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गुरुवार को तय होगी मदमहेश्वर व तुंगनाथ धामों के कपाट खोलने की तिथि

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Published : Apr 13, 2022, 1:18 PM IST

मदमहेश्वर धाम व तुंगनाथ धाम के कपाट खोलने और चल विग्रह उत्सव डोलियों के शीतकालीन गद्दी स्थलों से रवाना होने की तिथि गुरुवार को निकाली जाएगी. जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. वहीं ऊखीमठ में लगभग 100 वर्षों बाद भक्तों को भगवान बूढ़ा मदमहेश्वर के नव निर्मित पुष्पक विमान के दर्शन होंगे.

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कल तय होगी मदमहेश्वर व तुंगनाथ धामों के कपाट खोलने की तिथि

रुद्रप्रयाग: मदमहेश्वर धाम व तुंगनाथ धाम के कपाट खोलने और चल विग्रह उत्सव डोलियों के शीतकालीन गद्दी स्थलों से रवाना होने की तिथि कल निकाली जाएगी. बैसाखी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थलों में पंचाग गणना के अनुसार तिथि घोषित की जाएगी. साथ ही ऊखीमठ में लगभग 100 वर्षों बाद भक्तों को भगवान बूढ़ा मद्महेश्वर के नव निर्मित पुष्पक विमान के दर्शन होंगे.

मंदिर समिति अधिकारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान मदमहेश्वर के कपाट खोलने तथा चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से कैलाश रवाना होने की तिथि गुरुवार को बैसाखी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में पंचाग गणना के अनुसार निकाली जाएगी. विद्वान आचार्यों, मंदिर समिति के अधिकारियों तथा हक-हकूधारियों की मौजूदगी में तिथि घोषित की जायेगी. उन्होंने बताया कि गुरुवार को बैसाखी पर्व पर लगभग सौ वर्षों बाद भक्तों को भगवान बूढ़ा मदमहेश्वर के नव निर्मित पुष्पक विमान के दर्शन होंगे.

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पुष्वाण ने बताया कि भगवान बूढ़ा मदमहेश्वर के पुष्पक विमान का निर्माण आज से लगभग सौ वर्ष पूर्व तत्कालीन रावल नीलकंठ महाराज की प्रेरणा से हुआ था. सौ वर्ष की अवधि गुजर जाने के बाद वर्तमान प्रधान पुजारी डॉ. केदार लिंग के सहयोग से भगवान बूढ़ा मदमहेश्वर के नये पुष्पक विमान का निर्माण किया गया है. इसलिए बैसाखी पर्व पर स्थानीय श्रद्धालु भगवान बूढ़ा मदमहेश्वर के नव निर्मित पुष्पक विमान के दर्शन करेंगे.

वहीं दूसरी ओर जानकारी देते हुए तुंगनाथ धाम के प्रबंधक बलवीर सिंह नेगी ने बताया कि पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट खोलने तथा चल विग्रह उत्सव डोली के मक्कूमठ से कैलाश रवाना होने की तिथि गुरुवार को बैसाखी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में पंचाग गणना के अनुसार विद्वान आचार्यों, मन्दिर समिति के अधिकारियों व हक- हकूधारियों की मौजूदगी में घोषित की जायेगी.

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