

ইয়াৰ উপৰিও এন আৰ চি বিষয় প্ৰক্ৰিয়াটোত কিছু খেলিমেলি হৈ থকাৰ অভিযোগ তুলি তেঁও মন্তব্য কৰে যে এন আৰ চিত কিছুমান লোকৰ নাম থকা স্বত্বেও এটা বিশেষ সম্প্ৰদায়ৰ লোকক হাৰাশাস্তিৰ সন্মুখীন কৰা হৈছে । গতিকে এই বিষয়টোৰ সন্দৰ্ভত প্ৰতীক হাজেলাই যাতে ভালদৰে পৰ্যবেক্ষণ কৰে তাৰ বাবে অনুৰোধ জনাই জেষ্ঠ অধিবক্তা হাফিজ ৰচিদ চৌধুৰীয়ে ।

Intro:এন আৰ চিক লৈ কি কলে গুৱাহাটী উচ্চ ন্যায়ালয়ৰ জেষ্ঠ অধিবক্তা হাফিজ ৰচিদ চৌধুৰীয়ে

Body:গুৱাহাটী উচ্চ ন্যায়ালয়ৰ জেষ্ঠ অধিবক্তা হাফিজ ৰচিদ চৌধুৰীয়ে এন আৰ চি সম্পৰ্কে কয়--- বানপানীৰ ফলত ৰাজ্যত বিভিন্ন প্ৰান্তত এন আৰ চি কাৰ্যালয় সমুহ ক্ষতিগ্ৰস্ত হয় , যাৰ বাবে এন আৰ চিৰ ৰাজ্যিক সমন্বয়ক প্ৰতীক হাজেলাই এন আৰ চি প্ৰকাশ কৰিবলৈ উচ্চতম ন্যায়ালয় আবেদন দিছিল আজি ৩১ জুলাই পৰিবৰ্তে ৩১ আগষ্ট লৈ এন আৰ চিৰ চূড়ান্ত প্ৰকাশৰ সময় উচ্চতম ন্যায়ালয়ে ৩১ আগষ্ট নিৰ্ধাৰণ কৰিছে এতিয়া এন আৰ চি প্ৰকাশ কৰা হ'ব ৩১ আগষ্টত , ৩১ জুলাইৰ পৰা ৩১ আগষ্টৰ সময়খিনিত কোনো নতুনকৈ পুনৰীক্ষণৰ কাম কৰা নহয় । তেওঁ কয় যে এটা শুদ্ধ এন আৰ চি প্ৰস্তুত হ'ব লাগে আৰু সময়মতে শুদ্ধ এন আৰ চি খন প্ৰস্তুত হব লাগে । এন আৰ চিত কিছুমান লোকৰ নাম থকা স্বত্বেও এটা বিশেষ সম্প্ৰদায়ৰ লোকক হাৰাশাস্তিৰ সন্মুখীন কৰা হৈছে । বহুত লোকে আপত্তি কৰিছে , আপত্তি কৰিলে সম্পূৰ্ণ নথি-পত্ৰ খিনি দিয়ে , তাত লিখা থাকে DF বুলি লিখা থাকে , DF বুলি লিখা থাকিলে তেওঁলোকৰ নাম অন্তৰ্ভুক্ত নহয় এন আৰ চিত । তেওঁ কয় এই DF টো লিখা থাকে বিশিষ্ট কোনো এটা জনগোষ্ঠীৰ নামত । আনহাতে তেওঁ কয় এই DF লিখা মানুহবোৰৰ ক্ষেত্ৰত প্ৰতীক হাজেলাই ভালদৰে প্ৰত্যক্ষ কৰে । বিভিন্ন ব্যক্তিয়ে DF বুলি ঘোষিত এইটো কাৰ্যালয়ৰ পৰা আন কাৰ্যালয়লৈ দৌৰিব লগীয়া হৈছে , যাৰ ফলত হাৰাশাস্তিৰ সন্মুখীন হৈছে লোক সকল ।

Asrar Ansari
Guwahati



Conclusion:एनआरसी सूची के प्रकाशन में और देरी चाहती सरकार- हाफिज रसीद चौधरी

गुवाहाटी , 22 जुलाई। गौहाटी हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हाफिज रसीद चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के अंतिम सूची के प्रकाशन की समय सीमा 31 जुलाई के बदले 31 अगस्त तक बढ़ाए जाने पर मंगलवार को कहा कि समय सीमा को बढ़ाने के लिए बार-बार केंद्र और राज्य सरकार प्रयासरत थी।

उन्होंने कहा कि दोनों सरकारों के प्रयासों के बावजूद सुप्रीम कोर्ट एक्सटेंशन देने के लिए तैयार नहीं था। सुप्रीम कोर्ट में एनआरसी के अंतिम सूची के प्रकाशन की समय सीमा बढ़ाने के लिए दो तरह का हलफ़नामा दायर किया गया था। एक राज्य में बाढ़ को आधार बनाते हुए कहा गया कि कई एनआरसी केंद्र बाढ़ की चपेट आ गए हैं, जिसकी वजह से काम काफी प्रभावित हुआ है। वहीं दूसरा हलफ़नामा सुप्रीम कोर्ट में दायर कर यह गया था कि बहुत बांग्लादेशी नागरिकों का नाम एनआरसी में शामिल हो गया है, जिसे फिर से वेरिफिकेशन करने की जरूरत है।

उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के रहते केंद्र और राज्य सरकार एनआरसी का फाइनल ड्राफ्ट नहीं लाना चाहती है। रंजन गोगोई के कार्यकाल समाप्त होने के बाद ही फाइनल ड्राफ्ट अपनी मनमर्जी से लाने की कोशिश में केंद्र सरकार जुटी हुई है। केंद्र और राज्य सरकार री वेरिफिकेशन वाले मकसद में कामयाब नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि एनआरसी में नाम शामिल हो चुके 80 लाख से अधिक लोगों का फिर से वेरिफिकेशन हुआ है। सुप्रीम कोर्ट में एनआरसी के प्रदेश संयोजक प्रतीक हजेला ने इसकी जानकारी दी है।

वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, मेरा मानना है कि री-वेरिफिकेशन के लिए जो हलफ़नामा दायर किया गया था वह बिल्कुल गलत था। सुप्रीम कोर्ट री-वेरिफिकेशन पर एक्सटेंशन के लिए समय नहीं दिया है। सुप्रीम कोर्ट बाढ़ की वजह से 31 अगस्त तक की समय सीमा मुकर्रर किया है। बाढ़ की वजह से एक महीना समय दिया जाना काफी अच्छी बात है। एनआरसी के नाम पर एक आदमी को कई बार केंद्रों में बुलाया जा रहा है। एक जिले के व्यक्ति को दूसरे जिले में वेरिफिकेशन के लिए बुलाया जा रहा है।

उदाहरण के तौर पर उन्होंने बताया कि नगांव जिले का एक परिवार को एनआरसी के लिए बराक वैली में जाना पड़ा है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि किसी भी व्यक्ति का वेरिफिकेशन उसके जिला में ही करना होगा।

हाफिज रसीद चौधरी ने कहा, मैं उम्मीद करता हूं कि 31 अगस्त तक एनआरसी का फाइनल ड्राफ्ट प्रकाशित हो जाएगा। असम में एनआरसी के नाम पर सिर्फ मुसलमान ही नहीं हिंदू लोगों को भी काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषकर बांग्ला भाषा बोलने वाले लोगों को। भारतीय जनता पार्टी हिंदू को नागरिकता देने का बात कह कर वोट बैंक की राजनीति कर रही है। भारतीय हिंदुओं को भी डिटेंशन कैंप में भेजा जा रहा है। जबकि मुसलमान भी डिटेंशन कैंप में रखे जा रहे हैं। बांग्ला भाषा बोलने वाले हिंदू या मुसलमान सभी को एनआरसी के नाम पर परेशान किया जा रहा है, जो भारतीय हैं।

गुवाहाटी यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर मोनिरूल हुसैन को भी तीन बार नोटिस भेजा गया है जो भारतीय हैं। फिलहाल वह जामिया मिलिया में हैं। वह असम के बाशिंदा है और भारतीय नागरिक हैं। इसके बावजूद भी उन्हें सताया जा रहा है। बिहार के अलावा भारत के अन्य राज्यों के लोगों को भी परेशान किया जा रहा है। बहुत लोगों को कहा जाता है कि आप के खिलाफ केस है, लेकिन विदेशी न्यायाधिकरण से लेकर से बॉर्डर पुलिस जब वह व्यक्ति चक्कर लगाता है तो पता चलता है कि उसके नाम से कोई कैस नहीं है। मैं चाहता हूं कि कोई भी बांग्लादेशी नागरिक का नाम एनआरसी में शामिल ना हो और एक भी भारतीय नागरिक का नाम एनआरसी में ना छूटे।

असरार अंसारी
गुवाहाटी
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