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Crash Barrier in Uttarakhand: क्रैश बैरियर से सड़क हादसों पर लगेगी लगाम, सुरक्षित होगी यात्रा

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 25, 2023, 7:29 PM IST

Updated : Sep 26, 2023, 4:14 PM IST

उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सड़कों के किनारे क्रैश बैरियर लगाये जाएंगे. इसके साथ ही प्रदेश की तमाम सड़कों पर सुरक्षा फीचर्स के तहत काम किया जाएगा. सड़क सुरक्षा के तहत, क्रैश बैरियर के साथ ही साइन बोर्ड लगाना, पैराफिट लगाना, कर्व को स्मूथ करना समेत तमाम काम किये जाएंगे.

Crash Barrier in Uttarakhand
क्रैश बैरियर से सड़क हादसों पर लगेगी लगाम

क्रैश बैरियर से सड़क हादसों पर लगेगी लगाम

देहरादून: उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में हमेशा से ही सड़क दुर्घटनाएं होती रही हैं. चारधाम यात्रा के दौरान देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी श्रद्धालु, चारधाम के दर्शन करने आते हैं. इसके अलावा पर्यटन के लिहाज से भी देश के तमाम हिस्सों से लोग उत्तराखंड घूमने आते हैं, लेकिन प्रदेश की तमाम पर्वतीय सड़कें ऐसी हैं जहां सड़क दुर्घटनाएं हमेशा से ही होती रही हैं. जिसके चलते हर सीजन में तमाम लोगों की जान चली जाती है. इसको लेकर प्रदेश में सड़कों के किनारे क्रैश बैरियर लगाए जाने की मांग कई बार उठ चुकी है. ऐसे में सड़कों पर क्रैश बैरियर लगाए जाने को लेकर, क्या है सरकार का रोडमैप? आइये आपको बताते हैं...

96 मार्गों पर होना है रोड सेफ्टी के तहत काम

प्रदेश के लगभग सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर क्रैश बैरियर लगाया गया है. राज्य के अधिकांश राज्य मार्ग, मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड और अदर डिस्ट्रिक्ट रोड ऐसे हैं जहां क्रैश बैरियर लगाये जाने हैं. समय-समय पर सड़क सुरक्षा को लेकर अभियान चलाया जाता रहा है. साथ ही खासकर पर्वतीय मार्गो में क्रैश बैरियर लगाए जाने की बात भी उठती रही है, लेकिन अभी तक इस और कोई सकारात्मक कदम नहीं बढ़ाया गया. ऐसे में अब प्रदेश के करीब 5600 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कों के किनारे सड़क सुरक्षा मद से क्रैश बैरियर लगाये जाएंगे.

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रोड सेफ्टी के लिया 500 करोड़ बजट का प्रावधान:पर्वतीय मार्गो पर क्रैश बैरियर लगाए जाने को लेकर शासन स्तर पर कार्यवाही पूरी की जा चुकी है. सड़क सुरक्षा के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 300 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया था, इसके साथ ही अनुपूरक बजट में भी इसके अतरिक्त 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. पर्वतीय मार्गो पर सड़क सुरक्षा के लिए करीब 750 करोड़ रुपए की दरकार थी, जिसके सापेक्ष 500 करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया है.

96 मार्गों पर होना है रोड सेफ्टी के तहत काम:

मार्गों को सड़क सुरक्षा फीचर्स के तहत किया जाएगा दुरुस्त:सड़क सुरक्षा के तहत, क्रैश बैरियर के साथ ही साइन बोर्ड लगाना, पैराफिट लगाना, कर्व को स्मूथ करना समेत तमाम काम किया जाने हैं. जिसके चलते सड़कों को सुरक्षा के दृष्टिगत देखते हुए तमाम काम करने की अनुमति दी गई है. ये सभी कार्य पीडब्ल्यूडी की ओर से किये जाएंगे. मुख्यरूप से सड़कों को मानकों के अनुरूप बना देने से मेजर दुर्घटनाओं पर लगाम लग जायेगी. यही वजह है कि सड़क सुरक्षा अभियान के तहत सड़को को दुरुस्त करने की कवायद शुरू हो गई है.

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सैकड़ों किलोमीटर सड़कों पर होना है रोड सेफ्टी का काम:प्रदेश के 12 जिलों में रोड सेफ्टी को लेकर काम किया जाना है. जिसके तहत प्रदेश भर में 95 मार्गों पर 5655.87 किलोमीटर सड़कों पर रोड सेफ्टी फीचर्स के काम किए जाने हैं. जिसका प्रस्ताव तैयार किया गया है. इन कामों के लिए 326.55 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. इन कामों में से अभी तक शासन स्तर से 56 मार्गो पर 4117.54 किलोमीटर लंबी सड़क पर रोड सेफ्टी फीचर्स के काम को स्वीकृति दे दी है. जिसमें करीब 233.51 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. जिन सड़कों पर रोड सेफ्टी फीचर्स के काम की स्वीकृति मिली है, उसको करने के लिए टेंडरिंग प्रक्रिया चल रही है.

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इस वित्तीय वर्ष में पूरा हो जाएगा रोड सेफ्टी का मेजर काम:पीडब्ल्यूडी सचिव पंकज कुमार पांडेय ने बताया रोड सेफ्टी को लेकर इस साल मेजर कामों को स्वीकृति दी गई है. सड़क सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में पीडब्ल्यूडी को काफी अधिक बजट दिया है. सड़क सुरक्षा के लिए जिला स्तर पर बनी कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार करीब 750 करोड़ रुपए की लागत से मेजर काम किए जाने हैं. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में मेजर काम को पूरा कर लिया जाएगा.

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दरअसल, एक बड़ा सवाल यही है कि अगर सड़को को बनाए जाने के दौरान रोड सेफ्टी फीचर्स पर ध्यान दिया गया होता तो अब सड़क सुरक्षा के लिए काम करने की जरूरत नहीं होती. दरअसल, जब एनएच की सड़कों के काम होते हैं तो उस दौरान रोड सेफ्टी फीचर्स पर विशेष ध्यान देते हुए सभी कामों को बेहतर ढंग से किया जाता है, लेकिन राज्य सरकार के अधीन स्टेट हाईवे, मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड और अदर डिस्ट्रिक्ट रोड बनाते हुए इन पर ध्यान नहीं दिया जाता है. जिसके कारण अब इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं.

96 मार्गों पर होना है रोड सेफ्टी के तहत काम:टिहरी जिले में 17 मार्गों पर 904.18 किलोमीटर सड़कों पर 59.12 करोड़ रुपए की लागत से सेफ्टी के काम होने हैं. चमोली जिले में 15 मार्गों पर 394.67 किलोमीटर सड़कों पर 36.35 करोड़ रुपए की लागत से सेफ्टी के काम होने हैं. रुद्रप्रयाग जिले में 3 मार्गों पर 284.02 किलोमीटर सड़कों पर 18.39 करोड़ रुपए की लागत से सेफ्टी के काम होने हैं. पौड़ी जिले में 10 मार्गों पर 1195.91 किलोमीटर सड़कों पर 72.14 करोड़ रुपए की लागत से सेफ्टी के काम होने हैं. उत्तरकाशी जिले में 6 मार्गों पर 462.93 किलोमीटर सड़कों पर 25 करोड़ रुपए की लागत से सेफ्टी के काम होने हैं. देहरादून जिले में 8 मार्गों पर 767.08 किलोमीटर सड़कों पर 24.06 करोड़ रुपए की लागत से सेफ्टी के काम होने हैं. पिथौरागढ़ जिले में 6 मार्गो पर 345.14 किलोमीटर सड़कों पर 30.56 करोड़ रुपए की लागत से सेफ्टी के काम होने हैं. चंपावत जिले में 3 मार्गों पर 202.18 किलोमीटर सड़कों पर 6.70 करोड़ रुपए की लागत से सेफ्टी के काम होने हैं. बागेश्वर जिले में 5 मार्गों पर 225.92 किलोमीटर सड़कों पर 11.89 करोड़ रुपए की लागत से सेफ्टी के काम होने हैं. अल्मोड़ा जिले में 6 मार्गों पर 537.99 किलोमीटर सड़कों पर 19.60 करोड़ रुपए की लागत से सेफ्टी के काम होने हैं. नैनीताल जिले में 14 मार्गो पर 335.85 किलोमीटर सड़कों पर 20.70 करोड़ रुपए की लागत से सेफ्टी के काम होने हैं. उधमसिंह नगर जिले में 2 मार्गों पर 2.01 करोड़ रुपए की लागत से सेफ्टी के काम होने हैं.

Last Updated :Sep 26, 2023, 4:14 PM IST

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