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उत्तराखंड में दो साल से नहीं हुए छात्र संघ चुनाव, आंदोलन के बाद गर्माई सियासत

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Published : Nov 11, 2022, 8:26 AM IST

Updated : Nov 11, 2022, 1:19 PM IST

राजनीति की पहली सीढ़ी छात्र संघ चुनाव होते हैं. कोरोना काल में दो साल छात्र संघ चुनाव नहीं हो सके थे. अब स्थितियां सामान्य हैं तो छात्र संघ चुनाव की मांग जोर पकड़ रही है. देहरादून डीएवी पीजी कॉलेज के छात्र कई दिन से धरना दे रहे हैं. इसके बाद भी मांग नहीं मानी गई तो छात्र टावर पर भी चढ़ गए. हमेशा की तरह छात्र संघ को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है.

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छात्र संघ चुनाव समाचार

देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की वजह से साल 2020 और 2021 में छात्र संघ के चुनाव नहीं हो पाए थे. वहीं इस साल छात्र संघ के चुनाव कराए जाने को लेकर छात्रों ने आंदोलन की राह चुन ली है. इसके साथ ही छात्र संघ चुनाव के मुद्दे ने राजनीतिक रंग ले लिया है. भाजपा और कांग्रेस में छात्र राजनीति को लेकर तलवारें खिंच गई हैं. डीएवी पीजी कालेज में पिछले एक सप्ताह से अनशन पर बैठे संयुक्त छात्र संघर्ष समिति के दो छात्र नेता अलग-अलग मोबाइल टावरों पर चढ़े तो एकाएक राजनीति गरमा गई.

कोरोना काल में दो साल नहीं हुए छात्र संघ चुनाव: दरअसल, पिछले दो साल से छात्र संघ के चुनाव न होने के छात्र नेताओं में आक्रोश व्याप्त है. क्योंकि पंचायत चुनाव और इससे पहले विधानसभा के चुनाव हो चुके हैं. जिसके चलते विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र, छात्रसंघ चुनाव को लेकर आंदोलनरत हैं. छात्रों का कहना है कि महाविद्यालयों में सभी कार्यक्रम हो रहे हैं. लेकिन छात्र चुनाव पर कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है. आपको बता दे कि प्रदेश के 119 महाविद्यालयों और पांच राज्य विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ के चुनाव होने थे.
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मंत्री ने विश्वविद्यालयों के पाले में डाली गेंद: सही मायने में सितंबर या अक्टूबर महीने में छात्र-संघ चुनाव हो जाने चाहिए थे, लेकिन समय से चुनाव नहीं कराए जा रहे. जबकि विश्वविद्यालयों के अनुसार उनका राजकीय महाविद्यालयों पर चुनाव को लेकर कोई प्रशासनिक नियंत्रण नहीं है. हालांकि, राज्य सरकार की ओर से चुनाव घोषित किए जाने के बाद ही विश्वविद्यालय अपने परिसर में छात्र संघ चुनाव करा सकेंगे. वहीं, विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के अनुसार चुनाव पर सरकार की तरफ से कोई रोक नहीं है. ऐसे में छात्र संघ के चुनाव के लिए विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को निर्णय लेना है.

छात्र संघ चुनाव को लेकर कांग्रेस मुखर: छात्र संघ चुनाव को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोल दिया है. कांग्रेस का कहना कि छात्रों की मांग उचित है. सरकार पिछले दो महीने से केवल आश्वासन ही दे रही है. वहीं, भाजपा का कहना है कि सरकार इसी महीने छात्रसंघ चुनाव संपन्न करवाएगी. बहरहाल, जो भी हो लेकिन छात्रों के आंदोलन से उत्तराखंड की राजनीतिक सियासत जरूर गर्मा गई है.
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गढ़वाल विवि में छात्र संघ चुनाव की सरगर्मी:उधर गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के बीजीआर परिसर पौड़ी में छात्रसंघ के चुनाव की गतिविधियां तेज हो गई हैं. विश्वविद्यालय में आगामी 17 नवंबर को छात्रसंघ चुनाव होना है. लिहाजा सभी संगठनों ने तैयारियां तेज कर दी हैं. वहीं छात्रसंघ चुनाव को लेकर मुख्य चुनाव अधिकारी ने अधिसूचना जारी कर दी है. विश्वविद्यालय परिसर में 7 पदों के लिए नामांकन शुरू हो गए हैं. प्रत्याशी अधिकतम पांच हजार की धनराशि ही चुनाव में खर्च कर पाएंगे.

पौड़ी में छात्रसंघ चुनाव को लेकर उत्साह

एबीवीपी ने घोषित किए प्रत्याशी: गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के पौड़ी परिसर में होने वाले छात्रसंघ चुनाव को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सचिव पदों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. गुरुवार को मीडिया से बीतचीत में पदाधिकारियों ने बताया कि एबीवीपी ने अध्यक्ष पद पर अभिषेक जुगरान, उपाध्यक्ष पद पर आयुष रावत व सचिव पद पर सोनिया कुमार को प्रत्याशी बनाया है.

नामांकन के लिए प्रत्याशियों में उत्साह

एनएसयूआई ने जारी किए उम्मीदवारों के नाम: वहीं, एनएसयूआई ने भी प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. एनएसयूआई ने अध्यक्ष पद पर अंकित नौटियाल, सचिव मुकुल पंवार, सह सचिव विवेक रावत, कोषाध्यक्ष दिवाकर सिंह, विश्वविद्यालय प्रतिनिधि पद पर अमन कुमार को प्रत्याशी बनाया है.
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17 नवंबर को होंगे छात्र संघ चुनाव: मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. राजेश डंगवाल ने बताया कि परिसर में छात्रसंघ चुनाव अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, सह-सचिव, कोषाध्यक्ष, कार्यकारिणी सदस्य व विवि प्रतिनिधि पद पर होगा. प्रोफेसर डंगवाल ने बताया कि 17 नवंबर को सुबह 8 से साढ़े 12 बजे तक मतदान होगा. 2 बजे से मतगणना और उसके बाद परिणाम घोषित किए जाएंगे.

Last Updated :Nov 11, 2022, 1:19 PM IST

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